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रेलवे में मेडिकल सर्टिफिकेट के बदले ली जा रही थी घूस, निगरानी विभाग ने 5 को किया सस्पेंड - कटिहार न्यूज

कटिहार रेल मंडल अस्पताल में भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद रेलवे के निगरानी विभाग ने छापेमारी की. मामले की पुष्टि होने पर कार्रवाई करते हुए रेल मंडल अस्पताल के पांच स्वास्थ्यकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

कटिहार रेलवे मेडिकल हॉस्पीटल
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Published : Jul 12, 2019, 11:10 AM IST

कटिहार: रेलवे में असिस्टेंट लोको पायलट की भर्ती में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. गुरुवार को रेलवे निगरानी विभाग ने पूर्वोत्तर सीमान्त रेलवे के अंतर्गत आने वाले कटिहार रेल डिवीजन के रेलवे मंडल अस्पताल में छापा मारा है. जहां मेडिकल के नाम पर हो रहे जालसाजी का मामला सामने आया था. रेलवे ने कार्रवाई करते हुए मेडिकल ऑफिसर समेत पांच रेल स्वास्थ्यकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है.

जानकारी देते कटिहार रेल डिवीजन के सीनियर डीसीएम विवेकानन्द द्विवेदी

कटिहार रेल डिवीजन के सीनियर डीसीएम विवेकानंद द्विवेदी ने बताया कि यहां असिस्टेंट लोको पायलट की लिखित परीक्षा में पास युवकों का मेडिकल टेस्ट होना था. जिसमें प्रत्येक कैंडिडेट को फिजिकल फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के लिए कंडिडेट से 40 से 50 हजार रूपये लिये जा रहे थे. रेलवे की निगरानी विभाग को इस बात की खबर लगी तो निगरानी टीम ने यहां छापा मारा और मामले की पुष्टि होने पर कार्रवाई की.

दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई
डीसीएम विवेकानंद द्विवेदी ने बताया कि इस मामले में कार्रवाई करते हुए कटिहार रेल मंडल अस्पताल के पांच स्वास्थ्यकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. साथ ही मामले की जांच की जा रही है. दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी.

कटिहार: रेलवे में असिस्टेंट लोको पायलट की भर्ती में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. गुरुवार को रेलवे निगरानी विभाग ने पूर्वोत्तर सीमान्त रेलवे के अंतर्गत आने वाले कटिहार रेल डिवीजन के रेलवे मंडल अस्पताल में छापा मारा है. जहां मेडिकल के नाम पर हो रहे जालसाजी का मामला सामने आया था. रेलवे ने कार्रवाई करते हुए मेडिकल ऑफिसर समेत पांच रेल स्वास्थ्यकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है.

जानकारी देते कटिहार रेल डिवीजन के सीनियर डीसीएम विवेकानन्द द्विवेदी

कटिहार रेल डिवीजन के सीनियर डीसीएम विवेकानंद द्विवेदी ने बताया कि यहां असिस्टेंट लोको पायलट की लिखित परीक्षा में पास युवकों का मेडिकल टेस्ट होना था. जिसमें प्रत्येक कैंडिडेट को फिजिकल फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के लिए कंडिडेट से 40 से 50 हजार रूपये लिये जा रहे थे. रेलवे की निगरानी विभाग को इस बात की खबर लगी तो निगरानी टीम ने यहां छापा मारा और मामले की पुष्टि होने पर कार्रवाई की.

दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई
डीसीएम विवेकानंद द्विवेदी ने बताया कि इस मामले में कार्रवाई करते हुए कटिहार रेल मंडल अस्पताल के पांच स्वास्थ्यकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. साथ ही मामले की जांच की जा रही है. दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी.

Intro:........मेडिकल के नाम पर हो रही थी जालसाजी .....। की जा रही थी काली कमाई , असिस्टेंट लोको पायलट में फिट सर्टिफिकेट देने के लिये प्रत्येक कैंडिडेट वसूले जा रहे थे लाखों रुपये.....। रेल निगरानी ने मारा छापा तो हाथ लगी बड़े गोरखधंधे का खेल .....। कसा शिकंजा और डिविजनल मेडिकल ऑफिसर समेत पाँच रेल स्वास्थ्यकर्मी सस्पेंड ......।


Body:यह हैं कटिहार का रेलवे मंडल अस्प्ताल ....। रेल निगरानी विभाग के छापे के बाद मुख्य मार्ग से हलचल बन्द हैं और मरीज इमरजेंसी वार्ड वाले दूसरे दरवाजे से आ जा रहें हैं । दरअसल , हलचल बंद होने के पीछे वजह यह हैं कि यहाँ इनदिनों रेलवे में असिस्टेंट लोको पायलट की लिखित परीक्षा में पास युवकों का मेडिकल टेस्ट होना हैं । बताया जाता हैं कि प्रत्येक कैंडिडेट फिजिकल फिट सर्टिफिकेट देने के लिये चालीस से पचास हजार वसूल किये जा रहे थे । रेलवे के निगरानी विभाग को इस बात की खबर लगी तो निगरानी टीम ने रातोंरात यहाँ छापा मारा और डमी कैंडिडेट भेजकर पैसे लेने की शिकायत की पुष्टि हुई । रेल निगरानी विभाग की रिपोर्ट पर कटिहार रेल मंडल अस्प्ताल के पाँच स्वास्थ्यकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया हैं जिसमे रेल अस्प्ताल के क्लर्क दीपलाल , रंजीत झा , एक्स रे टेक्नीशियन एस के प्रसाद , ब्लड जाँच के कर्मी रामकुमार राउत और अस्प्ताल अटेंडेंट गौतम बांसफोर शामिल हैं .....। कटिहार रेल डिवीजन के सीनियर डीसीएम विवेकानन्द द्विवेदी ने बताया कि इस मामले में डिविजनल मेडिकल ऑफिसर , एनजेपी को सस्पेंड कर दिया गया हैं ......।


Conclusion:रेलवे में भ्रष्टाचार चरम पर हैं । गुरुवार को सीबीआई ने पूर्वोत्तर सीमान्त रेलवे , मालीगांव , गुवाहाटी जिसके अधीन कटिहार रेल डिवीजन भी आता हैं , के दफ्तर में छापा मारकर विज्ञापन के नाम पर 158 करोड़ रुपये के अवैध हेराफेरी के मामले का खुलासा किया हैं । अब रेल निगरानी विभाग के इस नये खुलासे के बाद अब देखना बाकी हैं कि इस नेक्सस में और कौन कौन बड़ी मछली जाल में फँसेगी....।
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