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कैमूर: फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कार्यशाला का आयोजन, कृषि यंत्रों पर दिया जाएगा 75% सब्सिडी - जिला कृषि विभाग

जिला कृषि पदाधिकारी ललित प्रसाद ने बताया कि जिले के तमाम प्रखंड कृषि पदाधिकारी, किसान सलाहकार और किसानों को कार्यशाला में बुलाया गया, ताकि उन्हें फसल कटाई के बाद बचे अवशेषों के प्रति जागरूक किया जा सके.

फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कर्मशाला का आयोजन
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Published : Nov 9, 2019, 7:53 PM IST

कैमूर: जिला प्रशासन की ओर से प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. खेतों में पराली सहित अन्य सामान नहीं जलाने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है. इसी क्रम में किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया. साथ ही किसानों को ऑन डिमांड कृषि यंत्र भी 75 प्रतिशत सब्सिडी के साथ कृषि विभाग की ओर से उपलब्ध करवाये जा रहे हैं.

फसल अवशेषों के प्रति जागरुकता
बता दें कि कुछ दिनों पहले डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने किसान पुआल सहित अन्य अवशेषों को नहीं जलाएं, इसलिए फसल कटाई में लगने वाले हार्वेस्टर में रीपर को अनिवार्य किया था. इसी क्रम में किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के गुण भी सिखाये जा रहे हैं. वहीं, जिला कृषि विभाग की ओर से आयोजित कृषि कार्यशाला का उद्देश्य किसानों में फसल अवशेषों के प्रति जागरुकता लाना है.

फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कार्यशाला का आयोजन

'कृषि यंत्रों पर 75 प्रतिशत तक सब्सिडी'
जिला कृषि पदाधिकारी ललित प्रसाद ने बताया कि जिले के तमाम प्रखंड कृषि पदाधिकारी, किसान सलाहकार और किसानों को कार्यशाला में बुलाया गया, ताकि उन्हें फसल कटाई के बाद बचे अवशेषों के प्रति जागरूक किया जा सके. साथ ही उन्होंने बताया कि 11 और 12 नवंबर को जिले के सभी प्रखंड मुख्यालय में किसान कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा. फसल अवशेषों के प्रबंधन से संबंधित कृषि यंत्रों पर 75 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी सरकार की तरफ से उपलब्ध करवाए गए हैं.

कैमूर: जिला प्रशासन की ओर से प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. खेतों में पराली सहित अन्य सामान नहीं जलाने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है. इसी क्रम में किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया. साथ ही किसानों को ऑन डिमांड कृषि यंत्र भी 75 प्रतिशत सब्सिडी के साथ कृषि विभाग की ओर से उपलब्ध करवाये जा रहे हैं.

फसल अवशेषों के प्रति जागरुकता
बता दें कि कुछ दिनों पहले डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने किसान पुआल सहित अन्य अवशेषों को नहीं जलाएं, इसलिए फसल कटाई में लगने वाले हार्वेस्टर में रीपर को अनिवार्य किया था. इसी क्रम में किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के गुण भी सिखाये जा रहे हैं. वहीं, जिला कृषि विभाग की ओर से आयोजित कृषि कार्यशाला का उद्देश्य किसानों में फसल अवशेषों के प्रति जागरुकता लाना है.

फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कार्यशाला का आयोजन

'कृषि यंत्रों पर 75 प्रतिशत तक सब्सिडी'
जिला कृषि पदाधिकारी ललित प्रसाद ने बताया कि जिले के तमाम प्रखंड कृषि पदाधिकारी, किसान सलाहकार और किसानों को कार्यशाला में बुलाया गया, ताकि उन्हें फसल कटाई के बाद बचे अवशेषों के प्रति जागरूक किया जा सके. साथ ही उन्होंने बताया कि 11 और 12 नवंबर को जिले के सभी प्रखंड मुख्यालय में किसान कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा. फसल अवशेषों के प्रबंधन से संबंधित कृषि यंत्रों पर 75 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी सरकार की तरफ से उपलब्ध करवाए गए हैं.

Intro:कैमूर।

जिला प्रशासन द्वारा को प्रदूषण नियंत्रण करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहें हैं। खेतों में पैरोल सहित अन्य सामान को नहीं जलानें के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा हैं। इसी क्रम में किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कर्मशाला का आयोजन किया गया। यहीं नहीं किसानों को इस संबंध में ऑन डिमांड कृषि यंत्र भी 75 प्रतिशत के सब्सिडी तक कृषि विभाग द्वारा उपलब्ध करवाये जा रहें हैं।


Body:आपकों बतादें कि कुछ दिनों पहले डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने फसल की कटाई में लगने वाले हार्वेस्टर में रीपर का होना अनिवार्य किया था। ताकि किसान पुआल सहित अन्य अवशेषों की जलाए नहीं।

जिसके बाद कृषि विभाग द्वारा किसानों को 75 प्रतिशत तक कि सब्सिडी प्रदान की जा रहीं हैं और किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के गुण सिखायें जा रहें हैं। जिला कृषि विभाग द्वारा आयोजित कृषि कर्मशाला का उद्देश्य किसानों में फसल अवशेषों के प्रति जागरूकता बढ़ना हैं। इसलिए इस पूरे कार्यक्रम का नारा दिया गया।

पुआल कूड़ा नहीं, खेती का गहना हैं । इसे मिट्टी से मिलाना हैं कभी नहीं जलाना हैं।

जिला कृषि पदाधिकारी ललित प्रसाद नें बताया कि जिले के तमाम प्रखंड कृषि पदाधिकारी , किसान सलाहकार और किसानों को कर्मशाला में बुलाया गया हैं ताकि उन्हें फसल कटाई के बाद बचे अवशेषों के गुण को बताया जा सके और इसके प्रति जागरूक किया जा सके। उन्होंने बताया कि 11 और 12 नवंबर को जिले के सभी प्रखंड मुख्यालय में किसान कर्मशाला का आयोजन किया जाएगा। यहीं नहीं फसल अवशेषों के प्रबंधन से संबंधित कृषि यंत्रों पर 75 प्रतिशत तक का सब्सिडी भी सरकार के तरफ से उपलब्ध करवाया गया हैं। कृषि विभाग ने इन सभी यंत्रों के लिए ऑन डिमांड इंतजाम किए हैं। कोई भी किसान यदि इस संबंधित कृषि यंत्रों की डिमांड करते हैं उन्हें यंत्र 75 प्रतिशत तक सब्सिडी तक उपलब्ध कराया जाएगा।



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