कैमूर: जिले के चैनपुर प्रखंड कार्यालय परिसर में प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से गरीब कल्याण योजना के तहत वर्मी कंपोस्ट का तीन दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया. यह प्रशिक्षण 22 जुलाई 2020 को संपन्न हुआ. जिसके बाद सभी प्रवासी मजदूरों के बीच सर्टिफिकेट का वितरण किया गया. वहीं, प्रशिक्षण में कुल 35 मजदूर सम्मिलित हुए थे.
बता दें कि प्रवासी मजदूरों को प्रशिक्षण देने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र अधौरा से डॉ. अवधेश शर्मा, डॉ. अमित सिंह, डॉ. राहुल कुमार और डॉ. मनीष कुमार आए थे. इस प्रशिक्षण शिविर के बारे में जानकारी देते हुए डॉक्टरों की टीम ने बताया कि सरल शब्दों में कृत्रिम विधि से केंचुआ पालने और वर्मी कल्चर से जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया को वर्मी कंपोस्टिंग कहते हैं. कृत्रिम विधि से केचुुआ पालना और केंचुए की मदद से जैविक खाद बनाना दो अलग-अलग लेकिन मिली जुली प्रक्रिया है. इसी कारण से इसे वर्मी टेक्नोलॉजी कहते हैं.
बाजारों में है वर्मी कंपोस्टिंग की मांग
इसके अलावा डॉक्टरों ने बताया कि वर्मी कल्चर और वर्मी कंपोस्टिंग का सही उपयोग हमारी कृषि के लिए वरदान साबित हो रहा है. अभी के समय में बाजारों में इसकी मांग बढ़ती जा रही है. जिससे रोजगार के नए नए अवसर प्राप्त हो रहे हैं. वहीं, इस कार्य से जुड़ने वाले लोगों को सरकार की ओर से ऋण भी उपलब्ध करवाया जा रहा है.