कैमूर: जिला प्रशासन की ओर से प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. खेतों में पराली सहित अन्य सामान नहीं जलाने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है. इसी क्रम में किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया. साथ ही किसानों को ऑन डिमांड कृषि यंत्र भी 75 प्रतिशत सब्सिडी के साथ कृषि विभाग की ओर से उपलब्ध करवाये जा रहे हैं.
फसल अवशेषों के प्रति जागरुकता
बता दें कि कुछ दिनों पहले डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने किसान पुआल सहित अन्य अवशेषों को नहीं जलाएं, इसलिए फसल कटाई में लगने वाले हार्वेस्टर में रीपर को अनिवार्य किया था. इसी क्रम में किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के गुण भी सिखाये जा रहे हैं. वहीं, जिला कृषि विभाग की ओर से आयोजित कृषि कार्यशाला का उद्देश्य किसानों में फसल अवशेषों के प्रति जागरुकता लाना है.
'कृषि यंत्रों पर 75 प्रतिशत तक सब्सिडी'
जिला कृषि पदाधिकारी ललित प्रसाद ने बताया कि जिले के तमाम प्रखंड कृषि पदाधिकारी, किसान सलाहकार और किसानों को कार्यशाला में बुलाया गया, ताकि उन्हें फसल कटाई के बाद बचे अवशेषों के प्रति जागरूक किया जा सके. साथ ही उन्होंने बताया कि 11 और 12 नवंबर को जिले के सभी प्रखंड मुख्यालय में किसान कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा. फसल अवशेषों के प्रबंधन से संबंधित कृषि यंत्रों पर 75 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी सरकार की तरफ से उपलब्ध करवाए गए हैं.