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कटिहार सदर अस्पताल में डॉक्टरों का घोर अभाव, मरीजों को हो रही परेशानी

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Published : Dec 26, 2019, 6:56 PM IST

सदर अस्पताल में मरीजों को सही इलाज नहीं मिलता, तो कुछ मरीज निजी डॉक्टरों को दिखा लेते हैं. लेकिन गरीब लोग ऐसा नही कर सकते हैं. जिस कारण उनको दिक्कतें झेलनी ही पड़ती हैं.

katihar sadar hospital
katihar sadar hospital

कटिहार: जिले के सदर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यहां की आबादी लगभग 35 लाख की है. जिसपर अस्पताल में केवल 160 डॉक्टर ही मौजूद हैं. इसके लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा गया है, लेकिन अभी तक डॉक्टरों की कमी पूरी नहीं की गई है.

सदर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी
सूबे के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री बिहार में स्वास्थ्य सेवा को लेकर लगातार दावे करते हैं, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. दरअसल, जिले में एक ही सदर अस्पताल है, जिसमें लोगों को इलाज सस्ते दर में मिल जाता है. यहां की आबादी लगभग 35 लाख की है. लेकिन इस सदर अस्पताल में केवल 160 ही डॉक्टर मौजूद हैं. जिस कारण दूर से आने वालों मरीजों को कभी-कभी इलाज के बिना ही वापस जाना पड़ता है.

katihar sadar hospital
अस्पताल के अंदर की तस्वीर

दिनभर इंतजार के बाद भी नहीं होता इलाज
प्राणपुर प्रखंड से इलाज कराने पहुंचे लकाड़ी परिहार ने बताया कि सुबह के 10 बजे से इलाज के लिए लाइन में लगे हुए हैं. लेकिन अभी तक डॉक्टर नहीं पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि इलाज के लिए पर्ची कब की काट दी गई है, लेकिन डॉक्टर साहब अपने कैमरे में बैठे ही नहीं हैं तो इलाज कैसे होगा?

कटिहार सदर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी

राज्य सरकार को लिखा गया पत्र
सिविल सर्जन अरविंद प्रसाद शाही ने बताया कि कटिहार में डॉक्टरों की घोर कमी है. 250 डॉक्टरों की जगह सिर्फ 160 डॉक्टर हैं. डॉक्टरों की कमी को पूरी करने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिख दिया गया है. जल्द ही जिले में डॉक्टर की कमी से निजात मिल सकेगा. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों के आने से मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध हो सकेगा.

katihar sadar hospital
दूर से आते हैं मरीज

गरीबों को परेशानी
बता दें कि सदर अस्पताल में मरीजों को सही इलाज नहीं मिलता तो कुछ मरीज निजी डॉक्टरों को दिखा लेते हैं. लेकिन गरीब लोग ऐसा नहीं कर सकते हैं. जिस कारण उनको दिक्कतें झेलनी ही पड़ती हैं.

कटिहार: जिले के सदर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यहां की आबादी लगभग 35 लाख की है. जिसपर अस्पताल में केवल 160 डॉक्टर ही मौजूद हैं. इसके लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा गया है, लेकिन अभी तक डॉक्टरों की कमी पूरी नहीं की गई है.

सदर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी
सूबे के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री बिहार में स्वास्थ्य सेवा को लेकर लगातार दावे करते हैं, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. दरअसल, जिले में एक ही सदर अस्पताल है, जिसमें लोगों को इलाज सस्ते दर में मिल जाता है. यहां की आबादी लगभग 35 लाख की है. लेकिन इस सदर अस्पताल में केवल 160 ही डॉक्टर मौजूद हैं. जिस कारण दूर से आने वालों मरीजों को कभी-कभी इलाज के बिना ही वापस जाना पड़ता है.

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अस्पताल के अंदर की तस्वीर

दिनभर इंतजार के बाद भी नहीं होता इलाज
प्राणपुर प्रखंड से इलाज कराने पहुंचे लकाड़ी परिहार ने बताया कि सुबह के 10 बजे से इलाज के लिए लाइन में लगे हुए हैं. लेकिन अभी तक डॉक्टर नहीं पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि इलाज के लिए पर्ची कब की काट दी गई है, लेकिन डॉक्टर साहब अपने कैमरे में बैठे ही नहीं हैं तो इलाज कैसे होगा?

कटिहार सदर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी

राज्य सरकार को लिखा गया पत्र
सिविल सर्जन अरविंद प्रसाद शाही ने बताया कि कटिहार में डॉक्टरों की घोर कमी है. 250 डॉक्टरों की जगह सिर्फ 160 डॉक्टर हैं. डॉक्टरों की कमी को पूरी करने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिख दिया गया है. जल्द ही जिले में डॉक्टर की कमी से निजात मिल सकेगा. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों के आने से मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध हो सकेगा.

katihar sadar hospital
दूर से आते हैं मरीज

गरीबों को परेशानी
बता दें कि सदर अस्पताल में मरीजों को सही इलाज नहीं मिलता तो कुछ मरीज निजी डॉक्टरों को दिखा लेते हैं. लेकिन गरीब लोग ऐसा नहीं कर सकते हैं. जिस कारण उनको दिक्कतें झेलनी ही पड़ती हैं.

Intro:कटिहार

जिले में स्वास्थ्य सेवा हुई बदहाल, 35 लाख की आबादी के स्वास्थ्य का जिम्मा महज 160 डॉक्टरों पर, घंटों इंतजार के बाद मरीजों को नहीं हो पाता इलाज, बगैर इलाज के लौट जाते हैं मरीज, सरकार का स्वास्थ्य सेवा में हो रहे सुधार को लेकर दावा जमीनी स्तर पर फेल।


Body:Anchor_ सूबे के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री बिहार में स्वास्थ्य सेवा को लेकर लगातार दावे करते हैं कि राज्य में स्वास्थ्य सेवा बेहतर हो रहे हैं। जब मरीजों की हाल जानने और सरकार के द्वारा स्वास्थ्य सेवा को लेकर किए गए दावे का जायजा लेने जब ईटीवी भारत जिले का सबसे बड़ा चिकित्सालय कटिहार सदर अस्पताल पहुंचा तो सरकार के सारे वादे झूठे निकले।

V.O1_ दरअसल कटिहार के कुल 35 लाख आबादी के स्वास्थ्य का जिम्मा कटिहार सदर अस्पताल को है लेकिन इतने बड़े चिकित्सालय होने के बावजूद जिले में डॉक्टरों की घोर कमी है यही वजह है कि मरीजों को लंबे इंतजार के बाद भी इलाज नहीं हो पाता और बैरन खाली हाथ वापस लौट जाते हैं।

V.O2_ कटिहार सदर अस्पताल में जायजा लेने के दौरान चिकित्सक भी अपने जगह से गायब मिले और मरीज परेशान होते दिखे। बिहार सरकार प्रत्येक महीने स्वास्थ्य विभाग पर करोड़ों रुपए खर्च करती है बावजूद स्वास्थ्य सेवा में कोई सुधार नहीं हो रहा है यही वजह है कि जिले के मरीज निजी डॉक्टरों के पास या दूसरे राज्य में जाकर इलाज कराते हैं।

BYTE1_ जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्र बस्तौल, प्राणपुर प्रखंड से इलाज कराने पहुंचे लकाडी परिहार बताते हैं सुबह के 10 बजे से इलाज के लिए लाइन लगाए हुए हैं लेकिन अभी तक डॉक्टर नहीं पहुंचे हैं। थक हार कर मरीज अब घर लौटने की सोच रहे हैं। इलाज के लिए पुर्जा काट कर दे दिया गया है लेकिन डॉक्टर साहब अपने कैमरे में बैठे ही नहीं हैं तो इलाज कैसे होगा।

BYTE2_ जिले के सिविल सर्जन अरविंद प्रसाद शाही बताते हैं कटिहार में डॉक्टरों की घोर कमी है 250 डॉक्टरों की जगह सिर्फ 160 डॉक्टर ही मौजूद हैं। डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिख दी गई है और जल्द ही जिले में डॉक्टर की कमी से निजात मिल सकेगी और मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध हो सकेगा।


Conclusion:करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग में कोई सुधार नहीं हो रहा है। राज्य के सभी जिलों में डॉक्टरों की घोर कमी है जिस वजह से मरीजों को सही इलाज नहीं हो पाता और उन्हें बेहतर चिकित्सा के लिए निजी डॉक्टरों के पास या फिर दूसरे राज्य में जाकर इलाज करवाना पड़ता है। ऐसे में बिहार सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द सूबे का स्वास्थ्य सेवा को देखते हुए चिकित्सकों की नियुक्ति करें ताकि मरीजों को दूर इलाज के लिए ना जाना पड़े।
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