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Watch Video: कैमूर में मां मुंडेश्वरी के दरबार में पहुंचे नाग देवता, पीने लगे दूध - etv bharat bihar

बिहार के कैमूर में स्थित पवरा की पहाड़ियों में स्थित मां मुंडेश्वरी मंदिर (Mata Mundeshwari Temple) में उस वक्त भक्त फूले नहीं समाए जब अचानक नाग देवता प्रकट हो गए. नाग देवता को दूध पीता देख पूरा मंदिर परिसर मां के जयकारों से गूंज उठा.

मां मुंडेश्वरी मंदिर में नाग देवता पीने लगे दूध
मां मुंडेश्वरी मंदिर में नाग देवता पीने लगे दूध
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 21, 2023, 2:05 PM IST

Updated : Oct 21, 2023, 5:00 PM IST

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कैमूर: जिले में माता मुंडेश्वरी के मंदिर में नवरात्रि के मौके पर भक्तों का तांता लगा रहता है. लोग मां के दर्शन करने के लिए बिहार ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों से भी यहां पहुंचते हैं. मुंडेश्वरी मंदिर की महिमा से सभी परिचित हैं. ऐसे में एक अद्भुत नजारा देख भक्तों की आस्था मंदिर के प्रति और बढ़ गई है.

पढ़ें- Shardiya Navratri 2023: बिहार के इस मंदिर में दी जाती है 'अनूठी रक्तविहीन पशु बलि'.. देखिए माता मुडेश्वरी की महिमा

मां मुंडेश्वरी मंदिर में नाग देवता पीने लगे दूध: दरअसल माता मुंडेश्वरी मंदिर के गर्भ में भगवान शंकर भी महामंडलेश्वर के रूप में विराजमान हैं. वहीं भक्तों ने मंदिर के अंदर एक अद्भुत नजारा देखा, जिसमें एक नाग देवता आकर लगभग 2 मिनट तक मंदिर में रहकर भगवान शंकर जी के पास गिरे दूध को पीने लगे.

जयकारे लगाने लगे श्रद्धालु: नाग देवता को दूध पीता देख मंदिर के अंदर मौजूद सैकड़ों लोगों ने हाथ जोड़कर नाग के दर्शन किये. श्रद्धालुओं का मानना है कि खुद भगवान शंकर ने नाग देवता के रूप में आकर भक्तों को दर्शन दिया है. हालांकि यह कोई पहली बार नहीं है कि जब मंदिर के अंदर नाग देवता को देखा गया हो.

"ऐसा हमेशा होता है. जब मंदिर के अंदर नाग देवता आते हैं. लेकिन यह नाग देवता किसी को नुकसान नहीं पहुंचते हैं. यही कारण है कि नाग को देखते ही लोगों द्वारा महादेव के जयकारे लगाए जाते हैं. मंदिर परिसर भक्तों के जयकारे से गूंज उठा."- श्रद्धालु

दूर-दूर से आते हैं भक्त: बता दें कि जिले के भगवानपुर प्रखंड स्थित पवरा के पहाड़ियों में माता मुंडेश्वरी का मंदिर स्थित है. यहां सालों भर भीड़ लगी रहती है, लेकिन नवरात्रि के दिनों में दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. नवरात्रि के मौके पर मंदिर में भक्तों का सैलाब देखने को मिलता है.

रक्तहीन बकरे की बलि की प्रथा: माता के दर्शन के लिए बिहार ही नहीं बल्कि यहां उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश और देश के अन्य राज्यों से हजारों की संख्या में लोग आकर मां के दर्शन करते हैं और मन्नत मांगते हैं. जिनकी मन्नत पूरी हो जाती है, वह दोबारा आकर यहां रक्तहीन बकरे की बलि माता को चढ़ाते हैं

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कैमूर: जिले में माता मुंडेश्वरी के मंदिर में नवरात्रि के मौके पर भक्तों का तांता लगा रहता है. लोग मां के दर्शन करने के लिए बिहार ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों से भी यहां पहुंचते हैं. मुंडेश्वरी मंदिर की महिमा से सभी परिचित हैं. ऐसे में एक अद्भुत नजारा देख भक्तों की आस्था मंदिर के प्रति और बढ़ गई है.

पढ़ें- Shardiya Navratri 2023: बिहार के इस मंदिर में दी जाती है 'अनूठी रक्तविहीन पशु बलि'.. देखिए माता मुडेश्वरी की महिमा

मां मुंडेश्वरी मंदिर में नाग देवता पीने लगे दूध: दरअसल माता मुंडेश्वरी मंदिर के गर्भ में भगवान शंकर भी महामंडलेश्वर के रूप में विराजमान हैं. वहीं भक्तों ने मंदिर के अंदर एक अद्भुत नजारा देखा, जिसमें एक नाग देवता आकर लगभग 2 मिनट तक मंदिर में रहकर भगवान शंकर जी के पास गिरे दूध को पीने लगे.

जयकारे लगाने लगे श्रद्धालु: नाग देवता को दूध पीता देख मंदिर के अंदर मौजूद सैकड़ों लोगों ने हाथ जोड़कर नाग के दर्शन किये. श्रद्धालुओं का मानना है कि खुद भगवान शंकर ने नाग देवता के रूप में आकर भक्तों को दर्शन दिया है. हालांकि यह कोई पहली बार नहीं है कि जब मंदिर के अंदर नाग देवता को देखा गया हो.

"ऐसा हमेशा होता है. जब मंदिर के अंदर नाग देवता आते हैं. लेकिन यह नाग देवता किसी को नुकसान नहीं पहुंचते हैं. यही कारण है कि नाग को देखते ही लोगों द्वारा महादेव के जयकारे लगाए जाते हैं. मंदिर परिसर भक्तों के जयकारे से गूंज उठा."- श्रद्धालु

दूर-दूर से आते हैं भक्त: बता दें कि जिले के भगवानपुर प्रखंड स्थित पवरा के पहाड़ियों में माता मुंडेश्वरी का मंदिर स्थित है. यहां सालों भर भीड़ लगी रहती है, लेकिन नवरात्रि के दिनों में दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. नवरात्रि के मौके पर मंदिर में भक्तों का सैलाब देखने को मिलता है.

रक्तहीन बकरे की बलि की प्रथा: माता के दर्शन के लिए बिहार ही नहीं बल्कि यहां उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश और देश के अन्य राज्यों से हजारों की संख्या में लोग आकर मां के दर्शन करते हैं और मन्नत मांगते हैं. जिनकी मन्नत पूरी हो जाती है, वह दोबारा आकर यहां रक्तहीन बकरे की बलि माता को चढ़ाते हैं

Last Updated : Oct 21, 2023, 5:00 PM IST
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