कटिहार: जिले में पशुपालन विभाग के सरकारी आंकड़ों के अनुसार 61702 जानवर बाढ़ प्रभावित हैं. इसके लिये सूखा चारा भी उपलब्ध है. लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही है. पशुओं के लिए कहीं कोई चारा की व्यवस्था नहीं है. पशुपालक काफी परेशान हैं.
चारों तरफ पानी होने से पशु चारे की समस्या
आजमनगर प्रखंड के महानंदा नदी के तटबंध पर बाढ़ पीड़ित अपने मवेशियों के साथ शरण लिये हुए हैं. चारों तरफ पानी होने के कारण मवेशियों को लिए चारे की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. सूखे चारे पुआल के पानी में भींगने के कारण सड़ गए हैं. जिसकी वजह से पशुओं के लिए चारे की भारी किल्लत हो गई है.
बाढ़ पीड़ितों ने सुनाया अपना दुख-दर्द
बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि मवेशियों के लिए सूखा चारा खरीद कर खिलाने में हम असमर्थ हैं. वहीं, पशुपालन विभाग की तरफ से हमारे पशुओं के लिए कोई चारे की व्यवस्था नहीं करवाई गयी है. लोग जैसे-तैसे मवेशी को पाल रहे हैं.
सरकारी अधिकारी कर रहे दावे
जिला पशुपालन पदाधिकारी अजित कुमार सिंह ने कहा कि जिले में 61702 पशु बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. सभी के लिए सूखा चारा प्रचूर मात्रा में उपलब्ध है. साथ ही पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सक पशुओं के इलाज के लिए काम कर रहे हैं.