खगड़ियाः बीते 6 मई को बिहार के खगड़िया से एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन खुली थी. जिसमें खगड़िया और आस पास के जिले से कुल 244 मजदूरों को तेलंगाना भेजा गया था. जिसके बाद इस बात को लेकर बिहार में राजनीति शुरू हो गई है.
244 मजदूरों को भेजा गया तेलंगाना
वहीं, विपक्ष इस बात को लेकर नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा. वहीं, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इस बात पर सफाई देते हुए कहा कि तेलंगाना के राइस मिल में ये सभी मजदूर काम करते थे और होली के समय छुट्टी में आए थे. उसके बाद लॉक डाउन हो गया और ये फंस गए. जिसके बाद तेलंगाना सरकार ने बिहार सरकार से अनुरोध किया. उस अनुरोध पर इन सभी मजदूरों को भेजा गया और ट्रेन का खर्च तेलंगाना सरकार ने भरा है.
विपक्ष ने साधा नीतीश सरकार पर निशाना
इस बीच ईटीवी भारत की टीम ने उस गांव में जाकर पड़ताल कर सच जानने की कोशिश की जिस गांव से दर्जनों की संख्या में मजदूर तेलंगाना गए हैं. खगड़िया के चौथम प्रखंड के नवादा गांव के विकास कुमार तेलंगाना गए हैं. उनके पिता बिंदेश्वरी महतो ने ईटीवी को बताया कि मेरा बेटा 6 मई को तेलंगाना से स्पेशल ट्रेन से खगड़िया आया और 7 मई को 3 बजकर 45 में वापस 13 लोगों के साथ तेलंगाना चला गया.
खगड़िया के 13 मजदूर गए तेलंगाना
वहीं, दूसरे व्यक्ति विलाश महतो की पत्नी रिंकू देवी ने बताया कि होली के समय से मेरे पति यहां आए थे. लेकिन लॉक डाउन के वजह से जा नहीं पा रहे थे. ऐसे में काम काज छूट जाने की वजह से घर में रोटी की समस्या आने लगी थी. लेकिन गांव के व्यक्ति ऋषि कुमार और विकाश कुमार तेलंगाना से आये और गांव के 13 लोगों को लेकर चले गए. जिसमें मेरे पति विलाश महतो भी शामिल थे.
तेलंगाना सरकार सारी व्यवस्था दे कर बुलाई
वहीं, इस बात को चौथम प्रखंड की प्रमुख रूबी देवी के पति सुजय कुमार ने स्वीकार करते हुए कहा कि तेलंगाना सरकार सारी व्यवस्था दे कर बुलाई तो, गांव के लोग गए हैं, क्योंकि यहां रोजगार की समस्या थी. इस पूरे मामले में बात निकल कर ये आ रही है कि तेलंगाना से आए दो लोग गांव में आकर 13 लोगों को अपने साथ लेकर चले गए. जिला प्रशासन और ग्रामीण कह रहे हैं कि तेलंगाना सरकार अपने यहां राइस मिल में काम करने के लिए आग्रह कर के बुलाई है.
सियासी घमासान
खगड़िया के जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने कहा कि जो मजदूर जाने को इच्छुक थे उन्हें भेजा गया है. जो नहीं जाना चाहते थे, उन्हें नहीं भेजा गया है.