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कैमूर: इस हाईटेक आंगनबाड़ी केंन्द्र में नहीं है पानी और शौचालय की सुविधा, बच्चे भटकने को मजबूर

प्रखंड विकास पदाधिकारी मयंक कुमार सिंह के अनुसार उन्हें इसकी सूचना नहीं मिली है कि केंद्र पर बिना बोरिंग के पानी टंकी और नल लगा दिए गए हैं. जांच के बाद यदि ऐसा कुछ पाया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी.

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Published : Jan 22, 2020, 1:51 PM IST

कैमूर: जिले में प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही आए दिन देखने को मिलती है. ताजा मामला भगवानपुर प्रखंड के औसान गांव का है. जहां के आंगनबाड़ी केंद्र को हाईटेक तो बना दिया गया, लेकिन आज तक इसमें पानी जैसी मूलभूत सुविधा मुहैया नहीं कराई जा सकी. आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चे पानी के लिए यहां वहां भटकते हैं.

CM के आगमन को लेकर हुई थी तैयारी
दरअसल, 17 दिसंबर 2019 को सीएम नीतीश कुमार जल जीवन हरियाली यात्रा के दौरान कैमूर पहुंचे थे. इसे लेकर आंगनबाड़ी केंद्र एक बड़े भवन में शिफ्ट कर उसे पूरी तरह से सजा दिया गया था. 32 साल बाद भगवानपुर स्तिथ औसान गांव के आंगनबाड़ी केंद्र के अपने भवन में बच्चों ने प्रवेश किया था. इस केंद्र में पानी से लेकर शौचालय तक की सभी सुविधाओं को उपलब्ध कराया गया था.

kaimur
केंद्र में खेलते बच्चे

केंद्र में नहीं है पानी की सुविधा
आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों के लिए लगाए गए पानी टंकी में आज तक पानी की सुविधा नहीं दी गई. आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका दमयंती देवी ने बताया कि जब से वो इस केंद्र में कार्यरत हैं, तब यह केंद्र किराये के मकान में चलता था. भवन तो था लेकिन वो खंडहर का रूप ले चुका था. सीएम के आगमन से पहले इस केंद्र को हाईटेक बना दिया गया और हर सुविधा भी उपलब्ध कराई गई.

बच्चों को हो रही है परेशानी
आनन-फानन में पानी की टंकी और नल भी लागये गए. लेकिन, दुर्भाग्य की बात ये है कि टंकी में पानी का इंतजाम नहीं किया गया. बिना बोरिंग के ही टंकी और नल लगा दिए गए. आज तक सीएम के वापस लौटने के एक महीने बाद भी यहां बच्चों के लिए पीने का पानी उपलब्ध नहीं है. यही नहीं इस आंगनबाड़ी केंद्र में पहुंचने का न ही उचित रास्ता और न ही अपना शौचालय है.

मामले की होगी जांच
प्रखंड विकास पदाधिकारी मयंक कुमार सिंह के अनुसार उन्हें इसकी सूचना नहीं मिली है कि केंद्र पर बिना बोरिंग के पानी टंकी और नल लगा दिए गए हैं. जांच के बाद यदि ऐसा कुछ पाया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी.

कैमूर: जिले में प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही आए दिन देखने को मिलती है. ताजा मामला भगवानपुर प्रखंड के औसान गांव का है. जहां के आंगनबाड़ी केंद्र को हाईटेक तो बना दिया गया, लेकिन आज तक इसमें पानी जैसी मूलभूत सुविधा मुहैया नहीं कराई जा सकी. आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चे पानी के लिए यहां वहां भटकते हैं.

CM के आगमन को लेकर हुई थी तैयारी
दरअसल, 17 दिसंबर 2019 को सीएम नीतीश कुमार जल जीवन हरियाली यात्रा के दौरान कैमूर पहुंचे थे. इसे लेकर आंगनबाड़ी केंद्र एक बड़े भवन में शिफ्ट कर उसे पूरी तरह से सजा दिया गया था. 32 साल बाद भगवानपुर स्तिथ औसान गांव के आंगनबाड़ी केंद्र के अपने भवन में बच्चों ने प्रवेश किया था. इस केंद्र में पानी से लेकर शौचालय तक की सभी सुविधाओं को उपलब्ध कराया गया था.

kaimur
केंद्र में खेलते बच्चे

केंद्र में नहीं है पानी की सुविधा
आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों के लिए लगाए गए पानी टंकी में आज तक पानी की सुविधा नहीं दी गई. आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका दमयंती देवी ने बताया कि जब से वो इस केंद्र में कार्यरत हैं, तब यह केंद्र किराये के मकान में चलता था. भवन तो था लेकिन वो खंडहर का रूप ले चुका था. सीएम के आगमन से पहले इस केंद्र को हाईटेक बना दिया गया और हर सुविधा भी उपलब्ध कराई गई.

बच्चों को हो रही है परेशानी
आनन-फानन में पानी की टंकी और नल भी लागये गए. लेकिन, दुर्भाग्य की बात ये है कि टंकी में पानी का इंतजाम नहीं किया गया. बिना बोरिंग के ही टंकी और नल लगा दिए गए. आज तक सीएम के वापस लौटने के एक महीने बाद भी यहां बच्चों के लिए पीने का पानी उपलब्ध नहीं है. यही नहीं इस आंगनबाड़ी केंद्र में पहुंचने का न ही उचित रास्ता और न ही अपना शौचालय है.

मामले की होगी जांच
प्रखंड विकास पदाधिकारी मयंक कुमार सिंह के अनुसार उन्हें इसकी सूचना नहीं मिली है कि केंद्र पर बिना बोरिंग के पानी टंकी और नल लगा दिए गए हैं. जांच के बाद यदि ऐसा कुछ पाया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी.

Intro:कैमूर।

जिलें में अधिकारियों की एक से बढ़कर एक कारनामें देखने को मिलती हैं। सीएम नीतीश कुमार का कैमूर आगमन बीते 17 दिसंबर को हुआ था। भगवानपुर प्रखंड के औसान गांव में सीएम साहेब का जल जीवन हरियाली समीक्षा यात्रा था। अधिकारियों नें गांव के विकास में कोई कमी न छोड़ी इसी क्रम में गांव के आंगनबाड़ी को 32 सालों के बाद किराये के भवन से हटाकर खुद के भवन में 17 दिसंबर यानी सीएम के आगमन वालें दिन शिफ्ट कर दिया गया। दुल्हन की तरह सजी भवन में बच्चों को हर सुख सुविधा उपलब्ध कराई गई। केन्द्र को हाई टेक बना दिया गया।


Body:आपकों बतादें कि जिस दिन यानी 17 दिसंबर 2019 सीएम नीतीश कुमार का आगमन हुआ था उसी दिन डेंटिंग पेंटिंग और सुख सुविधाओं से लेश भगवानपुर स्तिथ औसान गांव के आंगनबाड़ी केन्द्र के खुद के भवन में 32 साल बाद बच्चों ने प्रवेश किया। केन्द्र पर शौचालय और नल जल योजन के तहत नल और सिंटेक्स भी लागये गए थे। देखने से मानों ऐसा प्रतीत होता था जैसे आंगनबाड़ी में कोई कमी ही नहीं हो। लेकिन इस केंद्र की सेविका दमयंती देवी ने ईटीवी भारत से बातचीत में ऐसा खुलासा किया मानों अधिकारियों ने सीएम की आंख में धूल झोंक बच्चों के हक़ का पानी छीन लिया। सेविका नें बताया जब से इस केंद्र पर कार्यरत हैं तब से यह केंद्र किराये के मकान में चलता था। भवन तो था लेकिन खण्डहर का रूप ले लिया था। लेकिन सीएम के आगमन होने से पहले इस केन्द्र को हाई टेक बना दिया गया और हर सुविधा भी उपलब्ध कराई गई। आनन फानन में पानी की टंकी और नल भी लागये गए। लेकिन दुर्भाग्य की बात यह हैं कि टंकी में पानी का इंतजाम नहीं किया गया यानी बिना बोरिंग के ही टंकी और नल लगा दिए गए। आज तक सीएम के वापस लौटने के 1 माह बाद भी बोरिंग नहीं कराई गई और पानी की टंकी और नल सिर्फ दिखावे के लिए लागये गया हैं। यानी सीएम के जाते ही अधिकारी सुस्त हो जाते हैं और काम अधूरा रह जाता हैं। ऊपर ऊपर सीएम को सारी सुविधाओं होने का दावा करने वाले अधिकारी आज तक बोरिंग न करा सके और सिर्फ पानी टंकी और नल लगाकर सीएम को गुमराह कर गए। यही नहीं इस आंगनबाड़ी केन्द्र पर पहुँचने का आज तक न कोई रास्ता हैं और न ही इस केंद्र पर शौचालय।


दूसरी तरफ प्रखंड विकास पदाधिकारी मयंक कुमार सिंह का कहना हैं कि उन्हें यह सूचना नहीं मिली हैं कि केंद्र पर बिना बोरिंग के पानी टंकी और नल लगा दिए गए हैं। फिजिकली जांच के बाद यदि ऐसा कुछ पाया जाता हैं तो कार्रवाई की जाएगी।



Conclusion:ऐसे में विकास के खोखले दावे पेश कर अधिकारियों का वाहावाही कितना जायज हैं इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं।
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