कैमूर: यूपी-बिहार कर्मनाशा बॉर्डर से लाखों की संख्या में लोग बिहार में प्रवेश कर रहे हैं. इसी क्रम में पांच दिन पहले मुम्बई से ऑटो लेकर 30 प्रवासी मजदूर कैमूर पहुंचे. लेकिन अब तक उन्हें प्रशासन ने न तो क्वारंटाइन किया, न ही कोई सुविधा उपलब्ध कराई. जिसके बाद उन्होंने गांव में पेड़ के नीचे खुद को क्वारंटाइन कर लिया.
पेड़ के नीचे क्वारेंटाइन
मुम्बई से वापस लौटे सभी प्रवासी मजदूर चैनपुर थाना अंतर्गत रमौली के रहने वाले हैं. जो मुम्बई में ऑटो चलाते थे. लॉकडाउन में वे किसी तरह अपने गांव तो पहुंच गए, लेकिन अपने घर नहीं जा सके. ग्रामीणों ने सबको गांव के बाहर पेड़ के नीचे क्वारेंटाइन कर दिया. साथ ही चारों तरफ से रस्सी से घेराबंदी भी कर दी.
घर से मंगवाकर खा रहे खाना
प्रवासी मजदूर जय प्रकाश पांडेय ने बताया कि वे लोग रोजाना पेड़ के नीचे सोते हैं. सिर्फ महिलाएं पास के एक खाली कमरे में रहती हैं. उन्होंने बताया कि अभी तक हमें कोई सरकारी मदद नहीं मिली है. हम अपने घर से खाना मंगवाकर खा रहे हैं. प्रवासी मजदूरों के साथ महिला और बच्चे भी शामिल हैं.
नहीं मिल रही मजदूरों को मदद
वहीं, डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बाहर से आए प्रावसी मजदूरों को अच्छी व्यवस्था के साथ किट देने का आदेश जारी किया है. बावजूद प्रवासी मजदूरों को मदद नही मिल रही है. ऐसे में अधिकारियों पर कई सवाल खड़े होते हैं. हालांकि गांव आने के बाद प्रशासन ने इन मजदूरों की स्क्रीनिंग है, लेकिन क्वारंटाइन नहीं किया गया है.