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कटिहार: आयुर्वेदिक चिकित्सालय हुआ 'बीमार', महीनों से लटका है ताला

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Published : Nov 20, 2019, 1:25 PM IST

Updated : Nov 20, 2019, 1:48 PM IST

लोगों ने बताया कि बीते 6 महीने से इस चिकित्सालय में ताला लटका हुआ है. यहां ना तो कोई डॉक्टर आता है और ना ही कोई कर्मी. 6 महीने पहले एक कर्मी और एक डॉक्टर यहां पर पदस्थापित थे, लेकिन वो अब नहीं आते.

Katihar Ayurvedic Hospital

कटिहार: पुरानी चिकित्सा पद्धति का दायरा बढ़ाने के लिए बिहार सरकार ने राज्य के सभी जिलों में आयुर्वेदिक चिकित्सालय का निर्माण कराया था. लेकिन जिले का आयुर्वेदिक चिकित्सालय केंद्र आज अपनी बदहाल स्थिति पर आंसू बहा रहा है. कर्मियों की कमी की वजह से ये अस्पताल आज खंडहर में तब्दील होता जा रहा है.

आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र की हालत गंभीर
जिले के कोढ़ा प्रखंड के मडवा इलाके के आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र में सभी संसाधन उपलब्ध हैं. बावजूद इसके यहां लोगों का इलाज नहीं हो पाता है. चिकित्सालय के कमरे गंदगी से भरे हुए हैं, जैसे लगता है इस बीमार चिकित्सालय को खुद इलाज की आवश्यकता है.

आयुर्वेदिक चिकित्सालय हुआ बीमार

ये भी पढ़ें-नोटिस मिलने के विरोध में ग्रामीणों ने सीओ कार्यालय का किया घेराव

चिकित्सालय में 6 महीनों से लगा है ताला
स्थानीय लोगों ने बताया कि बीते 6 महीने से इस चिकित्सालय में ताला लटका हुआ है. यहां ना तो कोई डॉक्टर आता है और ना ही कोई कर्मी. 6 महीने पहले एक कर्मी और एक डॉक्टर यहां पर पदस्थापित थे, लेकिन वो अब नहीं आते. ये एकमात्र आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के उपेक्षापूर्ण नीति के कारण पूरी तरह बंद पड़ा हुआ है. स्थानीय लोगों की मांग है कि सरकार का ध्यान इस चिकित्सालय पर जाए ताकि लोगों का फिर से पुरानी पद्धति पर इलाज हो सके और इस अस्पताल के अच्छा दिन आ सके.

कटिहार: पुरानी चिकित्सा पद्धति का दायरा बढ़ाने के लिए बिहार सरकार ने राज्य के सभी जिलों में आयुर्वेदिक चिकित्सालय का निर्माण कराया था. लेकिन जिले का आयुर्वेदिक चिकित्सालय केंद्र आज अपनी बदहाल स्थिति पर आंसू बहा रहा है. कर्मियों की कमी की वजह से ये अस्पताल आज खंडहर में तब्दील होता जा रहा है.

आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र की हालत गंभीर
जिले के कोढ़ा प्रखंड के मडवा इलाके के आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र में सभी संसाधन उपलब्ध हैं. बावजूद इसके यहां लोगों का इलाज नहीं हो पाता है. चिकित्सालय के कमरे गंदगी से भरे हुए हैं, जैसे लगता है इस बीमार चिकित्सालय को खुद इलाज की आवश्यकता है.

आयुर्वेदिक चिकित्सालय हुआ बीमार

ये भी पढ़ें-नोटिस मिलने के विरोध में ग्रामीणों ने सीओ कार्यालय का किया घेराव

चिकित्सालय में 6 महीनों से लगा है ताला
स्थानीय लोगों ने बताया कि बीते 6 महीने से इस चिकित्सालय में ताला लटका हुआ है. यहां ना तो कोई डॉक्टर आता है और ना ही कोई कर्मी. 6 महीने पहले एक कर्मी और एक डॉक्टर यहां पर पदस्थापित थे, लेकिन वो अब नहीं आते. ये एकमात्र आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के उपेक्षापूर्ण नीति के कारण पूरी तरह बंद पड़ा हुआ है. स्थानीय लोगों की मांग है कि सरकार का ध्यान इस चिकित्सालय पर जाए ताकि लोगों का फिर से पुरानी पद्धति पर इलाज हो सके और इस अस्पताल के अच्छा दिन आ सके.

Intro:कटिहार

पुरानी चिकित्सा पद्धति का दायरा बढ़ाने के लिए बिहार सरकार ने राज्य के सभी जिलों में आयुर्वेदिक चिकित्सालय का निर्माण कराया था लेकिन कटिहार का आयुर्वेदिक चिकित्सालय केंद्र आज अपने स्थिति पर आंसू बहा रहा है और कर्मियों की कमी के वजह से खंडहर में तब्दील होते जा रहा है।

Body:बिहार सरकार के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग द्वारा आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र की शुरुआत की गई थी ताकि बिहार में पुरानी चिकित्सा पद्धति का दायरा बढ़ाया जा सके। लेकिन सूबे के हर जिले के आयुर्वेदिक चिकित्सालय केंद्र का हालत दयनीय हो गया है और डॉक्टर और कर्मियों की वजह से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।

करोड़ों रुपए का भवन, पर्याप्त संसाधन होने के बावजूद जिले का एकमात्र आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के उपेक्षापूर्ण नीति के कारण पूरी तरह बंद पड़ा हुआ है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित यह औषधालय जिले के अनुसूचित जनजाति बाहुल्य गांव में उनके हितों को ध्यान में रखकर खोला गया था परंतु अभी स्थिति यह है कि ना तो इस चिकित्सालय में कोई कर्मी पदस्थापित है और ना ही कोई डॉक्टर लिहाजा 6 महीने से इस चिकित्सालय में ताला लटका हुआ है।

Conclusion:कटिहार के कोढ़ा प्रखंड अंतर्गत मडवा स्थित आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र में सभी संसाधन उपलब्ध है बावजूद यहां लोगों को चिकित्सा नहीं हो पाती है। चिकित्सालय के कमरे गंदगी से भरे हुए हैं जैसे लगता है इस बीमार चिकित्सालय को खुद स्वयं इलाज की आवश्यकता है। स्थानीय लोग बताते हैं बीते 6 महीना से इस चिकित्सालय में ताला लटका हुआ है ना तो यहां कोई डॉक्टर आते हैं और ना ही कोई कर्मी। 6 महीने पहले एक कर्मी और एक डॉक्टर यहां पर पदस्थापित थे लेकिन वह अब नहीं आते। स्थानीय लोगों की मांग है कि सरकार का ध्यान इस चिकित्सालय पर जाए ताकि लोगों का फिर से पुरानी पद्धति पर इलाज हो सके और इस अस्पताल का अच्छा दिन आ सके।
Last Updated : Nov 20, 2019, 1:48 PM IST
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