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कटिहार: उप स्वास्थ्य केंद्र पर महीनों से लटका है ताला, मवेशी बांधते हैं ग्रामीण - Kolasi Market

कटिहार शहर से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद कोलासी का उप स्वास्थ्य केंद्र अब सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर रह गया है. लोग इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल या विवश होकर कटिहार शहर जाने को मजबूर होते हैं.

कटिहार
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Published : Sep 4, 2020, 10:19 PM IST

कटिहार: कोरोना महामारी काल में बिहार स्वास्थ्य विभाग लगातार बेहतर कार्य करने का दावा कर रहा है. उप स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर पीएचसी तक में कोरोना जांच सुविधाओं की बात कही जा रही है. वहीं कटिहार के कोढ़ा प्रखंड के कोलासी बाजार स्थित हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर सह उप स्वास्थ्य केंद्र में पिछले कई वर्षों से ताला लटका हुआ है. आलम ये है कि यहां कई महीनों से स्थानीय लोग अपने मवेशियों को बांधते हैं.

कटिहार
कटिहार स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति

कटिहार शहर से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद कोलासी का उप स्वास्थ्य केंद्र अब सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर रह गया है. लोग इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल या विवश होकर कटिहार शहर जाने को मजबूर होते हैं. बता दें कि इस इलाके के करीब 15 हजार आबादी की स्वास्थ्य का जिम्मा इसी उप स्वास्थ्य केंद्र को सौंपी गई है, लेकिन डॉक्टर और नर्सों की कमी के कारण यह वैलनेस सेंटर पिछले कई सालों से बंद पड़ी हुई है. इसका नतीजा यह रहा कि ग्रामीण यहां पर अपने जानवरों को बांधते हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

शिकायत पर नहीं हुई सुनवाई
स्थानीय लोगों ने बताया कि कई महीने से इस उप स्वास्थ्य केंद्र में ताला लटका हुआ है. कोई भी चिकित्सक या स्वास्थ्य कर्मचारी यहां नहीं आते हैं. इस वजह से स्थानीय लोग इलाज के लिए पूर्णिया या कटिहार शहर जाते हैं. साथ ही लोगों ने बताया कि उप स्वास्थ्य केंद्र को चालू कराने को लेकर भी कई बार विभागीय स्तर से बात की गई, लेकिन किसी भी अधिकारी ने इस पर अमल नहीं किया.

कटिहार
कटिहार सिविल सर्जन डॉक्टर डीएन पांडे

'जिले में चिकित्सकों की कमी'
वहीं मामले में कटिहार के सिविल सर्जन डॉक्टर डीएन पांडे ने बताया कि जिले में चिकित्सकों की कमी है. जिस कारण कई उप स्वास्थ्य केंद्र बंद पड़े हुए हैं. बिहार सरकार जल्द ही चिकित्सकों की बहाली कर रही है. चिकित्सकों के आने पर जिले के सभी उप स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की मौजूदगी सुनिश्चित कराई जाएगी. वहीं स्थानीय नरेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को निशुल्क उपचार उपलब्ध कराना महज दिखावा बनकर रह गया है. जिले में आज भी कई ऐसे उप स्वास्थ्य केंद्र हैं जहां चिकित्सकों की कमी के कारण लाखों की लागत से बने उप स्वास्थ्य केंद्र पर वर्षों से ताला लटका हुआ है.

कटिहार: कोरोना महामारी काल में बिहार स्वास्थ्य विभाग लगातार बेहतर कार्य करने का दावा कर रहा है. उप स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर पीएचसी तक में कोरोना जांच सुविधाओं की बात कही जा रही है. वहीं कटिहार के कोढ़ा प्रखंड के कोलासी बाजार स्थित हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर सह उप स्वास्थ्य केंद्र में पिछले कई वर्षों से ताला लटका हुआ है. आलम ये है कि यहां कई महीनों से स्थानीय लोग अपने मवेशियों को बांधते हैं.

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कटिहार स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति

कटिहार शहर से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद कोलासी का उप स्वास्थ्य केंद्र अब सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर रह गया है. लोग इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल या विवश होकर कटिहार शहर जाने को मजबूर होते हैं. बता दें कि इस इलाके के करीब 15 हजार आबादी की स्वास्थ्य का जिम्मा इसी उप स्वास्थ्य केंद्र को सौंपी गई है, लेकिन डॉक्टर और नर्सों की कमी के कारण यह वैलनेस सेंटर पिछले कई सालों से बंद पड़ी हुई है. इसका नतीजा यह रहा कि ग्रामीण यहां पर अपने जानवरों को बांधते हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

शिकायत पर नहीं हुई सुनवाई
स्थानीय लोगों ने बताया कि कई महीने से इस उप स्वास्थ्य केंद्र में ताला लटका हुआ है. कोई भी चिकित्सक या स्वास्थ्य कर्मचारी यहां नहीं आते हैं. इस वजह से स्थानीय लोग इलाज के लिए पूर्णिया या कटिहार शहर जाते हैं. साथ ही लोगों ने बताया कि उप स्वास्थ्य केंद्र को चालू कराने को लेकर भी कई बार विभागीय स्तर से बात की गई, लेकिन किसी भी अधिकारी ने इस पर अमल नहीं किया.

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कटिहार सिविल सर्जन डॉक्टर डीएन पांडे

'जिले में चिकित्सकों की कमी'
वहीं मामले में कटिहार के सिविल सर्जन डॉक्टर डीएन पांडे ने बताया कि जिले में चिकित्सकों की कमी है. जिस कारण कई उप स्वास्थ्य केंद्र बंद पड़े हुए हैं. बिहार सरकार जल्द ही चिकित्सकों की बहाली कर रही है. चिकित्सकों के आने पर जिले के सभी उप स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की मौजूदगी सुनिश्चित कराई जाएगी. वहीं स्थानीय नरेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को निशुल्क उपचार उपलब्ध कराना महज दिखावा बनकर रह गया है. जिले में आज भी कई ऐसे उप स्वास्थ्य केंद्र हैं जहां चिकित्सकों की कमी के कारण लाखों की लागत से बने उप स्वास्थ्य केंद्र पर वर्षों से ताला लटका हुआ है.

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