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एंबुलेंस नहीं मिला तो बैलगाड़ी से मरीज पहुंचा अस्पताल, स्वास्थ्य महकमे की खुली पोल

कटिहार में अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था का दंभ भरने वाली सरकार को कटिहार की तस्वीर देखनी चाहिए. पिता बेटी को बैलगाड़ी से प्रथामिक स्वास्थ्य केंद्र भेज जाता है. यह तस्वीर अमदाबाद की है.

बैलगाड़ी
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Published : Mar 16, 2021, 7:29 PM IST

कटिहार: बिहार में सुशासन और अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था का दंभ भरने वाली सरकार कटिहार की इस तस्वीर को भी देख ले. यह तस्वीर कटिहार के सुदूर अमदाबाद प्रखंड की है. जहां मरीज आज भी बैलगाड़ी पर प्राथमिक स्वस्थ केंद्र पहुंचते है. इन्हें न तो एंबुलेंस मुहैया हो पाती है न कोई सुविधा.

पढ़ें: बिहार : सबसे कम उम्र की पैक्स अध्यक्ष बनीं 19 वर्षीय साधना

खस्ता हाल चिकित्सा व्यवस्था
बताया जा रहा है कि अमदाबाद प्रखंड के नैमुल हक बेटी के प्रसव कराने के लिए अमदाबाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाने के लिए एंबुलेंस को फोन किया तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मियों ने खराब रास्ता होने का हवाला दे दिया और एंबुलेंस मुहैया कराने में अपनी असहमति जताई.

स्वास्थ्य महकमे की खुली पोल
मजबूरन नैमुल हक ने बेटी को बैलगाड़ी पर लादकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए भेजा गया. ऐसे में सरकार के सारे दावे हवा हवाई की साबित हो रहे है. ये कोई अकेले एक दिन की तस्वीर नहीं है आये दिन इस सुदूर ग्रामीण इलाकों में ग्रामीणों को इसी तरह की समस्या से दो चार होना पड़ता है. जरूरत है सरकार अपनी नजरे अमदाबाद जैसे सुदूर ग्रामीण क्षेत्रो पर भी इनायत करें ताकि ग्रामीणों को बुनयादी सुविधा का लाभ मिल सके.

कटिहार: बिहार में सुशासन और अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था का दंभ भरने वाली सरकार कटिहार की इस तस्वीर को भी देख ले. यह तस्वीर कटिहार के सुदूर अमदाबाद प्रखंड की है. जहां मरीज आज भी बैलगाड़ी पर प्राथमिक स्वस्थ केंद्र पहुंचते है. इन्हें न तो एंबुलेंस मुहैया हो पाती है न कोई सुविधा.

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खस्ता हाल चिकित्सा व्यवस्था
बताया जा रहा है कि अमदाबाद प्रखंड के नैमुल हक बेटी के प्रसव कराने के लिए अमदाबाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाने के लिए एंबुलेंस को फोन किया तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मियों ने खराब रास्ता होने का हवाला दे दिया और एंबुलेंस मुहैया कराने में अपनी असहमति जताई.

स्वास्थ्य महकमे की खुली पोल
मजबूरन नैमुल हक ने बेटी को बैलगाड़ी पर लादकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए भेजा गया. ऐसे में सरकार के सारे दावे हवा हवाई की साबित हो रहे है. ये कोई अकेले एक दिन की तस्वीर नहीं है आये दिन इस सुदूर ग्रामीण इलाकों में ग्रामीणों को इसी तरह की समस्या से दो चार होना पड़ता है. जरूरत है सरकार अपनी नजरे अमदाबाद जैसे सुदूर ग्रामीण क्षेत्रो पर भी इनायत करें ताकि ग्रामीणों को बुनयादी सुविधा का लाभ मिल सके.

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