कैमूर: जिले के चफना में उत्क्रमित मध्य विद्यालय में ताला लगा रहता है. यह स्कूल महीने में केवल 3-4 दिन ही खुलता है. इस कारण बच्चों की शिक्षा व्यवस्था दांव पर लगा हुआ है. वहीं स्कूल में केवल गिने-चुने शिक्षक ही हैं, जो समय पर कभी स्कूल आते तक नहीं है.
शिक्षा व्यवस्था में चूक
नीतीश सरकार के राज में शिक्षा व्यवस्था भले ही फलने-फूलने की बात आपने सुनी होगी. लेकिन ऐसा विकास हर जगह हो ऐसा नहीं है. दरअसल, जिले के पहाड़ी क्षेत्र में अधौरा प्रखंड के चफना में एक उत्क्रमित मध्य विद्यालय है. इस स्कूल के होने से बच्चों का विकास तो सभंव था, लेकिन यहां के शिक्षक ही जब पढ़ाई के प्रति उदासीन हो तो विकास कैसे हो.
शिक्षक सहित शिक्षा का अभाव
बताया जाता है कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय शिक्षक समेत शिक्षा का भी घोर अभाव है. यह स्कूल महीने में चंद दिन खुलते हैं, बाकी दिनों में स्कूल में ताला लटका रहता है. यह हैरानी की है कि यह स्कूल जिला मुख्यालय से महज 75 किमी दूर ही है.
महीने में एक आध बार खुलता है विद्यालय
ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय महीने में कई दिनों तक बन्द रहता है. वहीं शिक्षक किसी दिन आते भी हैं तो जल्दी ही ताला लटकाकर चले जाते हैं. उन्होंने कहा कि विद्यालय महीने में 4-6 दिनों तक संचालित किया जाता है. वो भी सिर्फ एक टीचर के भरोशे बाकी इस विद्यालय के प्रिंसिपल सहित अन्य शिक्षक महीने में 2-4 दिनों के लिए आते हैं और खानापूर्ति कर वापस लौट जाते हैं.
अधिकारियों से मिलता है आश्वासन
ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षक के आभाव और लचीली व्यवस्था के कारण यहां बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने को मजबूर हैं. वहीं इसके बारे में शिकायत करने पर अधिकारियों से केवल आश्वासन मिलता है. जबकि विद्यालय में कई ऐसे शिक्षक हैं जो सालों से विद्यालय में कदम तक नहीं रखे हैं. ऐसे में कैसी होगी यहां की शिक्षा व्यवस्था इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं होगा.