ETV Bharat / state

रेलवे में निजीकरण के खिलाफ सड़कों पर उतरे कर्मचारी, सरकार और रेल प्रशासन के खिलाफ बोला हल्ला

लोगों का कहना था कि रेलवे के निजीकरण से ना केवल रेलकर्मी बल्कि देश का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा. रेलवे के निजीकरण से रेलवे कर्मचारियों का पतन हो जायेगा और बेरोजगारी की समस्या बढ़ेगी. भारतीय रेल गिने-चुने पूंजीपतियों के हाथों में चले जाने से सरकारी नौकरी में आम जनता की भागीदारी नहीं रहेगी.

author img

By

Published : Jul 28, 2019, 12:13 PM IST

विरोध-प्रदर्शन कर रहे रेल कर्मचारी यूनियन

कटिहार: रेलवे में निजीकरण और अन्य समस्याओं के खिलाफ जिले की सड़कों पर रेल कर्मचारी यूनियन ने एक बाइक रैली निकालकर सरकार और रेल प्रशासन को खिलाफ जमकर हल्ला बोला. इस दौरान विरोध प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने कहा कि रेल में वरीय अधिकारियों की कॉलोनी, सड़कें और आवास चकाचक होते हैं. लेकिन रेलवे के निम्न कर्मचारियों की कॉलोनियों की हालत बेहद खराब होती है.

रेलवे धीरे-धीरे निजीकरण की ओर
विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि सरकार धीरे-धीरे रेलवे को निजीकरण की ओर ले जा रही है. जो बर्दाश्त नहीं होगा. रेलवे के निजीकरण से रेलवे कर्मचारियों का पतन हो जायेगा और बेरोजगारी की समस्या बढ़ेगी. भारतीय रेल गिने-चुने पूंजीपतियों के हाथों में चले जाने से सरकारी नौकरी में आम जनता की भागीदारी नहीं रहेगी.

रेल कर्मचारी यूनियन के सचिव रूपेश कुमार
रेल कर्मचारी यूनियन के सचिव रूपेश कुमार

मंडल रेलवे अस्पताल जर्जर
इस विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व NFREU के तत्वाधान में किया गया था. मौके पर यूनियन के सचिव रूपेश कुमार ने बताया कि रेलवे के निजीकरण से ना केवल रेलकर्मी बल्कि देश का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा. रेलवे कॉलोनियों की स्थिति जर्जर हो चुकी है. मंडल रेलवे अस्पताल जर्जर स्थिति में है . इस ओर रेलवे के वरिय अधिकारीयों और सरकार का ध्यान आकृष्ट नहीं हो पा रहा है. जिससे सम्सयाएं बढ़़ती जा रही है. इसलिए अगर समय रहते सरकार नहीं चेतती है तो और तेज आंदोलन कर रेल चक्का जाम किया जाएगा.

विरोध-प्रदर्शन कर रहे रेल कर्मचारी यूनियन

एनपीएस भी है मुद्दा
रेलकर्मियों ने कहा कि रेलवे में निजीकरण और एनपीएस लागू करने के लिए गए निर्णय को केन्द्र सरकार वापस ले नहीं तो लगातार विरोध प्रदर्शन किया जाता रहेगा. उन्होंने कहा कि हमलोगों की मांगें जायज है और सरकार इसे पूरी करे. गौरतलब है कि दुनिया की सबसे बड़ी रेल सेवाओं में से एक भारतीय रेलवे 1853 में अपनी स्थापना के समय से सरकार के हाथों में रही है. विगत दिन पहले ख़बर आई थी कि लखनऊ से दिल्ली को प्रस्तावित तेजस एक्सप्रेस को निजी हाथों में देने की तैयारी पूरी हो गई है. जिसके बाद रेलवे में निजीकरण कि बात देश में जंगल की आग के तरह फैल गया था.

कटिहार: रेलवे में निजीकरण और अन्य समस्याओं के खिलाफ जिले की सड़कों पर रेल कर्मचारी यूनियन ने एक बाइक रैली निकालकर सरकार और रेल प्रशासन को खिलाफ जमकर हल्ला बोला. इस दौरान विरोध प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने कहा कि रेल में वरीय अधिकारियों की कॉलोनी, सड़कें और आवास चकाचक होते हैं. लेकिन रेलवे के निम्न कर्मचारियों की कॉलोनियों की हालत बेहद खराब होती है.

रेलवे धीरे-धीरे निजीकरण की ओर
विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि सरकार धीरे-धीरे रेलवे को निजीकरण की ओर ले जा रही है. जो बर्दाश्त नहीं होगा. रेलवे के निजीकरण से रेलवे कर्मचारियों का पतन हो जायेगा और बेरोजगारी की समस्या बढ़ेगी. भारतीय रेल गिने-चुने पूंजीपतियों के हाथों में चले जाने से सरकारी नौकरी में आम जनता की भागीदारी नहीं रहेगी.

रेल कर्मचारी यूनियन के सचिव रूपेश कुमार
रेल कर्मचारी यूनियन के सचिव रूपेश कुमार

मंडल रेलवे अस्पताल जर्जर
इस विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व NFREU के तत्वाधान में किया गया था. मौके पर यूनियन के सचिव रूपेश कुमार ने बताया कि रेलवे के निजीकरण से ना केवल रेलकर्मी बल्कि देश का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा. रेलवे कॉलोनियों की स्थिति जर्जर हो चुकी है. मंडल रेलवे अस्पताल जर्जर स्थिति में है . इस ओर रेलवे के वरिय अधिकारीयों और सरकार का ध्यान आकृष्ट नहीं हो पा रहा है. जिससे सम्सयाएं बढ़़ती जा रही है. इसलिए अगर समय रहते सरकार नहीं चेतती है तो और तेज आंदोलन कर रेल चक्का जाम किया जाएगा.

विरोध-प्रदर्शन कर रहे रेल कर्मचारी यूनियन

एनपीएस भी है मुद्दा
रेलकर्मियों ने कहा कि रेलवे में निजीकरण और एनपीएस लागू करने के लिए गए निर्णय को केन्द्र सरकार वापस ले नहीं तो लगातार विरोध प्रदर्शन किया जाता रहेगा. उन्होंने कहा कि हमलोगों की मांगें जायज है और सरकार इसे पूरी करे. गौरतलब है कि दुनिया की सबसे बड़ी रेल सेवाओं में से एक भारतीय रेलवे 1853 में अपनी स्थापना के समय से सरकार के हाथों में रही है. विगत दिन पहले ख़बर आई थी कि लखनऊ से दिल्ली को प्रस्तावित तेजस एक्सप्रेस को निजी हाथों में देने की तैयारी पूरी हो गई है. जिसके बाद रेलवे में निजीकरण कि बात देश में जंगल की आग के तरह फैल गया था.

Intro:......निजीकरण और अन्य समस्याओं के खिलाफ कटिहार में सड़कों पर उतरा रेल कर्मचारी यूनियन .....। सैकड़ों कर्मचारियों ने बाइक रैली निकाल रेल प्रशासन के खिलाफ हल्ला बोल ....। कर्मचारियों की माँग कि बाबुओं की कॉलोनी की सड़कें और आवास बेहतर और चकाचक तो कर्मचारियों के कॉलोनियों के हालात नरक जैसे क्यों ......।


Body:यह दृश्य कटिहार रेल मंडल कार्यालय के बाहर का हैं जहाँ रेलवे कर्मचारी एनएफ रेलवे कर्मचारी एसोसिएशन के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे हैं । इस मौके पर एनएफ रेलवे कर्मचारी यूनियन के सचिव रूपेश कुमार ने बताया कि आज निजीकरण को रेल में लाया जा रहा है जिससे ना केवल रेलकर्मी और उसके परिजन बल्कि जो नवयुवक है , उसका भी भविष्य अंधकार में होते जा रहा है .....। उसे लेकर हम लोगों ने संघर्ष करने का काम किया है जिस तरह से आज रेलवे कॉलोनियों में स्थिति जर्जर हो चुकी है, नाले जर्जर हो चुके हैं , जिधर अधिकारी रहते हैं उधर आवास नाले की स्थिति बेहतर है और जिधर कर्मचारी रहते हैं उधर किसी का भी ध्यान आकृष्ट नहीं हो पा रहा है .....। मंडल रेलवे अस्पताल जर्जर स्थिति में है जहाँ रेल कर्मियों के परिजन इलाज के लिए जाते हैं जबकि रेलवे अस्पताल खुद ही मरीज की तरह ट्रीट हो रहा है तो यहाँ किस तरह से इलाज होगा , यह चिंता का विषय है ......। उन्होंने बताया कि नई पेंशन स्कीम 2006 लागू हुआ है , हम लोग उसका शुरू से ही विरोध करने का काम किये हैं लेकिन वर्तमान सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है , हम लोग इसके लिये और तेज आंदोलन करेंगे ......।


Conclusion:कर्मचारियों की यह हल्ला बोल रैली सभी कॉलोनियों में घूमते हुए मंडल कार्यालय में विशाल जनसभा में परिणत हो गया जहाँ अन्य वक्ताओं ने पीने के पानी की समुचित व्यवस्था का ना होना , रेल कॉलोनियों में नालियों की जर्जर स्थिति , संरक्षण विभाग के क्षेत्र में भी निजीकरण का विरोध , एनपीएस जैसे मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया......।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.