कटिहार: परंपरागत खेती को छोड़ आधुनिक और कैश फसलों की खेती करने वाले किसानों को कृषि विभाग से अनुदान मिलेगा. इसके अलावा अन्य किसानों को आधुनिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
गौरतलब है कि जिले में किसान धान, केले, गेहूं और मक्के की खेती को छोड़ अब आधुनिक खेती जैसे गेंदे की फूल की खेती कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं. जिसके लिए कृषि विभाग उन्हें पूरा सहयोग करेगा.
गेंदे के फूल की खेती में होता है मुनाफा
जिले के कोढा प्रखंड के अंतर्गत रौतारा पंचायत में लक्ष्मी चौहान गेंदे के फूल की खेती कर रही हैं. जो पूरे इलाके में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. वे बताती हैं कि गेंदे के फूल की खेती करने में धान, गेहूं और मक्का से 3 गुना ज्यादा फायदा है. जहां धान, गेहूं और मक्के से एक बार फसल की उपज होती हैं. वहीं, गेंदे के फूल को कम से कम 10 बार तोड़ा जा सकता है.
कृषि विभाग देगा अनुदान
लक्ष्मी चौहान की ओर से गेंदे के फूल की खेती की सराहना पूरे जिले में हो रही है. ऐसे में अधिकारी भी उनसे मिलने उनके घर तक पहुंच रहे हैं. ईटीवी भारत ने जब जिला कृषि पदाधिकारी चंद्रदेव प्रसाद सिंह को जिले में हो रही गेंदे के फूल की खेती के बारे में जानकारी दी तो उन्होंने उन किसानों को उद्यान विभाग की तरफ से प्रति हेक्टेयर 16 हजार की अनुदान राशी देने की बात कही. उन्होंने बताया कि कृषि विभाग किसानों से मिलकर उनको उचित लाभ देने की कोशिश करेगा. वहीं किसानों को प्रोत्साहित भी किया जाएगा.
परंपरागत खेती से आधुनिक खेती की ओर रुझान
जिले के किसान परंपरागत फसलों में हो रहे नुकसान के कारण कैश क्रॉप्स की ओर धीरे-धीरे अपना रुख करने लगे हैं. चूंकि चारों ओर से नदियों से घिरे होने के कारण आने वाले भीषण बाढ़ से धान, गेहूं और मक्के की फसल बर्बाद हो जाती थी. जिससे किसान कर्ज में डूब जाते थे. वहीं, केले की खेती से भी लोग धीरे-धीरे दूर होने लगे हैं क्योंकि केले में होने वाले पनामा विल्ट रोग से पूरी फसल बर्बाद हो जाती है. ऐसे में वे नए फसलों की खेती में जुट गए हैं.