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35 शिक्षकों के भरोसे 13000 छात्र, दर्शन शाह महाविद्यालय में अधर में है छात्रों की पढ़ाई - कटिहार के महाविद्यालय का हाल

जिले के दर्शन शाह महाविद्यालय में शिक्षकों के लिए 72 पद सृजित हैं लेकिन सिर्फ 35 शिक्षक ही उपलब्ध हैं. महाविद्यालय के 13000 छात्र-छात्राओं का भविष्य इन्हीं के भरोसे है. इसके अलावा बाकि संसाधनों की भी घोर कमी है.

Katihar
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Published : Mar 1, 2020, 12:14 PM IST

कटिहारः जिले के सबसे पुराने शिक्षण संस्थान दर्शन शाह महाविद्यालय को हाल ही में नैक का प्रमाणन दिया गया है. लेकिन इस महाविद्यालय में शिक्षकों की घोर कमी है. महज 50 फीसदी शिक्षकों के भरोसे इस कॉलेज के 13000 छात्र-छात्राओं का भविष्य है. 72 शिक्षकों के पद वाले महाविद्यालय में महज 35 शिक्षक हैं.

पूर्णिया विश्वविद्यालय अंतर्गत कटिहार जिले का प्रतिष्ठित दर्शन शाह महाविद्यालय को 1953 में स्थापित किया गया था. जिसमें इंटर, स्नातक और स्नातकोत्तर के कुल 18 विषयों की पढ़ाई होती है. इसके लिए कुल 72 शिक्षकों का पद सृजित किए गए हैं. लेकिन कॉलेज में फिलहाल पढ़ाने के लिए महज 35 शिक्षक ही मौजूद हैं.

संसाधनों की है कमी
बता दें कि दर्शन शाह महाविद्यालय को नैक प्रमाणन मिलने के बाद कॉलेज में शिक्षा का माहौल बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है लेकिन अब भी शिक्षक, कर्मचारी और संसाधनों की घोर कमी है. जिससे छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं दर्शन शाह महाविद्यालय में क्लास रूम का भी अभाव है.

Katihar
दर्शन शाह महाविद्यालय का मुख्यद्वार

भूगोल और गृह विज्ञान के नहीं हैं शिक्षक
डीएस कॉलेज के छात्र मोहम्मद इकबाल ने ईटीवी भारत को धन्यवाद देते हुए कहा कि पिछले दिनों पहले कॉलेज में शिक्षकों की कमी पर खबर दिखाई गई थी. जिसके बाद शिक्षकों में वृद्धि हुई है लेकिन अभी भी शिक्षकों की कमी है. कॉलेज में भूगोल और गृह विज्ञान विषय के शिक्षक नहीं हैं.

'विश्वविद्यालय के लिखा पत्र, कोई जवाब नहीं मिली'
कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. अशोक कुमार सिंह बताते हैं कॉलेज में कुल शिक्षकों के लिए 72 पद सृजित हैं लेकिन सिर्फ 35 शिक्षक ही उपलब्ध हैं. 13000 छात्रों को इन शिक्षकों के जरिए ही एडजस्ट कर के पढ़ाया जा रहा है. शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए पूर्णिया विश्वविद्यालय को कई बार पत्राचार किया गया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. प्रधानाचार्य का मानना है अगर शिक्षकों की कमी को दूर कर दिया जाता तो हाल में मिले नैक सी का प्रमाणन के बदले शायद नैक ए ग्रेड भी मिल सकता था.

पेश है रिपोर्ट

नए बजट से उम्मीद
कुछ दिन पहले ही बिहार विधानसभा में 2020-21 का बजट पेश किया गया है. जिसमें शिक्षा के क्षेत्र में सबसे ज्यादा रुपये आवंटित किए गए हैं. ऐसे में लोगों को उम्मीद है कि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार जल्द से जल्द महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति करेंगे. ताकि यहां के छात्र-छात्राओं के भविष्य को संवारा जा सके.

कटिहारः जिले के सबसे पुराने शिक्षण संस्थान दर्शन शाह महाविद्यालय को हाल ही में नैक का प्रमाणन दिया गया है. लेकिन इस महाविद्यालय में शिक्षकों की घोर कमी है. महज 50 फीसदी शिक्षकों के भरोसे इस कॉलेज के 13000 छात्र-छात्राओं का भविष्य है. 72 शिक्षकों के पद वाले महाविद्यालय में महज 35 शिक्षक हैं.

पूर्णिया विश्वविद्यालय अंतर्गत कटिहार जिले का प्रतिष्ठित दर्शन शाह महाविद्यालय को 1953 में स्थापित किया गया था. जिसमें इंटर, स्नातक और स्नातकोत्तर के कुल 18 विषयों की पढ़ाई होती है. इसके लिए कुल 72 शिक्षकों का पद सृजित किए गए हैं. लेकिन कॉलेज में फिलहाल पढ़ाने के लिए महज 35 शिक्षक ही मौजूद हैं.

संसाधनों की है कमी
बता दें कि दर्शन शाह महाविद्यालय को नैक प्रमाणन मिलने के बाद कॉलेज में शिक्षा का माहौल बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है लेकिन अब भी शिक्षक, कर्मचारी और संसाधनों की घोर कमी है. जिससे छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं दर्शन शाह महाविद्यालय में क्लास रूम का भी अभाव है.

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दर्शन शाह महाविद्यालय का मुख्यद्वार

भूगोल और गृह विज्ञान के नहीं हैं शिक्षक
डीएस कॉलेज के छात्र मोहम्मद इकबाल ने ईटीवी भारत को धन्यवाद देते हुए कहा कि पिछले दिनों पहले कॉलेज में शिक्षकों की कमी पर खबर दिखाई गई थी. जिसके बाद शिक्षकों में वृद्धि हुई है लेकिन अभी भी शिक्षकों की कमी है. कॉलेज में भूगोल और गृह विज्ञान विषय के शिक्षक नहीं हैं.

'विश्वविद्यालय के लिखा पत्र, कोई जवाब नहीं मिली'
कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. अशोक कुमार सिंह बताते हैं कॉलेज में कुल शिक्षकों के लिए 72 पद सृजित हैं लेकिन सिर्फ 35 शिक्षक ही उपलब्ध हैं. 13000 छात्रों को इन शिक्षकों के जरिए ही एडजस्ट कर के पढ़ाया जा रहा है. शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए पूर्णिया विश्वविद्यालय को कई बार पत्राचार किया गया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. प्रधानाचार्य का मानना है अगर शिक्षकों की कमी को दूर कर दिया जाता तो हाल में मिले नैक सी का प्रमाणन के बदले शायद नैक ए ग्रेड भी मिल सकता था.

पेश है रिपोर्ट

नए बजट से उम्मीद
कुछ दिन पहले ही बिहार विधानसभा में 2020-21 का बजट पेश किया गया है. जिसमें शिक्षा के क्षेत्र में सबसे ज्यादा रुपये आवंटित किए गए हैं. ऐसे में लोगों को उम्मीद है कि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार जल्द से जल्द महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति करेंगे. ताकि यहां के छात्र-छात्राओं के भविष्य को संवारा जा सके.

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