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कटिहार: नल-जल योजना का नहीं मिल रहा लाभ, बूंद-बूंद के लिए तरस रहे लोग - nitish kumar

ग्रामीण बताते हैं कि सरकार ने नल-जल योजना के तहत पानी की टंकी और कुछ जगहों पर नल लगवाई थी. लेकिन, ये महज एक शोभा बनकर रह गई है. यहां किसी भी नल से पानी नहीं आता है.

पानीकी टंकी
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Published : Jul 8, 2019, 10:58 AM IST

कटिहार: सीएम नीतीश कुमार की नल-जल योजना जिले में विफल साबित हुई है. सरकार की हर घर जल पहुंचाने का दावा पूरा होता नहीं दिख रहा है. यहां पानी के लिए लोग तरस रहे हैं. सरकार ने नल तो लगा दिया है. लेकिन, उसमें जल डालना भूल गई.

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सूखा पड़ा नल

इतने की लागत से रखी आधारशीला
जिले के कोढ़ा प्रखंड स्थित गोविंदपुर गांव में पानी के लिए हाहाकार मचा है. पिछले 2 साल पहले सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा 15 लाख की लागत से गांव में इस योजना के तहत नल लगाया गया था. लेकिन, इसके बाद न तो सीएम ने पीछे मुड़ के देखा और न ही नल से जल आया. लोगों को पानी के लिए काफी मशक्कत करना पड़ रहा है.

katihar
ग्रामीण

बूंद-बूंद के तरस रहे लोग
ग्रामीण बताते हैं कि सरकार ने नल-जल योजना के तहत पानी की टंकी और कुछ जगहों पर नल लगवाई थी. लेकिन, ये महज एक शोभा बनकर रह गई है. यहां किसी भी नल से पानी नहीं आता है. बूंद-बूंद के लिए तरसना पड़ रहा है. वहीं, दूसरे ग्रामीण ने बताया कि जिस वक्त ये नल लगाया गाया था. उस वक्त कुछ दिन पानी आया था. लेकिन, बाद में फिर पानी आना बंद हो गया. उन्होंने कहा कि जब कोई मंत्री गांव आता है तभी पानी आता है. पिछले कई महीनों से पानी की एक बूंद तक नसीब नहीं हुई है. लिहाजा घर में लगे चापाकल से ही काम चलाना पड़ता है.

देखिए एक रिपोर्ट

मवेशी बांध रहे ग्रामीण
नल-जल योजना के तहत सरकार ने आधारशीला तो रख दी. लेकिन, इसे सुचारु रुप से चालू करना भूल गई है. जिस कारण ग्रामीणों ने यहां मवेशी बांधना शुरू कर दिया है. ग्रमीणों के मुताबिक पानी आता ही नहीं है. सरकार का बनाया ये भवन भी कोई काम का नहीं रहा. इसीलिए मवेशी बांध देते हैं.

कटिहार: सीएम नीतीश कुमार की नल-जल योजना जिले में विफल साबित हुई है. सरकार की हर घर जल पहुंचाने का दावा पूरा होता नहीं दिख रहा है. यहां पानी के लिए लोग तरस रहे हैं. सरकार ने नल तो लगा दिया है. लेकिन, उसमें जल डालना भूल गई.

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सूखा पड़ा नल

इतने की लागत से रखी आधारशीला
जिले के कोढ़ा प्रखंड स्थित गोविंदपुर गांव में पानी के लिए हाहाकार मचा है. पिछले 2 साल पहले सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा 15 लाख की लागत से गांव में इस योजना के तहत नल लगाया गया था. लेकिन, इसके बाद न तो सीएम ने पीछे मुड़ के देखा और न ही नल से जल आया. लोगों को पानी के लिए काफी मशक्कत करना पड़ रहा है.

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ग्रामीण

बूंद-बूंद के तरस रहे लोग
ग्रामीण बताते हैं कि सरकार ने नल-जल योजना के तहत पानी की टंकी और कुछ जगहों पर नल लगवाई थी. लेकिन, ये महज एक शोभा बनकर रह गई है. यहां किसी भी नल से पानी नहीं आता है. बूंद-बूंद के लिए तरसना पड़ रहा है. वहीं, दूसरे ग्रामीण ने बताया कि जिस वक्त ये नल लगाया गाया था. उस वक्त कुछ दिन पानी आया था. लेकिन, बाद में फिर पानी आना बंद हो गया. उन्होंने कहा कि जब कोई मंत्री गांव आता है तभी पानी आता है. पिछले कई महीनों से पानी की एक बूंद तक नसीब नहीं हुई है. लिहाजा घर में लगे चापाकल से ही काम चलाना पड़ता है.

देखिए एक रिपोर्ट

मवेशी बांध रहे ग्रामीण
नल-जल योजना के तहत सरकार ने आधारशीला तो रख दी. लेकिन, इसे सुचारु रुप से चालू करना भूल गई है. जिस कारण ग्रामीणों ने यहां मवेशी बांधना शुरू कर दिया है. ग्रमीणों के मुताबिक पानी आता ही नहीं है. सरकार का बनाया ये भवन भी कोई काम का नहीं रहा. इसीलिए मवेशी बांध देते हैं.

Intro:कटिहार

मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल योजना टायं टायं फिस्स। दिखावा के लिए सिर्फ लगा दिया गया है नल और जल मीनार। पिछले 2 वर्षों से नहीं मिल रह है इस योजना का लाभ। मंत्री और विधायक के आने पर बस कुछ दिनों के लिए लोगों को दी जाती है इस योजना का लाभ।


Body:कोढा प्रखंड के गोविंदपुर गांव में मुख्यमंत्री 7 निश्चय के महत्वपूर्ण और जन उपयोगी हर घर नल का जल देने की योजना जमीनी स्तर पर टायं टायं फिस्स दिख रहा है। दरअसल 2 साल पहले सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा 15 लाख की लागत से गांव में लगाए गए नल जल का आधारशिला रखी थी जिसके बाद सभी ग्रामीणो के घर में नल भी लगाए गए लेकिन उसके बाद से आज तक किसी घरों के नल में एक बूंद पानी तक नहीं आई।

नलों से पानी नहीं आने के कारण लोग नल के आसपास जलावन रखे नजर आए। पूछने पर बताया गया यह जल मीनार और नल सिर्फ दिखावे के लिए लगा दिया गया है। जब नल से पानी ही नहीं आती तो क्या करें। अगर नल से पानी मिलने लगेगी तो जलावन नल के पास से हटा देंगे और साफ-सफाई रखेंगे।


Conclusion:स्थानीय लोगों की मानें तो कुछ महीने पहले यहां पर हर घर नल योजना का निरीक्षण करने बिहार सरकार के मंत्री श्याम रजक पहुंचे थे। उस समय सिर्फ दो-तीन दिन पानी दिया गया जैसे ही नेताजी यहां से गये कि पानी बंद कर दी गई। फिलहाल यहां के लोग अपने घरों में लगाए गए चापाकल से ही काम चला रहे हैं और अपना दिनचर्या का काम निपटा रहे हैं।

एक और मुख्यमंत्री जी हर घर नल पहुंचाने की बात करते हैं नल भी लगाते हैं लेकिन यह योजना दम तोड़ती नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री जी सदन में कहते हैं हमने हर घरों में नल पहुंचा दिया है और लोग इस नल का उपयोग भैंस धोने और खेतों के पटवन करने के लिए प्रयोग कर रहे हैं लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। जब लोगों तक नल का पानी पहुंच ही नहीं रहा है तो लोग भैंस कैसे धोएंगे और पटवन कैसे करेंगे?
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