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कटिहार: समाज सेवा की अनोखी मिसाल, गरीबों को 5 रुपये में कराया जा रहा है भरपेट भोजन

आयोजनकर्ता बताते हैं कि हम लोगों की कोशिश एक शाम गरीबों के नाम है. बीते 58 सप्ताह से लगातार ये कवायद की जा रही है. सस्ते दामों पर भोजन पाकर लोग भी काफी खुश हैं. गरीब भरपेट भोजन कर लोगों को दुआएं भी दे रहे हैं.

गरीबों को 5 रुपये में कराया जा रहा भरपेट भोजन
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Published : Nov 13, 2019, 12:51 PM IST

कटिहार: जिले के लोगों ने वो काम कर दिखाया है जो सरकारें भी नहीं कर पाई है. यहां के पुरुष और महिलाओं की टोली ने करीबन 58 सप्ताह से लोगों को मात्र 5 रुपये में भर पेट भोजन खिलाने का इंतजाम किया है. अन्नपूर्णा रसोई के नाम से चल रही ये टोली हर मंगलवार को लोगों को सस्ते दामों पर भोजन उपलब्ध कराती है.

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5 रुपए का टोकन कटाओ और पेट भर के स्वादिष्ट भोजन खाओ

दरअसल, मामूली रकम पर गरीबों को भरपेट भोजन की कोई सरकारी और गैर सरकारी पहल नहीं है. ये कोशिश है जिले के कुछ दुकानदारों की, जो अपनी कमाई का कुछ हिस्सा अंशदान कर लोगों को भोजन कराते हैं. इस कार्यक्रम में किसी भी राजनीतिक दलों की सहभागिता नहीं होती है.

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गरीबों को 5 रुपये में कराया जा रहा भरपेट भोजन

कटिहार वासियों की अनोखी पहल
5 रुपये का टोकन कटाओ और पेट भर के स्वादिष्ट भोजन खाओ. जैसे ही भोजन की गाड़ी शहर के यातायात थाना प्रांगण में लगती है. वैसे ही लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता है. सभी तबके के लोग शाकाहारी भोजन की गाड़ी का इंतजार करते हैं. चावल, दाल, सब्जी के साथ नमक, मिर्च और आचार सहित मिठाई से सैकड़ों लोग अपना पेट भरते हैं.

जानकारी देते आयोजनकर्ता और स्थानीय

सस्ते दाम पर भोजन पाकर लोगों में खुशी
आयोजनकर्ता संजीव कुमार बताते हैं कि हमलोगों की कोशिश एक शाम गरीबों के नाम है. बीते 58 सप्ताह से लगातार ये कवायद की जा रही है. स्थानीय पी एन गोपालका बताती हैं कि ये एक अच्छी कोशिश है. वो खुद भी घर की दहलीज लांघ जरूरतमंदों की सेवा में निकल आयी हैं. उनकी कोशिश होगी कि और भी महिला इस मुहिम से जुड़े. सस्ते दामों पर भोजन पाकर लोग भी काफी खुश हैं. गरीब भरपेट भोजन कर लोगों को दुआएं भी दे रहे हैं.

कटिहार: जिले के लोगों ने वो काम कर दिखाया है जो सरकारें भी नहीं कर पाई है. यहां के पुरुष और महिलाओं की टोली ने करीबन 58 सप्ताह से लोगों को मात्र 5 रुपये में भर पेट भोजन खिलाने का इंतजाम किया है. अन्नपूर्णा रसोई के नाम से चल रही ये टोली हर मंगलवार को लोगों को सस्ते दामों पर भोजन उपलब्ध कराती है.

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5 रुपए का टोकन कटाओ और पेट भर के स्वादिष्ट भोजन खाओ

दरअसल, मामूली रकम पर गरीबों को भरपेट भोजन की कोई सरकारी और गैर सरकारी पहल नहीं है. ये कोशिश है जिले के कुछ दुकानदारों की, जो अपनी कमाई का कुछ हिस्सा अंशदान कर लोगों को भोजन कराते हैं. इस कार्यक्रम में किसी भी राजनीतिक दलों की सहभागिता नहीं होती है.

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गरीबों को 5 रुपये में कराया जा रहा भरपेट भोजन

कटिहार वासियों की अनोखी पहल
5 रुपये का टोकन कटाओ और पेट भर के स्वादिष्ट भोजन खाओ. जैसे ही भोजन की गाड़ी शहर के यातायात थाना प्रांगण में लगती है. वैसे ही लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता है. सभी तबके के लोग शाकाहारी भोजन की गाड़ी का इंतजार करते हैं. चावल, दाल, सब्जी के साथ नमक, मिर्च और आचार सहित मिठाई से सैकड़ों लोग अपना पेट भरते हैं.

जानकारी देते आयोजनकर्ता और स्थानीय

सस्ते दाम पर भोजन पाकर लोगों में खुशी
आयोजनकर्ता संजीव कुमार बताते हैं कि हमलोगों की कोशिश एक शाम गरीबों के नाम है. बीते 58 सप्ताह से लगातार ये कवायद की जा रही है. स्थानीय पी एन गोपालका बताती हैं कि ये एक अच्छी कोशिश है. वो खुद भी घर की दहलीज लांघ जरूरतमंदों की सेवा में निकल आयी हैं. उनकी कोशिश होगी कि और भी महिला इस मुहिम से जुड़े. सस्ते दामों पर भोजन पाकर लोग भी काफी खुश हैं. गरीब भरपेट भोजन कर लोगों को दुआएं भी दे रहे हैं.

Intro:........असामान्य छूती महँगाई में पाँच रुपये की क्या बिसात....। क्या आज के दौर में पाँच रुपये से एक शाम भरपेट भोजन किया जा सकता हैं.....। आप सोच रहे होंगे कि यह सब गप्पबाज़ी हैं लेकिन यह सच हैं और कटिहार में ऐसा हो रहा हैं.....। कटिहार में कुछ युवकों की टोली , आपसी सहयोग से पाँच रुपये में लोगों को भरपेट भोजन करा रहीं हैं .....। बात बस इतनी भर नहीं भोजन के साथ मिठाई , अचार और पेयजल भी उपलब्ध करा रही हैं....। खास बात यह हैं कि समाज सेवा की यह अनोखी मिसाल बीते कई महीनों से चल रहा हैं लेकिन कैमरे से चकाचौंध से दूर.......।


Body:यह दृश्य कटिहार यातायात थाना प्रांगण का हैं जहाँ कुछ उत्साही युवकों की टोली गरीबों , राहगीरों को भोजन परोस रही हैं .....। बताया जाता हैं कि यह सिलसिला बीते कई महीनों से यूँ ही अनवरत चला आ रहा हैं और पाँच रुपये में लोग भरपेट भोजन कर रहे हैं । ना कोई एनजीओ सर्विस , ना ही कोई पॉलिटिकल एम्बिशन.....बस गरीबों को एक जून भरपेट भोजन नसीब हो जाये , यही इसका मकसद हैं । दरअसल , अन्नपूर्णा रसोई के नाम से स्थानीय युवकों की टोली हैं जो शहर में विभिन्न व्यवसाय करतें हैं और भाग - दौड़ एवं व्यवसाय से थोड़ा समय निकाल हर सफ्ताह आपसी सहयोग से चावल , दाल , सब्जी का इंतजाम करती हैं । इसे किसी के घर पर सभी पकाकर हांडी में रखकर एक गाड़ी में लादते हैं और फिर शहर के किसी सार्वजनिक जगह , जहाँ लोगों , राहगीरों की ज्यादा भीड़ जमती हैं , वहाँ पहुँच जाते हैं । कोई चावल परोसता हैं , कोई दाल तो कोई सब्जी , अचार और मिठाई....। मजे की बात यह हैं कि इस उत्साही युवकों की टोली में कुछ युवकों की मिसेज भी बढ़ चढ़ कर हाथ बँटाते हैं । कितना कौन पार्टिसिपेट करेगा , यह सब उसकी इच्छा पर निर्भर हैं , कोई दबाब नहीं बल्कि आपसी रजामंदी से सब कुछ ऑर्गेनाइज होता हैं । स्थानीय संजीव कुमार बताते हैं कि हमलोगों की कोशिश एक शाम गरीबों के नाम हैं और बीते अठावन सफ्ताह से लगातार यह कवायद की जा रहीं हैं । स्थानीय पी एन गोपालका बताती हैं कि यह एक अच्छी कोशिश हैं और वह खुद भी घर की दहलीज लाँघ जरूरतमंदों की सेवा में निकल आयी हैं और उसकी कोशिश होगी कि और भी महिला इस मुहिम से जुड़े , समाज सेवा से जुड़े और उनमें समाज सेवा की भावना पैदा हों ......। सस्ते भोजन पाकर लोग भी काफी खुश हैं और भोजन कर वह लोगों को काफी दुआयें देती हैं .....। स्थानीय बी के गोपालका इसे एक स्वस्थ समाज के निर्माण की कवायद बतातें हैं .......।


Conclusion:सस्ते भोजन के फेहरिस्त में संसद की कैंटीन से लेकर दक्षिण भारत के ' अम्मा केंटीन ' काफी मशहूर हैं जो महज दस से पंद्रह रुपये में गरीबों को भोजन उपलब्ध कराती हैं ......। संसद की कैंटीन पर सब्सिडी होती हैं और आमजन की पहुँच से काफी दूर होती हैं । कटिहार के इस अन्नपूर्णा रसोई में सस्ते भोजन के जरिये गरीबों की सेवा मकसद हैं जो सराहनीय हैं......।
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