कैमूर: छठ महापर्व को लेकर बिहार समेत उत्तर भारत में उत्साह का माहौल है. आज इस चार दिवसीय पर्व का आखिरी दिन था. चौथे दिन को पारण के नाम से जाना जाता है. इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले नदी के घाट पर पहुंचकर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. वहीं छठ व्रतियों का कहना है कि इस बार कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से जो दिशा-निर्देश आया है, उसको पूरी तरह से पालन हम सभी कर रहे हैं.
लोक आस्था का महापर्व को लेकर शहर के सभी घाट पर छठ गीतों से माहौल पूरा भक्ति में हो गया. छठ व्रती छठ के गीतों को गाकर सुख शांति की प्रार्थना की. छठ व्रतियों ने छठी मइया से प्रार्थना कर कहा कि कोरोना इस दुनिया से चला जाए.
कोरोना काल में पहली बार छठ पूजा का आयोजन किया गया. गृह विभाग के द्वारा दिशा-निर्देश आने के बाद छठ व्रतियों ने भी इसका पालन पूरी तरह से किया है. शहर के प्रसिद्ध राजेंद्र सरवर घाट पर काफी संख्या में छठ वर्ती उगते सूर्य को अर्ध्य देते हुए व्रत संपन्न किया.
परिवार में सुख शांति और पुत्र प्राप्ति के लिए व्रत
छठ व्रतियों ने कहा कि छठ का अलग महत्व है. इसे करने से परिवार में सुख शांति और पुत्र प्राप्ति के साथ पति के लंबी उम्र के लिए हम सभी छठ पूजा करते हैं और भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि जल्द से जल्द कोरोना दूर हो जाए और सभी स्वस्थ रहें.