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कैमूर: जंगल में फेंका मिला नवजात शिशु, ग्रामीणों ने किया पुलिस के हवाले - जंगल में मिला नवजात शिशु

कैमूर जिले के डुमरामा गांव के जंगल में नवजात शिशु झाड़ी में फेंका पाया गया. ग्रामीणों ने बच्चे को पुलिस के हवाले कर दिया. वहीं बाल कल्याण समिति की न्याय पीठ के निर्देश पर घायल नवजात का सदर अस्पताल में इलाज कराया गया.

newborn baby found in forest
जगंल में मिला नवजात शिशु
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Published : Jul 16, 2020, 2:55 PM IST

कैमूर: जिले के अधौरा प्रखंड क्षेत्र के जंगल में एक नवजात शिशु पाया गया है. वहीं शिशु जंगली जानवरों का शिकार होने से बाल-बाल बच गया. जंगली जानवरों ने नवजात शिशु को जख्मी कर दिया था. ग्रामीणों की नजर जब शिशु पर पड़ी तो इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी गई.

इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने चाइल्ड लाइन के प्रतिनिधियों को सूचना देकर शिशु को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेज दिया.

newborn baby found in forest
बाल कल्याण समिति

जंगल से पाया गया नवजात
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष साधना गुप्ता ने बताया कि बुधवार को अधौरा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत डुमरामा गांव के जंगल में नवजात शिशु झाड़ी में फेंका हुआ था. स्थानीय ग्रामीणों ने देख इसकी सूचना अधौरा पुलिस को दी. वहीं बाल कल्याण समिति की न्याय पीठ के निर्देश पर घायल नवजात का सदर अस्पताल में इलाज कराया गया.

5 साल तक के बच्चों का किया जाता है पालन-पोषण
बाल संरक्षण इकाई की सहायक निदेशक अंजेलिका कृति ने बताया कि विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में जीरो से 5 वर्ष के बच्चों का पालन पोषण किया जाता है. वर्तमान समय में संस्थान में सात बच्चियां और चार बच्चें का पालन पोषण हो रहा है.

कैमूर: जिले के अधौरा प्रखंड क्षेत्र के जंगल में एक नवजात शिशु पाया गया है. वहीं शिशु जंगली जानवरों का शिकार होने से बाल-बाल बच गया. जंगली जानवरों ने नवजात शिशु को जख्मी कर दिया था. ग्रामीणों की नजर जब शिशु पर पड़ी तो इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी गई.

इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने चाइल्ड लाइन के प्रतिनिधियों को सूचना देकर शिशु को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेज दिया.

newborn baby found in forest
बाल कल्याण समिति

जंगल से पाया गया नवजात
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष साधना गुप्ता ने बताया कि बुधवार को अधौरा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत डुमरामा गांव के जंगल में नवजात शिशु झाड़ी में फेंका हुआ था. स्थानीय ग्रामीणों ने देख इसकी सूचना अधौरा पुलिस को दी. वहीं बाल कल्याण समिति की न्याय पीठ के निर्देश पर घायल नवजात का सदर अस्पताल में इलाज कराया गया.

5 साल तक के बच्चों का किया जाता है पालन-पोषण
बाल संरक्षण इकाई की सहायक निदेशक अंजेलिका कृति ने बताया कि विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में जीरो से 5 वर्ष के बच्चों का पालन पोषण किया जाता है. वर्तमान समय में संस्थान में सात बच्चियां और चार बच्चें का पालन पोषण हो रहा है.

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