कटिहार: जिला बागवानी विकास समिति की ओर से प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. इस प्रशिक्षण में केले की खेती करने वाले किसान शामिल हुए. केले की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह प्रशिक्षण शिविर लगाया गया.
बता दें कि केलांचल के नाम से मशहूर सीमांचल के किसान अब केले की खेती से दूर होते जा रहे हैं और अन्य खेती की ओर रुख कर गए हैं. बताया जा रहा है कि केले की खेती में पनामा बिल्ट रोग के कारण किसानों को काफी नुकसान हो रहा था. इसके बाद किसान केले की खेती करना छोड़ रहे थे और प्रत्येक साल केले की खेती का रकबा घट रहा था. लिहाजा, केले के किसानों को केले की खेती के प्रति उम्मीद जगाने के उद्देश्य से जिला बागवानी विकास समिति के द्वारा गेडाबाडी कोढा में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर लगाया गया.
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उद्यान विभाग के उप निदेशक पवन कुमार ने बताया कि केले में आई पनामा बेल्ट रोग का इलाज नहीं है. इसके लिए किसानों को फसल चक्र अपनाना चाहिए. उन्होंने बताया कि पनामा विल्ट रोग से बचाव के लिए पहले से ही सुरक्षात्मक उपाय करने चाहिए. केले की रोपाई के समय कई तरह की दवाइयों का प्रयोग करने से पनामा विल्ट रोग का प्रभाव ज्यादा नहीं फैलता है.