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कैमूर: अपनी आवाज को पहचान देने के लिए छटपटा रही अंजली, लगाई मदद की गुहार

बिहार के कैमूर (Kaimur) की अंजली राज को बचपन से ही गाने का शौक है. लेकिन गरीबी के कारण उसे प्लेटफार्म नहीं मिल पा रहा है. अब अंजली का पूरा परिवार मदद की गुहार लगा रहा है. पढ़िए पूरी खबर..

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Published : Nov 10, 2021, 2:13 PM IST

कैमूर(भभुआ): अंजली राज को गाने का शौक (Kaimur Singer) बचपन से ही है. लेकिन गरीबी के कारण सही प्लेटफार्म नहीं मिल पाने से पूरा परिवार हताश है. बच्ची का परिवार जो मोहनिया (Mohania) के पुसौली के घटाव के रहने वाले हैं,अब मदद की गुहार लगा रहे हैं.

यह भी पढ़ें- गया के राजेश और अशरफ का ईरान पैरालंपिक में हुआ चयन, कहां से लाएंगे डेढ़ लाख?

अंजली राज को गाने का शौक इस कदर है कि हर पर्व पर खुद गाने लिखती है और गाती है. अंजली ज्यादातर भक्तिमय गीत गाती है. अंजली भभुआ पटेल कॉलेज से बीए की पढ़ाई कर रही है. ये तीन बहन एक भाई से बड़ी है. पिता मजदूरी कर घर का खर्च चलाते हैं.

यह भी पढ़ें- उड़ान भरने को छटपटा रहा राष्ट्रीय खिलाड़ी, गरीबी बनी पांव की जंजीर, अब सरकार से उम्मीद

"मुझे गाने का शौक बचपन से रहा है. इस बार सावन पर गीत गाई थी. तब से लगातार भक्ति लोक गीत गा रही हूं. गरीबी के कारण कई गानों की रिकॉर्डिंग भी नहीं करा पाती हूं."- अंजली राज, गायक

अंजली का कहना है कि कई बार गीत गाने के लिए आयोजित कार्यक्रमों में साधन की कमी की वजह से नहीं जा पाती है. नन्ही गायक के माता पिता भी चाहते हैं कि बेटी को एक बड़ा प्लेटफार्म मिले, जिससे आगे बढ़ कर घर परिवार के साथ जिले का नाम रौशन कर सके.

"मेरी बेटी 2018 से गीत गा रही है. छठ, होली, सावन के गीत गाती है. कैसेट्स भी आया है. इसके पिता मजदूरी करते हैं इसलिए पैसा नहीं हो पाता की इसे आगे बढ़ा सके."- किरण देवी, अंजली की मां

वहीं अंजली के पिता को भी इस बात का मलाल है कि गरीबी के कारण उनकी बेटी आगे नहीं बढ़ पा रही है. उसकी आवाज के कायल लोग घर में उसका गाना सुनने आते हैं. परिवार का कहना है कि अगर कोई मदद करे तो अंजली अपनी आवाज का लोहा मनवा सकती है.

"हम तो अपनी बेटी को काफी आगे बढ़ाना चाहते हैं लेकिन पैसे की तंगी के कारण ऐसा नहीं हो पाता. उम्मीद कर रहे हैं कि कभी कहीं कोई कदरदान मिले जो इसकी आवाज को एक नई पहचान दे."- शिव कुमार राम, अंजली के पिता

कैमूर(भभुआ): अंजली राज को गाने का शौक (Kaimur Singer) बचपन से ही है. लेकिन गरीबी के कारण सही प्लेटफार्म नहीं मिल पाने से पूरा परिवार हताश है. बच्ची का परिवार जो मोहनिया (Mohania) के पुसौली के घटाव के रहने वाले हैं,अब मदद की गुहार लगा रहे हैं.

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अंजली राज को गाने का शौक इस कदर है कि हर पर्व पर खुद गाने लिखती है और गाती है. अंजली ज्यादातर भक्तिमय गीत गाती है. अंजली भभुआ पटेल कॉलेज से बीए की पढ़ाई कर रही है. ये तीन बहन एक भाई से बड़ी है. पिता मजदूरी कर घर का खर्च चलाते हैं.

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"मुझे गाने का शौक बचपन से रहा है. इस बार सावन पर गीत गाई थी. तब से लगातार भक्ति लोक गीत गा रही हूं. गरीबी के कारण कई गानों की रिकॉर्डिंग भी नहीं करा पाती हूं."- अंजली राज, गायक

अंजली का कहना है कि कई बार गीत गाने के लिए आयोजित कार्यक्रमों में साधन की कमी की वजह से नहीं जा पाती है. नन्ही गायक के माता पिता भी चाहते हैं कि बेटी को एक बड़ा प्लेटफार्म मिले, जिससे आगे बढ़ कर घर परिवार के साथ जिले का नाम रौशन कर सके.

"मेरी बेटी 2018 से गीत गा रही है. छठ, होली, सावन के गीत गाती है. कैसेट्स भी आया है. इसके पिता मजदूरी करते हैं इसलिए पैसा नहीं हो पाता की इसे आगे बढ़ा सके."- किरण देवी, अंजली की मां

वहीं अंजली के पिता को भी इस बात का मलाल है कि गरीबी के कारण उनकी बेटी आगे नहीं बढ़ पा रही है. उसकी आवाज के कायल लोग घर में उसका गाना सुनने आते हैं. परिवार का कहना है कि अगर कोई मदद करे तो अंजली अपनी आवाज का लोहा मनवा सकती है.

"हम तो अपनी बेटी को काफी आगे बढ़ाना चाहते हैं लेकिन पैसे की तंगी के कारण ऐसा नहीं हो पाता. उम्मीद कर रहे हैं कि कभी कहीं कोई कदरदान मिले जो इसकी आवाज को एक नई पहचान दे."- शिव कुमार राम, अंजली के पिता

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