कैमूर: जिले के चैनपुर प्रखंड अंतर्गत कैमूर पहाड़ी पर बसा करकटगढ़ गांव आजादी के 73 साल बाद भी अपने विकास की आस लगाए बैठा है. इस गांव के लोगों को आज भी बुनियादी सुविधाएं मयस्सर नहीं हैं. लोग आज भी अच्छी शिक्षा, बेहतर इलाज, पक्की सड़क और सुलभ यातायात को तरस रहे हैं. जब कोई बीमार होता है तो उसे कंधे पर लादकर डॉक्टर के पास पहुंचाया जाता है.
करीब 8 महीने पहले लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान सीएम ने भी इस गांव का दौरा किया था. जिसके बाद ग्रामीणों में विकास की उम्मीद जगी थी. लोगों को लगा कि सारे वायदे जल्द ही हकीकत में तब्दील होंगे. लेकिन, मुख्यमंत्री के वापस लौटते ही जिला प्रशासन के उदासीन रवैये के कारण आजतक गांव की स्थिति जस की तस बनी हुई है.
ODF घोषित हो चुका है जिला
जब इस गांव में ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो ग्रामीणों का दर्द छलक पड़ा. उन्होंने जिला प्रशासन के दांवों की पोल खोल दी. हैरानी की बात यह है कि ओडीएफ घोषित हो चुके कैमूर के इस गांव के ग्रामीण आज भी खुले में शौच जाने को विवश हैं.
रातों-रात बना दी गई 22 किमी सड़क
पहले इस गांव में पहुंचने के लिए सड़क तक नहीं थी. लेकिन, जब इस साल जनवरी में मुख्यमंत्री के आने की बात हुई तो गांव में पहुंचने के लिए सड़क बनाई गई. जैसे ही जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की सूचना मिली तो प्रशासन ने रात-दिन एक करके मात्र 3 दिनों में 22 किमी पहाड़ी पर सड़क बना दी. कैम्प लगाकर ग्रामीणों को सभी सुविधाएं देने के लिए कागजी कार्रवाई शुरू हो गई. लेकिन, मुख्यमंत्री के जाते हैं, सबकुछ ठप हो गया.
शौचालय की चाहरदीवारी तो है लेकिन...
ग्रामीणों ने बताया कि शौचालय निर्माण के लिए चारदीवारी भी बनाई गई. लेकिन, शौचालय में सीट नहीं लगवाया गया. आज भी गांव के सभी लोग खुले में शौच जाते हैं. यही नहीं जब गांव में किसी की तबीयत खराब होती है, तो उसे कंधे पर लादकर पड़ोसी राज्य यूपी इलाज के लिए ले जाया जाता है. ग्रामीणों ने बताया कि सीएम के आने के बाद गांव में केवल बिजली मिली हैं. बाकी सभी सुविधाएं कागजों में ही रह गई हैं.
इको टूरिज्म डेवलपमेंट के तहत होगा विकास- DM
इस बाबत जब डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी से जवाब-तलब किया गया तो उन्होंने पहले बात टालने की कोशिश की. लेकिन, बाद में इस मुद्दे पर रटा रटाया जवाब दिया. डीएम ने कहा कि गांव में विकास का कार्य हुआ है. कुछ लाभुकों को अगर योजना का लाभ नहीं मिल पाया है, तो विभाग उनके लिए भी कार्य करेगा. डीएम ने बताया कि गांव को इको विलेज बनाने की योजना हैं. करकटगढ़ को इको टूरिज्म डेवलपमेंट के तहत विकसित करने की बात चल रही है.