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शिक्षा विभाग सुस्त: अबतक नहीं मिले किताब के पैसे, स्कूल में समय बिताने आ रहे बच्चे

विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा था कि अगर इस तिथि से पहले बच्चों के खाते में रुपये नहीं पहुंचे तो अधिकारियों का वेतन रोक दिया जाएगा. फिलहाल सबका वेतन रुका पड़ा है.

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Published : May 10, 2019, 2:12 AM IST

कटिहार: जिले में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. मामला प्राथमिक विद्यालय आदिवासी टोला का है. जहां नया सत्र शुरू हो चुका है. लेकिन, अभी तक छात्र-छात्राओं को किताबों की खरीदारी के लिए पैसे नहीं मिले हैं.

विदित हो कि शिक्षा विभाग ने स्कूलों को 30 अप्रैल तक बच्चों के खाता में पैसा भेज देने का निर्देश दिया था. विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा था कि अगर इस तिथि से पहले बच्चों के खाते में रुपये नहीं पहुंचे तो प्रधानाचार्य, शिक्षा पदाधिकारी, प्रभारी प्राचार्य, सीआरसीसी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के वेतन को रोक दिया जाएगा. फिलहाल सबका वेतन रुका पड़ा है.

विद्यालय की स्थिति बताते बच्चे और प्रधानाध्यापिका

डेडलाइन पार लेकिन नहीं पहुंचा पैसा
शिक्षा विभाग की ओर से जारी निर्देश की अंतिम तिथि निकल चुकी है. अब भी स्थिति वही है. जांच पड़ताल करने कोढ़ा प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय और कटिहार के बुद्धू चक स्थित आदिवासी टोला प्राथमिक विद्यालय के छात्र-छात्राएं बिन किताब के पढ़ रहे हैं.

katihar
मायूस बैठे बच्चे

यह कहती है विद्यालय प्रधानाचार्या
बता दें कि 2019 सेशन के लिए कक्षाएं 1अप्रैल से शुरू हो चुकी है. लेकिन, बच्चे बगैर किताबों के स्कूल पहुंचते हैं और वहां से समय बिता कर घर चले जाते हैं. इस मामले पर विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापिका से पूछने पर उन्होंने बताया कि 7 मई को बच्चों के किताबों के लिए बैंक में लिस्ट भेज दी गई है और कुछ ही दिनों में बच्चों के खाते में पैसा चला जाएगा.

कटिहार: जिले में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. मामला प्राथमिक विद्यालय आदिवासी टोला का है. जहां नया सत्र शुरू हो चुका है. लेकिन, अभी तक छात्र-छात्राओं को किताबों की खरीदारी के लिए पैसे नहीं मिले हैं.

विदित हो कि शिक्षा विभाग ने स्कूलों को 30 अप्रैल तक बच्चों के खाता में पैसा भेज देने का निर्देश दिया था. विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा था कि अगर इस तिथि से पहले बच्चों के खाते में रुपये नहीं पहुंचे तो प्रधानाचार्य, शिक्षा पदाधिकारी, प्रभारी प्राचार्य, सीआरसीसी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के वेतन को रोक दिया जाएगा. फिलहाल सबका वेतन रुका पड़ा है.

विद्यालय की स्थिति बताते बच्चे और प्रधानाध्यापिका

डेडलाइन पार लेकिन नहीं पहुंचा पैसा
शिक्षा विभाग की ओर से जारी निर्देश की अंतिम तिथि निकल चुकी है. अब भी स्थिति वही है. जांच पड़ताल करने कोढ़ा प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय और कटिहार के बुद्धू चक स्थित आदिवासी टोला प्राथमिक विद्यालय के छात्र-छात्राएं बिन किताब के पढ़ रहे हैं.

katihar
मायूस बैठे बच्चे

यह कहती है विद्यालय प्रधानाचार्या
बता दें कि 2019 सेशन के लिए कक्षाएं 1अप्रैल से शुरू हो चुकी है. लेकिन, बच्चे बगैर किताबों के स्कूल पहुंचते हैं और वहां से समय बिता कर घर चले जाते हैं. इस मामले पर विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापिका से पूछने पर उन्होंने बताया कि 7 मई को बच्चों के किताबों के लिए बैंक में लिस्ट भेज दी गई है और कुछ ही दिनों में बच्चों के खाते में पैसा चला जाएगा.

Intro:कटिहार

बच्चों के भविष्य के साथ हो रहा है खिलवाड़। नये साल का सेशन शुरू हुए हो गये एक महीने से उपर। अभी तक नहीं मिल सकी है छात्र छात्रों को किताब। शिक्षा विभाग के द्वारा दिया गया था निर्देश। 30 अप्रैल तक बच्चों के खाता में भेज दिया जाए किताब के पैसे। अन्यथा नहीं मिलेंगे प्रधानाचार्य, शिक्षा पदाधिकारी, प्रभारी प्राचार्य, सीआरसीसी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को वेतन। डेडलाइन हो चूका है पूरा। लेकिन अब तक नहीं मिल सकी है छात्रों को किताब का पैसा।


Body:शिक्षा विभाग के द्वारा एक निर्देश जारी किया गया था कि जिले के सभी सरकारी विद्यालय में छात्र-छात्राओं को किताब के लिए पैसा उनके खाते में दिया जाएगा जिसके लिए 30 अप्रैल डेडलाइन रखी गई थी। 30 अप्रैल भी पार हो गए लेकिन अब तक छात्रों के खाते में किताब के पैसा नहीं पहुंच सकी है।

ईटीवी भारत की टीम जांच पड़ताल करने कोढ़ा प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय और कटिहार के बुद्धू चक स्थित आदिवासी टोला प्राथमिक विद्यालय में पहुंचा तो वहां पता चला अभी तक छात्रों को किताब का पैसा उनके खाते में नहीं गई है।

बता दें कि 2019 सेशन के लिए 1अप्रैल से क्लास शुरू हो चुकी है। लेकिन बगैर किताब के बच्चे स्कूल पहुंचते हैं और वहां से समय बिता कर घर चले जाते हैं। लेकिन अब तक विद्यालय प्रशासन के द्वारा इन नौनिहाल को पुस्तक उपलब्ध नहीं कराई गई है और उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।


Conclusion:इस मामले में जब हमने विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापिका से बात की तो उन्होंने बताया 7 मई को बच्चों के किताब के लिए बैंक में लिस्ट भेज दी गई है और कुछ ही दिनों में बच्चों के खाते में पैसा चला जाएगा।

इससे पूर्व कटिहार जिला शिक्षा पदाधिकारी देवविंद सिंह ने बताया था की शिक्षा विभाग की ओर से एक निर्देश जारी किया गया है जिसमें बच्चों के खाते में किताब का पैसा पहुंचने के लिए डेडलाइन 30 अप्रैल रखी गई थी। अगर 30 अप्रैल तक बच्चों के खाते में पैसे नहीं पहुंचे तो प्रभारी, प्रधानाध्यापक, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सीआरसीसी समेत अन्य पदाधिकारियों का वेतन रोक दिया जाएगा।

जांच पड़ताल में सारी बातें सामने आई की 30 अप्रैल भी बीत गए लेकिन अब तक बच्चों के खाते में किताब के पैसा नहीं पहुंच सका है और उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। ऐसे में अब देखने वाली बात यह है कि शिक्षा विभाग के निर्देश का खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और इसका पालन भी नहीं हो सका लेकिन अब शिक्षा विभाग क्या फैसला लेती है और अपने पदाधिकारियों पर क्या कार्रवाई करती है।
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