खगड़ियाः बिहार के खगड़िया से एक बड़ा मामला सामने आया है. परिजनों ने प्रसव पीड़िता को अस्पताल में तो भर्ती कराया, लेकिन देर रात होने के कारण वहां डॉक्टर ही नहीं थे. कुछ ही देर के बाद जब महिला दर्द से कराहने लगी तो एक महिला ने प्रसव पीड़िता का देसी अंदाज में प्रसव कराना शुरू कर दिया. जबकि वह महिला अस्पताल की सफाईकर्मी थी. उसी सफाईकर्मी महिला ने प्रसव कराया, लेकिन बच्चे ने गर्भ में ही दम तोड़ दिया. इससे परिजन आक्रोशित हो गए और रानीसकरपुरा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में हंगामा (Ruckus in Raniskarpura Health and Wellness Center) किया.
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जानकारी दें कि खगड़िया में प्रसव के दौरान बच्चे की मौत हो गई. इसको लेकर परिजनों ने खूब हंगामा किया. मृत बच्चे के परिजन कार्रवाई की मांग पर धरने पर बैठ गए. दरअसल, परिजनों का आरोप है कि सोमवार देर रात करीब 12 बजे रानीसकरपुरा हेल्थ एंड वेलनेस केंद्र पर जब प्रसव के लिए महिला को भर्ती किया गया, उस समय वहां कोई स्वास्थ्यकर्मी मौजूद नहीं थे. जिसके कारण प्रसव में देरी होने पर बच्चे की मौत हो गई. पीड़ित महिला की पहचान रानीसकरपुरा निवासी गांगो साहनी की पत्नी सीता देवी के रूप में हुई है.
परिजनों की मानें तो रानीसकरपुरा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में सोमवार रात न तो कोई डॉक्टर मौजूद थे, न ही कोई स्वास्थ्यकर्मी थे. परिजन के अनुसार प्रसव पीड़ित महिला जब दर्द से ज्यादा कराहने लगी, तो वहां मौजूद एक महिला सफाईकर्मी द्वारा प्रसव की प्रक्रिया शुरू की गई. लेकिन देरी होने के कारण बच्चे ने गर्भ में ही दम तोड़ दिया. लोगों के आक्रोश को देखते हुए सिविल सर्जन खुद पहुंचे. उन्होंने लापरवाही की बात को स्वीकारते हुए ठोस कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब जाकर लोग शांत हुए.
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