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कटिहारः 20 सालों से नहीं मिली बकाया सैलरी, न्याय के लिए दर दर भटकने को मजबूर राम प्रसाद - नौगछिया

न्यायालय ने जिला नीलाम पदाधिकारी को निर्देश दिया कि आरोपी प्रबंधन के खिलाफ सर्टिफिकेट केस कर पीड़ित को उसकी मूल राशि के साथ ब्याज वसूल कर प्रदान की जाए.

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Published : Mar 11, 2020, 10:47 AM IST

Updated : Mar 11, 2020, 10:59 AM IST

कटिहारः भागलपुर के नौगछिया में रहने वाले राम प्रसाद बीस सालों से न्याय पाने के लिये दर दर भटक रहे हैं. राम प्रसाद अपनी सैलरी के लाखों रूपये लेने के लिए जिला नीलाम पदाधिकारी से लेकर हाईकोर्ट तक का दरवाजे खटखटा चुके हैं. लेकिन नतीजा तारीख दर तारीख से ज्यादा कुछ नहीं मिल पाया.

सैलरी के लाखों रूपये नहीं मिले
दरअसल बीस साल पहले रामप्रसाद पूर्णिया के एक निजी सिनेमाहॉल में बतौर मैनेजर की नौकरी करते थे. सिनेमाघर बंद हो गया जिससे रामप्रसाद की नौकरी छीन गई. लेकिन सिनेमाघर के बंद होने के बाद उनकी सैलरी के बकाया लाखों रुपये प्रबंधन से नहीं मिले. थक हार कर पीड़ित ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया.

देकिए ये रिपोर्ट

दे दी जाती है एक नई तारीख
न्यायालय ने जिला नीलाम पदाधिकारी को निर्देश दिया कि आरोपी प्रबंधन के खिलाफ सर्टिफिकेट केस कर पीड़ित को उसके मूल राशि के साथ ब्याज वसूल कर प्रदान की जाए. लेकिन अब तक जिला नीलाम पदाधिकारी के अदालत में आरोपी प्रबंधन अपने प्रभाव से उपस्थित नहीं होता है. जिससे पीड़ित को हमेशा मामले की सुनवाई की एक नई तारीख दे दी जाती है.

बेटी की शादी की चिंता
रामप्रसाद ने बताया कि मामले का निष्पादन अभी तक नहीं हुआ है. कुछ पैसे भी जमा नहीं हैं. उन्होंने कहा कि पैसों के अभाव में बेटी के हाथ पीले करने की चिंता उन्हें सताई जा रही है.

कटिहारः भागलपुर के नौगछिया में रहने वाले राम प्रसाद बीस सालों से न्याय पाने के लिये दर दर भटक रहे हैं. राम प्रसाद अपनी सैलरी के लाखों रूपये लेने के लिए जिला नीलाम पदाधिकारी से लेकर हाईकोर्ट तक का दरवाजे खटखटा चुके हैं. लेकिन नतीजा तारीख दर तारीख से ज्यादा कुछ नहीं मिल पाया.

सैलरी के लाखों रूपये नहीं मिले
दरअसल बीस साल पहले रामप्रसाद पूर्णिया के एक निजी सिनेमाहॉल में बतौर मैनेजर की नौकरी करते थे. सिनेमाघर बंद हो गया जिससे रामप्रसाद की नौकरी छीन गई. लेकिन सिनेमाघर के बंद होने के बाद उनकी सैलरी के बकाया लाखों रुपये प्रबंधन से नहीं मिले. थक हार कर पीड़ित ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया.

देकिए ये रिपोर्ट

दे दी जाती है एक नई तारीख
न्यायालय ने जिला नीलाम पदाधिकारी को निर्देश दिया कि आरोपी प्रबंधन के खिलाफ सर्टिफिकेट केस कर पीड़ित को उसके मूल राशि के साथ ब्याज वसूल कर प्रदान की जाए. लेकिन अब तक जिला नीलाम पदाधिकारी के अदालत में आरोपी प्रबंधन अपने प्रभाव से उपस्थित नहीं होता है. जिससे पीड़ित को हमेशा मामले की सुनवाई की एक नई तारीख दे दी जाती है.

बेटी की शादी की चिंता
रामप्रसाद ने बताया कि मामले का निष्पादन अभी तक नहीं हुआ है. कुछ पैसे भी जमा नहीं हैं. उन्होंने कहा कि पैसों के अभाव में बेटी के हाथ पीले करने की चिंता उन्हें सताई जा रही है.

Last Updated : Mar 11, 2020, 10:59 AM IST
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