कटिहार: बिहार और झारखंड को मनिहारी घाट के रास्ते जोड़ने वाला संपर्क पथ की स्थिति इन दिनों काफी जर्जर है. जिले के मनिहारी बस स्टैंड से गंगाघाट के पांच किलोमीटर के सफर में पैदल चलना भी मुश्किल हैं. वहीं बारिश के जलजमाव में परेशानी दोगुनी हो गयी हैं. इस सड़क पर लगभग आधा फीट लगे कीचड़ के कारण वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना काफी प्रबल रहती है.
जिले के मनिहारी बस स्टैंड से मनिहारी गंगा घाट तक पांच किलोमीटर की सड़क बिल्कुल जर्जर हालत में हैं. सड़कों पर बने बड़े-बड़े गड्ढ़े में बरसात का पानी और कीचड़ घुस गया हैं. इस कारण राहगीरों को गड्ढे का अनुमान नहीं चल पाता. इससे कई वाहन चालक इन गड्ढ़ों में गिर जाते हैं. कई लोग रोजाना घायल होते हैं.
पैदल चलना भी है खतरनाक
इस सड़क पर बड़े-बड़े ट्रक भी फंस जाते हैं. इसे निकालने में वाहन चालकों को काफी परेशानी होती है. स्थानीय निवासी करण मानस बताते हैं कि इस सड़क से हर वर्ष सरकार को लाखों रुपये का राजस्व प्राप्त होता है. चाहे गंगा दशहरा हो या फिर हो सावन का महीना, हर साल यहां पूर्णिया, कोसी प्रमंडल के साथ पड़ोसी देश नेपाल और भूटान से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पूजा-पाठ करने पहुंचते हैं. लेकिन किसी ने इस सड़क की दुर्दशा पर ध्यान नहीं दिया. वहीं स्थानीय उमेश चौरसिया बताते हैं कि इस सड़क ने जीना मुहाल कर डाला है. गड्ढे भरे सड़क, कीचड़ और उसमें चिकनी मिट्टी होने से यहां पैदल चलना भी खतरनाक है.
पीएम कर चुके हैं साहेबगंज में कार्यारम्भ
बता दें कि भारत सरकार ने मनिहारी और साहेबगंज के बीच गंगानदी पर पुल बनाने की घोषणा की है. साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस कार्य की नींव वर्ष 2017 में झारखंड के साहेबगंज से की है. लेकिन अभी भी यह सड़क अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है.