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गया के बाद कैमूर का ये गांव बना आस्था का केंद्र, बोधि वृक्ष और पद का दर्शन करने पहुंच रहे श्रद्धालु - mahatma budh in kaimur

चांदन नदी में महात्मा बुद्ध के अवशेष मिलने के बाद कैमूर का भदरिया गांव आस्था का केंद्र बन गया है. यहां दूर-दूर से लोग दर्शन के लिए आ रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

बिहार की ताजा खबर
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Published : Dec 19, 2020, 4:46 PM IST

Updated : Dec 19, 2020, 8:10 PM IST

कैमूर : जिले के भदरिया गांव में बोधि वृक्ष और पद के दर्शन करने दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. यहां मिले महात्मा बुद्ध के अवशेषों के बाद दोनों की स्थापना की गई है. इस बाबत, गांवभर में खुशी का माहौल है. भगवान बुद्ध के अनुयायी यहां आ रहे हैं.

जिले के अमरपुर थाना क्षेत्र के भदरिया गांव स्थित चांदन नदी तट पर मिले अवशेषों को देखने जहां एक तरफ दूर-दराज से ग्रामीण पहुंच रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ भदरिया गांव निवासी समाजसेवी लखनलाल पाठक के आवास के समीप स्थित बोधि वृक्ष और पद के दर्शन करने भी लोग पहुंच रहे हैं. इस बाबत अजीत कुमार पाठक ने बताया कि बचपन में खेलने के दौरान मुझे मृदभांड (मिट्टी के बर्तन) मिलते थे. उस दौरान मुझे कुछ समझ नहीं आता था. आज बड़े होने के बाद कई ग्रंथों में भदरिया गांव की चर्चा पढ़ने को मिली. इसके बाद इस गांव का मान बढ़ता नजर आ रहा है.

स्थापित की जाएगी महात्मा बुद्ध की मूर्ति
अजीत ने बताया, 'ग्रंथों में भदरिया गांव को महात्मा बुद्ध की परम शिष्या विशाखा का जन्म स्थल बताया गया है. ग्रंथों के अनुसार महात्मा बुद्ध अपने हजारों शिष्यों के साथ भदरिया गांव में आकर रुपते थे.' उन्होंने कहा कि चांदन नदी में मिल रहे अवशेष इस बात का प्रमाण हैं. इस बाबत 2014 में बोद्ध गया से बोधि पद और बोधि वृक्ष लाकर भदरिया गांव में स्थापित किया गया. जल्द ही भदरिया गांव के मुख्य द्वार पर महात्मा बुद्ध एवं विशाखा की मूर्ति की स्थापना की जाएगी.

कैमूर : जिले के भदरिया गांव में बोधि वृक्ष और पद के दर्शन करने दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. यहां मिले महात्मा बुद्ध के अवशेषों के बाद दोनों की स्थापना की गई है. इस बाबत, गांवभर में खुशी का माहौल है. भगवान बुद्ध के अनुयायी यहां आ रहे हैं.

जिले के अमरपुर थाना क्षेत्र के भदरिया गांव स्थित चांदन नदी तट पर मिले अवशेषों को देखने जहां एक तरफ दूर-दराज से ग्रामीण पहुंच रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ भदरिया गांव निवासी समाजसेवी लखनलाल पाठक के आवास के समीप स्थित बोधि वृक्ष और पद के दर्शन करने भी लोग पहुंच रहे हैं. इस बाबत अजीत कुमार पाठक ने बताया कि बचपन में खेलने के दौरान मुझे मृदभांड (मिट्टी के बर्तन) मिलते थे. उस दौरान मुझे कुछ समझ नहीं आता था. आज बड़े होने के बाद कई ग्रंथों में भदरिया गांव की चर्चा पढ़ने को मिली. इसके बाद इस गांव का मान बढ़ता नजर आ रहा है.

स्थापित की जाएगी महात्मा बुद्ध की मूर्ति
अजीत ने बताया, 'ग्रंथों में भदरिया गांव को महात्मा बुद्ध की परम शिष्या विशाखा का जन्म स्थल बताया गया है. ग्रंथों के अनुसार महात्मा बुद्ध अपने हजारों शिष्यों के साथ भदरिया गांव में आकर रुपते थे.' उन्होंने कहा कि चांदन नदी में मिल रहे अवशेष इस बात का प्रमाण हैं. इस बाबत 2014 में बोद्ध गया से बोधि पद और बोधि वृक्ष लाकर भदरिया गांव में स्थापित किया गया. जल्द ही भदरिया गांव के मुख्य द्वार पर महात्मा बुद्ध एवं विशाखा की मूर्ति की स्थापना की जाएगी.

Last Updated : Dec 19, 2020, 8:10 PM IST
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