कैमूर(भभुआ): भभुआ (Bhabua) के 18 माह के शिवम की दोनों किडनी फेल (Kidney Failure) हो चुकी है. इलाज के लिए डॉक्टर 25 लाख रुपये की मांग रहे हैं तभी शिवम को बचाया जा सकता है. शिवम के जन्म के 10 दिन बाद ही उसकी तबीयत खराब होने लगी. तब माता पिता उसे डॉक्टर के पास लेकर गए जहां उन्हें पता चला कि बच्चे की दोनों किडनी खराब है.
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शिवम के माता पिता ने ईटीवी भारत के माध्यम से सांसद और जिलावासियों से मदद की गुहार लगाई है. शिवम को बचाने के लिए पिता रात दिन मेहनत कर रहे हैं. दो भाई प्राइवेट नौकरी करके 12 लाख रुपये इकट्ठा कर बच्चे का इलाज करवा चुके हैं. लेकिन ऑपरेशन के लिए मोटी रकम चाहिए जो परिवार के पास नहीं है. ऐसे में माता पिता अपने बच्चे की जान बचाने के लिए गुहार लगा रहे हैं.
मेरे बच्चे की जिंदगी बचाने के लिए कुछ कीजिए. डीएम बड़े बड़े बाबू साहब से निवेदन है कि मेरी मदद करें. जनता से भी मेरी गुहार है कि मदद करें. मेरे बच्चे को बचा लीजिए.- बिजेयन्ति देवी, शिवम की मां
डॉक्टर ने ऑपरेशन का खर्चा कम से कम 25 लाख रुपये बताये हैं. तभी शिवम को बचाया जा सकता है. शिवम के घर वाले इलाज के लिए पैसे जुटाने में लगे हैं. लेकिन इतनी बड़ी रकम जुटाना इनके बस की बात नहीं है.
इलाज बनारस में चल रहा है जिसमें लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं. शिवम की दोनों किडनी का ऑपरेशन तीन साल के उम्र में करने की बात डॉक्टर बता रहे हैं जिसमें 25 लाख रुपये खर्च होंगे. अब इतनी बड़ी रकम जुटाना मेरे बस की बात नहीं है. इसलिए हम कैमूर डीएम और जिलावासियों से मदद की गुहार लगा रहे हैं.- अरुण कुमार कुशवाहा, शिवम के पिता
किडनी फेल होने के कारण शिवम को कई परेशानी हो रही है. जैसे यूरिन कम हो जाना, पैरों या एड़ियों में सूजन, सांस लेने में दिक्कत. एक ऑपरेशन बच्चे का हो चुका है. दूसरा ऑपरेशन इसके तीन साल होने के बाद किया जाएगा.
डायालिसिस से किडनी फेल्योर का इलाज नहीं होता है. डायालिसिस को किडनी का पूरक उपचार भी कह सकते हैं. किडनी की विफलता में यह एक प्रभावी और जीवन रक्षक चिकित्सा है. यदि अपशिष्ट उत्पादों, अतिरिक्त तरल पदार्थ किसी व्यक्ति में जमा हो जाए तो वह मृत्यु का कारण हो सकता है.
ईटीवी भारत भी आप सब से अपील करता है कि इस परिवार की मदद करें. अब देखना है कि जनप्रतिनिधि, प्रशासन तक इस परिवार की गुहार कब तक पहुंचती है. और कब इस मासूम को मदद मिलती है.
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