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कटिहारः चौदह तालाबों की श्रृंखला को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग

कटिहार जिला पर्यटन के मानचित्र पर नहीं है, जबकि यहां गोगाबेल झील में साईब्रेरियन बर्ड हर वर्ष लाखों की तादाद में गंगा किनारे आते हैं और साल के छह महीने गुजारते हैं. अगर सरकार चाहे तो टूरिस्ट स्पॉट के रूप में यहां चार चांद लग सकता है.

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चौदह तालाबों की श्रृंखला
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Published : Jan 8, 2020, 8:23 AM IST

कटिहारः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कटिहार के रौतारा में जल जीवन हरियाली यात्रा के दौरान चमरू पोखर का निरीक्षण किया, अब उस पोखर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग जोर पकड़ने लगी है. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इस इलाके में पर्यटन स्थल बना दिया जाए तो जिले की सुंदरता में चार चांद लग सकता है.

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सीएम नीतीश के आगमन का दृश्य

पोखर की सुंदरता को लगा पंख
पूर्णिया मुख्य मार्ग पर सड़क किनारे चौदह तालाबों की यह श्रृंखला पूरे सूबे में देखने को नहीं मिलती. ऐसी मनोरम जगह बाबुओं की लापरवाही का शिकार बनी हुई है. पर्यटन स्थल बनाने की बात तो दूर यहां सरकारी अधिकारी आना भी नहीं चाहते. लेकिन जब से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जल जीवन हरियाली मिशन यात्रा के दौरान सीएम ने इसका निरीक्षण किया है , चमरू पोखर की सुंदरता को पंख लग गया.

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स्थानीय महिला

ये भी पढ़ेंः पटना: 12 जनवरी तक 5वीं तक के सभी स्कूल बंद, DM ने किया आदेश जारी

पर्यटन स्थल बनाने की मांग
सीएम दौरे के दौरान तालाबों को साफ करा दिया गया और दूसरी चीजों को दुरुस्त कर दिया गया. रौतारा ग्राम पंचायत के पूर्व मुखिया प्रभात कुमार पोद्दार बताते हैं कि सिर्फ तालाब के चारों ओर चहारदीवारी हो जाये तो इसकी लाइफ दोगुनी हो सकती है. स्थानीय प्रीतम देवी कहती हैं कि रौतारा को पर्यटक स्थल के रूप में सरकार विकसित करे. वहीं, नंदनीं विश्वास का भी कहना है कि कटिहार में महिलाओं के घूमने के लिए अब तक कोई जगह नहीं है. अगर सरकार चाहे तो यह इलाका पर्यटक क्षेत्र के रूप में उभर सकता है. ग्रामीणों ने इस बाबत मुख्यमंत्री को अपना मांग पत्र भी सौंपा है.

चमरू पोखर और जानकारी देते स्थानीय लोग

हर साल आते हैं साईब्रेरियन बर्ड
बता दें कि कटिहार जिला पर्यटन के मानचित्र पर नहीं है. जबकि यहां गोगाबेल झील में साईब्रेरियन बर्ड हर वर्ष लाखों की तादाद में गंगा किनारे आते हैं और साल के छह महीने गुजारते हैं. इसके अलावा मिनी बोलबम के नाम से मशहूर गोरखनाथ शिव मंदिर जैसी कुछ ऐसी जगह है, जहां सरकार की नजर पड़े तो टूरिस्ट स्पॉट के रूप में यहां चार चांद लग सकता है. अब देखना ये होगा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ग्रामीणों की मांग पर क्या फैसला लेते हैं.

कटिहारः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कटिहार के रौतारा में जल जीवन हरियाली यात्रा के दौरान चमरू पोखर का निरीक्षण किया, अब उस पोखर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग जोर पकड़ने लगी है. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इस इलाके में पर्यटन स्थल बना दिया जाए तो जिले की सुंदरता में चार चांद लग सकता है.

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सीएम नीतीश के आगमन का दृश्य

पोखर की सुंदरता को लगा पंख
पूर्णिया मुख्य मार्ग पर सड़क किनारे चौदह तालाबों की यह श्रृंखला पूरे सूबे में देखने को नहीं मिलती. ऐसी मनोरम जगह बाबुओं की लापरवाही का शिकार बनी हुई है. पर्यटन स्थल बनाने की बात तो दूर यहां सरकारी अधिकारी आना भी नहीं चाहते. लेकिन जब से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जल जीवन हरियाली मिशन यात्रा के दौरान सीएम ने इसका निरीक्षण किया है , चमरू पोखर की सुंदरता को पंख लग गया.

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स्थानीय महिला

ये भी पढ़ेंः पटना: 12 जनवरी तक 5वीं तक के सभी स्कूल बंद, DM ने किया आदेश जारी

पर्यटन स्थल बनाने की मांग
सीएम दौरे के दौरान तालाबों को साफ करा दिया गया और दूसरी चीजों को दुरुस्त कर दिया गया. रौतारा ग्राम पंचायत के पूर्व मुखिया प्रभात कुमार पोद्दार बताते हैं कि सिर्फ तालाब के चारों ओर चहारदीवारी हो जाये तो इसकी लाइफ दोगुनी हो सकती है. स्थानीय प्रीतम देवी कहती हैं कि रौतारा को पर्यटक स्थल के रूप में सरकार विकसित करे. वहीं, नंदनीं विश्वास का भी कहना है कि कटिहार में महिलाओं के घूमने के लिए अब तक कोई जगह नहीं है. अगर सरकार चाहे तो यह इलाका पर्यटक क्षेत्र के रूप में उभर सकता है. ग्रामीणों ने इस बाबत मुख्यमंत्री को अपना मांग पत्र भी सौंपा है.

चमरू पोखर और जानकारी देते स्थानीय लोग

हर साल आते हैं साईब्रेरियन बर्ड
बता दें कि कटिहार जिला पर्यटन के मानचित्र पर नहीं है. जबकि यहां गोगाबेल झील में साईब्रेरियन बर्ड हर वर्ष लाखों की तादाद में गंगा किनारे आते हैं और साल के छह महीने गुजारते हैं. इसके अलावा मिनी बोलबम के नाम से मशहूर गोरखनाथ शिव मंदिर जैसी कुछ ऐसी जगह है, जहां सरकार की नजर पड़े तो टूरिस्ट स्पॉट के रूप में यहां चार चांद लग सकता है. अब देखना ये होगा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ग्रामीणों की मांग पर क्या फैसला लेते हैं.

Intro:ग्रामीणों की माँग कि कटिहार के रौतारा इलाका टूरिस्ट साइट घोषित हों ।


........मुख्यमंत्री नीतीश कुमार , मंगलवार को कटिहार के रौतारा में जल जीवन हरियाली यात्रा के दौरान जिस चमरू पोखर का निरीक्षण किया , अब उक्त पोखर को पर्यटक स्थल के रूप विकसित करने की माँग जोर पकड़ने लगी हैं । स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो यदि उक्त इलाके में पर्यटक स्थल बना दिया जाता हैं तो जिले की सुंदरता में चार चांद लग सकते है । ग्रामीणों ने इस बाबत मुख्यमंत्री को अपनी माँगपत्र भी सौंपा हैं ........।

बाइट - प्रभात कुमार पोद्दार
बाइट- प्रीतम देवी
बाइट- नंदिनी विश्वास


Body:जल जीवन हरियाली यात्रा के दौरान सीएम ने यहाँ तालाबों का किया था निरीक्षण ।


यह हैं कटिहार का चमरू पोखर.....। कटिहार - पुर्णिया मुख्य मार्ग पर सड़क किनारे कड़ी दर कड़ी चौदह तालाबों की यह श्रृंखला , पूरे सूबे में एक साथ देखने को नहो मिलती लेकिन सरकारी बाबुओं की लापरवाही के कारण ऐसी मनोरम जगह , पर्यटक स्थल तो दूर ....यहाँ रात की बात कौन कहे , दिन के उजाले में कोई आना नहीं चाहता था लेकिन जब से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जल जीवन हरियाली मिशन यात्रा के निरीक्षण की घोषणा और फिर सीएम का निरीक्षण हुआ , चमरू पोखर की सुंदरता को पंख लग गये । तालाबों को साफ करा दिया गया और दूसरे चीजों को दुरुस्त कर दिया गया । रौतारा ग्राम पंचायत के पूर्व मुखिया प्रभात कुमार पोद्दार बताते हैं कि सिर्फ तालाब के चारों ओर चहारदीवारी हो जाये तो लाइफ दोगुनी हो सकती हैं । स्थानीय प्रीतम देवी बताती हैं कि रौतारा को पर्यटक स्थल के रूप में सरकार विकसित करें । स्थानीय नंदनीं विश्वास बताती हैं कटिहार में महिलाओं के घूमने के अब तक कोई जगह नहीं हैं जिस कारण लोगों को काफी परेशानी होती हैं लिहाजा यदि सरकार चाहे तो यदि पर्यटक क्षेत्र के रूप में यह इलाका उभर सकता हैं


Conclusion:कटिहार के कई इलाके टूरिस्ट साइट के रूप में डेवलप हो सकते हैं ।

लोगों की माँग में दम हैं क्योंकि कटिहार जिला पर्यटन के मानचित्र पर नहों हैं जबकि यहाँ गोगाबेल झील , जहाँ साईब्रेरियन बर्ड हर वर्ष लाखों की तादाद में गंगा किनारे आते है और साल के छह महीने गुजारते हैं ) के अलावा मिनी बोलबम के नाम से मशहूर गोरखनाथ शिव मंदिर , जैसे कुछ ऐसे जगह हैं जहाँ सरकार की नजर - ए - इनायत पड़े तो टूरिस्ट स्पॉट के रूप में चार चाँद लग सकता हैं । अब देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ग्रामीणों की माँग पर क्या फैसला लेते हैं ......।
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