कटिहार: फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल मामले में एनआईए की टीम ने बुधवार को बिहार के कटिहार में छापेमारी (Phulwari Sharif terror Module) की. एनआईए की टीम हसनगंज थाना क्षेत्र के मुजफ्फर टोला में छापेमारी करने के लिए पहुंची थी. एनआईए की टीम ने पीएफआई लीडर महबूब आलम नदवी के ठिकानों पर छापेमारी की है. जहां छापेमारी के दौरान पीएफआई लीडर महबूब आलम नदवी के भाई मो. जाबिर को पूछताछ के लिये हिरासत में लिया है. स्थानीय लोगों ने बताया कि एनआईए की टीम करीब तीन घंटे तक ये छापेमारी चली है. टीम सुबह करीब पांच बजे ही मुजफ्फर टोला में छापेमारी करने पहुंच गई थी.
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छापेमारी के दौरान तीन थाने की पुलिस थी मौजूद: स्थानीय ग्रामीण की मानें तो एनआईए की टीम ने पूरे घर को खंगाला. एक एक चीज की छानबीन की. छापेमारी के दौरान हसनगंज थाना समेत कई तीन थाना पुलिस मौजूद थी. स्थानीय थाने में ले जाकर उससे पूछताछ की जा रही है. स्थानीय लोगों ने यह सारी बात बताई है. हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई है. एनआईए की टीम की ओर से इसको लेकर कोई बयान नहीं दिया गया.
इससे पहले भी कई बार हो चुकी है छापेमारी : एनआईए की टीम महबूब आलम नदवी के घर पहले भी चार बार छापेमारी कर चुकी है. उसके घर इश्तेहार भी चस्पा किया गया था, लेकिन अभी तक महबूब आलम नदवी एनआईए की टीम की पकड़ से बाहर है.
आतंकी साजिश का हुआ था खुलासा: पटना में फुलवारीशरीफ टेरर मॉड्यूल की भनक पुलिस को तब लगी जब 12 जुलाई 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बिहार दौरे होना था. इससे पहले 11 जुलाई को फुलवारीशरीफ में संदिग्ध अतहर परवेज और जलालुद्दीन को पकड़ा गया. ये लोग पीएम मोदी के आगमन को लेकर बड़ी साजिश का षड्यंत्र रच रहे थे. केस में दर्ज बयान के आधार पर बताया गया कि बहुत से लोग पीएम के आगमन को लेकर बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए जुटे हैं. दोनों की साजिश के तार काफी गहरे दिख रहे थे. जब इस मामले की जांच आगे बढ़ी तो बिहार में एक बड़े आतंकी साजिश का खुलासा हुआ. अब एनआईए एक-एक कर सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.