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कटिहार: बाढ़ राहत लूट में 8 अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज - Katihar news

प्रॉपर आंकलन नहीं हो पाने के कारण किसानों को उचित फसल क्षतिपूर्ति नहीं मिली. जिससे वो ऋण के बोझ तले दबे हैं. एफडीआर वर्क और राहत की राशि को पदाधिकारी बंदरबांट कर मालामाल हो जाते हैं.

बाढ़ राहत लूट में आठ अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज
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Published : Aug 11, 2019, 7:41 PM IST

कटिहार: जिले में बाढ़ के नाम पर राहत और एफडीआर वर्क पीड़ितों की मदद नहीं बल्कि अधिकारियों के लिए लूट-खसोट का जरिया बन गया है. हर साल आने वाले बाढ़ की त्रासदी से जहां लाखों के जान-माल का नुकसान होता है. वहीं, आपदा प्रबंधन कानून के तहत आज तक कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई. यहां के सिटीजन फोरम में जिले के 8 अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट में परिवाद दर्ज किया गया है. शिकायतकर्ताओं ने अपील की है कि बाढ़ राहत के नाम पर लूट-खसोट करने वाले आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए.

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सिटीजन फोरम के अध्यक्ष आशीष कुमार सिंह

हजारों किसान ऋण के बोझ से दबे
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी से गुहार लगाते हुए सिटी सिटीजन फोरम के अध्यक्ष आशीष कुमार सिंह ने बताया कि यहां बाढ़ एक मानव कृत आपदा है. 2016, 2017 और 2019 में आये बाढ़ में विभाग की लापरवाही की वजह से सैकड़ों लोगों की जानें गयी हैं. हर साल आने वाली बाढ़ जैसी समस्या के लिए आज तक लोगों को सही तरीके से मुआवजा नहीं मिल पाया है. सही आंकलन नहीं होने के कारण किसानों को उचित फसल क्षतिपूर्ति नहीं मिली. जिस वजह से किसानों को बीमा कंपनियों से मुआवजा राशि नहीं मिली और कंपनियों को अवैध रूप से काफी रुपये का फायदा हुआ. जिसका नतीजा यह है कि आज भी हजारों किसान ऋण की बोझ से दबे हैं और पदाधिकारी बंदरबांट कर मालामाल हो जाते हैं.

बाढ़ राहत लूट में 8 अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज

8 अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज
इस लूट को रोकने के लिये जिला लोक शिकायत प्राधिकरण में आठ अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गयी थी. जिसे प्राधिकार ने सही मानते हुए कार्रवाई का आदेश दिया. इसके बाद कमलेश कुमार सिंह (अपर समाहर्ता ), अर्जुन प्रताप सिंह (अपर समाहर्ता रिलिफ ), चन्द्रदेव प्रसाद (जिला कृषि पदाधिकारी), रामकुमार पोद्दार (जिला पंचायती राज पदाधिकारी ), चंद्र भूषण गुप्ता (अग्रणी जिला प्रबंधक), संजय कुमार झा (जिला सहकारिता पदाधिकारी) और जिला अंकेक्षण प्राधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. वहीं, इस तरह की कार्रवाई से बाढ़ राहत में लूट करने वाले अधिकारियों में हड़कंप मचा है.

कटिहार: जिले में बाढ़ के नाम पर राहत और एफडीआर वर्क पीड़ितों की मदद नहीं बल्कि अधिकारियों के लिए लूट-खसोट का जरिया बन गया है. हर साल आने वाले बाढ़ की त्रासदी से जहां लाखों के जान-माल का नुकसान होता है. वहीं, आपदा प्रबंधन कानून के तहत आज तक कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई. यहां के सिटीजन फोरम में जिले के 8 अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट में परिवाद दर्ज किया गया है. शिकायतकर्ताओं ने अपील की है कि बाढ़ राहत के नाम पर लूट-खसोट करने वाले आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए.

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सिटीजन फोरम के अध्यक्ष आशीष कुमार सिंह

हजारों किसान ऋण के बोझ से दबे
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी से गुहार लगाते हुए सिटी सिटीजन फोरम के अध्यक्ष आशीष कुमार सिंह ने बताया कि यहां बाढ़ एक मानव कृत आपदा है. 2016, 2017 और 2019 में आये बाढ़ में विभाग की लापरवाही की वजह से सैकड़ों लोगों की जानें गयी हैं. हर साल आने वाली बाढ़ जैसी समस्या के लिए आज तक लोगों को सही तरीके से मुआवजा नहीं मिल पाया है. सही आंकलन नहीं होने के कारण किसानों को उचित फसल क्षतिपूर्ति नहीं मिली. जिस वजह से किसानों को बीमा कंपनियों से मुआवजा राशि नहीं मिली और कंपनियों को अवैध रूप से काफी रुपये का फायदा हुआ. जिसका नतीजा यह है कि आज भी हजारों किसान ऋण की बोझ से दबे हैं और पदाधिकारी बंदरबांट कर मालामाल हो जाते हैं.

बाढ़ राहत लूट में 8 अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज

8 अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज
इस लूट को रोकने के लिये जिला लोक शिकायत प्राधिकरण में आठ अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गयी थी. जिसे प्राधिकार ने सही मानते हुए कार्रवाई का आदेश दिया. इसके बाद कमलेश कुमार सिंह (अपर समाहर्ता ), अर्जुन प्रताप सिंह (अपर समाहर्ता रिलिफ ), चन्द्रदेव प्रसाद (जिला कृषि पदाधिकारी), रामकुमार पोद्दार (जिला पंचायती राज पदाधिकारी ), चंद्र भूषण गुप्ता (अग्रणी जिला प्रबंधक), संजय कुमार झा (जिला सहकारिता पदाधिकारी) और जिला अंकेक्षण प्राधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. वहीं, इस तरह की कार्रवाई से बाढ़ राहत में लूट करने वाले अधिकारियों में हड़कंप मचा है.

Intro:.......बाढ़ के नाम पर राहत और एफडीआर वर्क , पीड़ितों की मदद नहीं बल्कि अधिकारियों के लिए बन गयी है लूट खसोट का जरिया ........। साल - दर - साल आने वाली सैलाब की त्रासदी से जहाँ लाखों की जान माल की होती है नुकसान वही आपदा प्रबंधन कानून के तहत आज तक नहीं की गई है कोई कानूनी कार्रवाई ....। कटिहार के सिटीजन फोरम में स्थानीय अदालत से जिले के आठ अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट परिवाद दर्ज करते हुए बताया है कि आरोपी बाबू के बाढ़ राहत और नाम पर लूट - खसोट के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाये ......। मजे की बात यह है कि यह कोर्ट परिवार जिला लोक शिकायतपदाधिकारी द्वारा दर्ज शिकायत के उस आदेश की के आलोक में दर्ज कराई गई है जिसमें सभी अधिकारियों के खिलाफ बाढ़ राहत के नाम पर लूट खसोट में कसूरवार पाया गया है........।


Body:कटिहार के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी से गुहार लगाते हुए सिटी सिटीजन फोरम के अध्यक्ष आशीष कुमार सिंह ने बताया कि कटिहार जिले का बाढ़ एक मानव कृत आपदा है और वर्ष 2016, वर्ष 2017 और वर्ष 2019 में आये सैलाब में विभाग की लापरवाही की वजह से सैकड़ों लोगों की जानें गयी .....मवेशियों का नुकसान हुआ ....लोगों के बने - बनाये आशियाने पानी में कागज की तरह कश्ती के तरह बह गये और सैकड़ों लोगों को विस्थापन का दर्द झेलना पड़ रहा है ......। चल के लिए साल - दर - साल की आने वाली बाढ़ जैसी समस्या के कारण आज तक लोगों को सहीं तरीके से मुआवजा नहीं मिल पाया और यदि मिला भी अधकचरा और आधा - अधूरा ......। प्रॉपर आंकलन नहीं कर पाने के कारण किसानों को उचित फसल क्षतिपूर्ति नहीं मिली और जिस वजह से किसानों को बीमा कंपनियों से मुआवजा राशि नहीं मिली और कंपनियों को अवैध रूप से काफी रुपये का फायदा मिला और नतीजा हुआ कि आज भी हजारों किसान केसीसी ऋण से पीड़ित हैं ......। उन्होंने बताया कि इस सबके पीछे बाढ़ के कारण उत्पन्न होने वाला एफडीआर वर्क और राहत की राशि है जिसे पदाधिकारी बंदरबांट कर मालामाल हो जाते हैं ......। इस लूट - खसोट को रोकने के लिये जिला लोक शिकायत प्राधिकरण में आठ अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवायी गयी थी जिसे प्राधिकार ने सही मानते हुए कार्रवाई का आदेश दिया .......। इसके बाद कमलेश कुमार सिंह ( अपर समाहर्ता ) , अर्जुन प्रताप सिंह ( अपर समाहर्ता रिलिफ ) , चन्द्रदेव प्रसाद ( जिला कृषि पदाधिकारी ) रामकुमार पोद्दार ( जिला पंचायती राज पदाधिकारी ) चंद्र भूषण गुप्ता ( अग्रणी जिला प्रबंधक ) , संजय कुमार झा ( जिला सहकारिता पदाधिकारी ) और जिला अंकेक्षण प्राधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है......।


Conclusion:कटिहार जिले में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत आठ अधिकारियों के खिलाफ यह अब तक का पहला मामला है जिसमें वादी लोक शिकायत प्राधिकार के मामले में दिये गये निर्देश के बाद न्यायालय से कार्रवाई की अपील की गयी है ......। इस तरह की कार्रवाई से बाढ़ राहत में लूटने वालों ने अधिकारियों में हड़कंप है.......।
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