कटिहार: जिले के सभी 16 प्रखंडों के सैकड़ों किसान (Farmer) जो कल तक दूसरों का पेट भरने के लिए अनाज (Grain) पैदा करते थे. अब वह खुद के पेट भरने के लिए दूसरों का आसरा देख रहे हैं. यहां सैकड़ों किसान खलिहान पर अपने सड़े गले अनाज के दाने को सुखा रहे हैं. कर्ज लेकर तैयार की गई फसल का एक मुट्ठी अनाज भी अब बेचना मुश्किल है. किसानों के पास अपने दो वक्त के खाने के लिए भी अनाज सही से नहीं है. अन्नदाता अब मौत के मुहाने पर खड़े हैं और कोई मदद की उम्मीद ना देख किसान आत्महत्या जैसी स्थिति पैदा होने की बात करने लगे हैं.
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"चक्रवर्ती मानसून के वजह से जिले के सभी 16 प्रखंडों में एक 11342 सेक्टर भूमि में किसानों की तैयार फसल बर्बाद हो गई है. राज्य सरकार को किसानों की बर्बाद हुई फसल की क्षतिपूर्ति पर 15 करोड़ 79 लाख रुपये मदद के तौर पर जिला को दिए जाने को लेकर प्रस्ताव भेज दिया गया है."- दिनकर प्रसाद सिंह, जिला कृषि अधिकारी
मानसून और चक्रवाती तूफान से परेशान हैं किसान
देश के अन्नदाता कहे जाने वाले किसान (Farmer) इन दिनों काफी परेशान हैं. पहले चक्रवाती तूफान (Cyclonic storm) और अब मानसून (Monsoon) ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है. ऐसे में 11342 हेक्टेयर भूमि में लगे किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है. जिस कारण किसान परेशान होकर सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. इसी क्रम में कटिहार जिले के मनिहारी प्रखंड क्षेत्र में खून पसीने की गाढ़ी कमाई लगाकर और दिन रात मेहनत कर फसल तैयार करने वाले किसान प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहे हैं. वह किसी तरह अपनी फसलों को खेत से निकालकर खलिहान तक ला रहे हैं.
सड़ी फसल से सही दाना खोज रहे किसान
वहीं, जब एक महिला किसान से बात की गई तो उसने कहा कि सारी फसल खेत में डूब गई है. कई दिनों से हम सब किसान परिवार भूखे हैं. जी करता है सपरिवार फांसी लगा लें. महिला ने बताया कि कर्ज लेकर हमने खेती की है. कर्ज की वसूली की वजह से परेशान हैं. एक बुजुर्ग किसान ने कहा कि अब क्या खाएंगे सब तो सड़ गया. कर्ज लेकर खेती की थी, कर्ज देने वाला अलग बोलता है, जमीन वाला अलग बोलता है. डूबते खेत से फसल खलिहान तक लाए थे. अनाज को अब खलिहान पहुंचाए तो फसल सड़ गया. अब इसी सड़ी हुई फसल में थोड़ा सही दाना खोज रहे हैं ताकि अपने परिवार का पेट भर सकें.
सड़ गये धान के बिचड़े
बता दें कि लगातार हो रही बारिश के चलते किसानों को चिंता इस बात की है कि धान की रोपनी कैसे होगी? खेतों में कई दिनों से पानी जमा होने के कारण धान के बिचड़े भी खराब हो रहे हैं. मसौढ़ी के किसानों ने बताया कि खेतों में लगे धान के बिचड़े भी सड़ रहे हैं.
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खेत में जल जमाव से किसान परेशान
दरअसल, बिहार के कई जिलों में में बीते कुछ दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है. जिस कारण पूरा खेत जलमग्न हो चुका है. हजारों एकड़ में लगा धान का बिचड़ा (मोरी) बर्बाद हो रहा है. जल निकासी नहीं होने के कारण किसान परेशान हैं. उनके चेहरे पर मायूसी छा गई है. किसानों का आरोप है कि पांस में बांध टूटने की वजह से खेतों में पानी भर गया है.
मानसून को लेकर अलर्ट
बिहार में मानसून (Monsoon In Bihar) की एंट्री के बाद से ही लगातार बारिश हो रही है. इस दौरान मौसम में आ रहे बदलावों पर मौसम विभाग (Weather Department) भी नजर बनाए हुए है. मौसम विभाग लगातार तात्कालिक अलर्ट (Immediate Alert) भी जारी कर रहा है. विभाग की ओर से राजधानी पटना समेत 6 जिलों के लिए अलर्ट जारी किया गया है.