ETV Bharat / state

Khagaria News: एक ऐसा गांव जहां लगता है 'भारत माता' का मेला, मां भारती की पूजा के लिए आते हैं लोग - ईटीवी भारत न्यूज

खगड़िया में भारत माता का मेला लगाया जाता है. इसकी शुरूआत 1950 से कर दी गई थी. जानकारी के मुताबिक देश की आजादी के बाद गांव में इस मेले का आयोजन होने लगा. इस मेले में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित होते हैं. इसमें कई लोग भाग लेते हैं. गांव के लोग भारत माता की पूजा पाठ करने के बाद इस मेले की शुरूआत करते हैं.

खगड़िया में 26 जनवरी को भारत माता का मेला
खगड़िया में 26 जनवरी को भारत माता का मेला
author img

By

Published : Jan 27, 2023, 7:55 AM IST

खगड़िया: बिहार के खगड़िया में भारत माता का मेला 26 जनवरी को लगाया जाता है. ग्रामीणों के अनुसार यहां प्रतिवर्ष मेले का आयोजन होता है. वैसे तो आजादी मिले 74 साल बीत चुके हैं. देश को आजादी मिलने के बाद से लगातार अब तक स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस का आयोजन होता है. जबकि खगड़िया का एक ऐसा गांव है जहां भारत माता की प्रतिमा स्थापित करने के बाद पूरे गणतंत्र दिवस के दिन मेले का आयोजन होता है. इस दिन गांव के सभी लोग भारत माता को देवी की तरह फूल माला चढ़ाकर पूजा अर्चना करते हैं.

ये भी पढ़ेंः Bihar Politics: 'कब तक गांधी मैदान में फहरा पाएंगे तिरंगा, पता नहीं.. लालकिला तो दूर की बात', नीतीश पर चिराग का तंज



भारतमाता की पूजा करते ग्रामीण: जिले के पीपरपांती गांव में देश के संविधान लागू होने के बाद 26 जनवरी 1950 ई से ही स्वाधीनता संग्राम में योगदान देने वाले और देश की आजादी के दीवानों ने भारत माता की पूजा अर्चना की है. उसके बाद से आज तक पूरे गांव के लोग इस उत्सव को मिलकर मनाते है. पूरे गांव में उसी दिन से हर 26 जनवरी को 'भारत माता मेला' लगाया जाता है. बताया जाता है कि पूरे उत्तर बिहार का यह इकलौता ऐसा गांव है. जहां मंदिर- मस्जिद से ज्यादा गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत माता मंदिर में पूजा अर्चना करने वालों की भीड़ काफी मात्रा में जुटती है.

देश की गणतंत्र के बाद से मेला का आयोजन: इस गांव के सरकारी स्कूल के पास बनाए गए भारत माता मंदिर में गणतंत्र दिवस पर बच्चों, युवाओं, महिलाओं एवं पुरुषों की भीड़ जुटती है इसके साथ ही पूरे मंदिर परिसर में कई लोग मां भारती की श्रद्धापूर्वक पूजन करते हैं. उसके बाद गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाते हैं.ग्रामीणों के अनुसार आजादी के बाद जब 26 जनवरी 1950 ई को संविधान लागू हुआ. उसी दिन गोगरी प्रखंड के पिपरपांती गांव में स्व दीपनारायण सिंह के भाई कमलाकांत सिंह, पुत्र स्व सुधीर सिंह के अलावे अनुप लाल सिंह, कमलेश्वरी सिंह, श्यामानंद सिंह समेत अन्य ग्रामीणों ने भारत माता की पूजा अर्चना कर झंडोत्तोलन किया था.

देश के गणतंत्र के समय से ही भारत माता की प्रतिमा को स्थापित किया गया और मंदिर का निर्माण हुआ. उसी समय मंदिर में भारत माता की स्थाई प्रतिमा स्थापित की गई और वहां ग्रामीणों के द्वारा पूजा अर्चना की जाती है. उक्त मंदिर में भारत माता के साथ दुर्गा माता की प्रतिमा स्थापित की गई है.

"आजादी के बाद जब 26 जनवरी 1950 ई को संविधान लागू हुआ. उसी दिन गोगरी प्रखंड के पिपरपांती गांव में स्व दीपनारायण सिंह के भाई कमलाकांत सिंह, पुत्र स्व सुधीर सिंह के अलावे अनुप लाल सिंह, कमलेश्वरी सिंह, श्यामानंद सिंह समेत अन्य ग्रामीणों ने भारत माता की पूजा अर्चना कर झंडोत्तोलन किया था. इसलिए हमलोग भी भारत माता की प्रतिमा को स्थापित करने के बाद मंदिर बनवाए ".-चन्देश्वरी प्रसाद यादव,सरपंच

ये भी पढ़ें-Republic Day: 'कर्म ही धर्म है'.. दानापुर बिहार रेजिमेंट की वीर गाथा, करगिल युद्ध में शहीद हुए थे 19 जवान

खगड़िया: बिहार के खगड़िया में भारत माता का मेला 26 जनवरी को लगाया जाता है. ग्रामीणों के अनुसार यहां प्रतिवर्ष मेले का आयोजन होता है. वैसे तो आजादी मिले 74 साल बीत चुके हैं. देश को आजादी मिलने के बाद से लगातार अब तक स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस का आयोजन होता है. जबकि खगड़िया का एक ऐसा गांव है जहां भारत माता की प्रतिमा स्थापित करने के बाद पूरे गणतंत्र दिवस के दिन मेले का आयोजन होता है. इस दिन गांव के सभी लोग भारत माता को देवी की तरह फूल माला चढ़ाकर पूजा अर्चना करते हैं.

ये भी पढ़ेंः Bihar Politics: 'कब तक गांधी मैदान में फहरा पाएंगे तिरंगा, पता नहीं.. लालकिला तो दूर की बात', नीतीश पर चिराग का तंज



भारतमाता की पूजा करते ग्रामीण: जिले के पीपरपांती गांव में देश के संविधान लागू होने के बाद 26 जनवरी 1950 ई से ही स्वाधीनता संग्राम में योगदान देने वाले और देश की आजादी के दीवानों ने भारत माता की पूजा अर्चना की है. उसके बाद से आज तक पूरे गांव के लोग इस उत्सव को मिलकर मनाते है. पूरे गांव में उसी दिन से हर 26 जनवरी को 'भारत माता मेला' लगाया जाता है. बताया जाता है कि पूरे उत्तर बिहार का यह इकलौता ऐसा गांव है. जहां मंदिर- मस्जिद से ज्यादा गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत माता मंदिर में पूजा अर्चना करने वालों की भीड़ काफी मात्रा में जुटती है.

देश की गणतंत्र के बाद से मेला का आयोजन: इस गांव के सरकारी स्कूल के पास बनाए गए भारत माता मंदिर में गणतंत्र दिवस पर बच्चों, युवाओं, महिलाओं एवं पुरुषों की भीड़ जुटती है इसके साथ ही पूरे मंदिर परिसर में कई लोग मां भारती की श्रद्धापूर्वक पूजन करते हैं. उसके बाद गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाते हैं.ग्रामीणों के अनुसार आजादी के बाद जब 26 जनवरी 1950 ई को संविधान लागू हुआ. उसी दिन गोगरी प्रखंड के पिपरपांती गांव में स्व दीपनारायण सिंह के भाई कमलाकांत सिंह, पुत्र स्व सुधीर सिंह के अलावे अनुप लाल सिंह, कमलेश्वरी सिंह, श्यामानंद सिंह समेत अन्य ग्रामीणों ने भारत माता की पूजा अर्चना कर झंडोत्तोलन किया था.

देश के गणतंत्र के समय से ही भारत माता की प्रतिमा को स्थापित किया गया और मंदिर का निर्माण हुआ. उसी समय मंदिर में भारत माता की स्थाई प्रतिमा स्थापित की गई और वहां ग्रामीणों के द्वारा पूजा अर्चना की जाती है. उक्त मंदिर में भारत माता के साथ दुर्गा माता की प्रतिमा स्थापित की गई है.

"आजादी के बाद जब 26 जनवरी 1950 ई को संविधान लागू हुआ. उसी दिन गोगरी प्रखंड के पिपरपांती गांव में स्व दीपनारायण सिंह के भाई कमलाकांत सिंह, पुत्र स्व सुधीर सिंह के अलावे अनुप लाल सिंह, कमलेश्वरी सिंह, श्यामानंद सिंह समेत अन्य ग्रामीणों ने भारत माता की पूजा अर्चना कर झंडोत्तोलन किया था. इसलिए हमलोग भी भारत माता की प्रतिमा को स्थापित करने के बाद मंदिर बनवाए ".-चन्देश्वरी प्रसाद यादव,सरपंच

ये भी पढ़ें-Republic Day: 'कर्म ही धर्म है'.. दानापुर बिहार रेजिमेंट की वीर गाथा, करगिल युद्ध में शहीद हुए थे 19 जवान

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.