कटिहारः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कटिहार के रौतारा में जल जीवन हरियाली यात्रा के दौरान चमरू पोखर का निरीक्षण किया, अब उस पोखर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग जोर पकड़ने लगी है. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इस इलाके में पर्यटन स्थल बना दिया जाए तो जिले की सुंदरता में चार चांद लग सकता है.
पोखर की सुंदरता को लगा पंख
पूर्णिया मुख्य मार्ग पर सड़क किनारे चौदह तालाबों की यह श्रृंखला पूरे सूबे में देखने को नहीं मिलती. ऐसी मनोरम जगह बाबुओं की लापरवाही का शिकार बनी हुई है. पर्यटन स्थल बनाने की बात तो दूर यहां सरकारी अधिकारी आना भी नहीं चाहते. लेकिन जब से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जल जीवन हरियाली मिशन यात्रा के दौरान सीएम ने इसका निरीक्षण किया है , चमरू पोखर की सुंदरता को पंख लग गया.
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पर्यटन स्थल बनाने की मांग
सीएम दौरे के दौरान तालाबों को साफ करा दिया गया और दूसरी चीजों को दुरुस्त कर दिया गया. रौतारा ग्राम पंचायत के पूर्व मुखिया प्रभात कुमार पोद्दार बताते हैं कि सिर्फ तालाब के चारों ओर चहारदीवारी हो जाये तो इसकी लाइफ दोगुनी हो सकती है. स्थानीय प्रीतम देवी कहती हैं कि रौतारा को पर्यटक स्थल के रूप में सरकार विकसित करे. वहीं, नंदनीं विश्वास का भी कहना है कि कटिहार में महिलाओं के घूमने के लिए अब तक कोई जगह नहीं है. अगर सरकार चाहे तो यह इलाका पर्यटक क्षेत्र के रूप में उभर सकता है. ग्रामीणों ने इस बाबत मुख्यमंत्री को अपना मांग पत्र भी सौंपा है.
हर साल आते हैं साईब्रेरियन बर्ड
बता दें कि कटिहार जिला पर्यटन के मानचित्र पर नहीं है. जबकि यहां गोगाबेल झील में साईब्रेरियन बर्ड हर वर्ष लाखों की तादाद में गंगा किनारे आते हैं और साल के छह महीने गुजारते हैं. इसके अलावा मिनी बोलबम के नाम से मशहूर गोरखनाथ शिव मंदिर जैसी कुछ ऐसी जगह है, जहां सरकार की नजर पड़े तो टूरिस्ट स्पॉट के रूप में यहां चार चांद लग सकता है. अब देखना ये होगा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ग्रामीणों की मांग पर क्या फैसला लेते हैं.