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कैमूरः 10 सालों से डिफॉल्टर घोषित है मोकरी पंचायत, बिचौलियों को अनाज बेचने को मजबूर हैं किसान

10 साल पहले पंचायत पैक्स को डिफॉल्टर घोषित किया गया था. उस समय पैक्स अध्यक्ष की ओर से 12 लाख का गबन किया गया था. जो अब सूद समेत 40 लाख हो गया है. तभी से धान की खरीददारी नहीं हो रही है.

Mokri panchayat
डिफॉल्टर घोषित है मोकरी पंचायत
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Published : Dec 9, 2019, 12:02 AM IST

कैमूरः देश भर में चावल के लिए मशहूर भभुआ प्रखंड का मोकरी पंचायत पिछले 10 सालों से बेहतरीन चावल उत्पादन करने के बाद घाटे में जा रहा है. दरअसल पंचायत में पैक्स पिछले 10 सालों से धान की खरीदारी नहीं कर रहा है. इससे हर साल किसानों को 350 रुपये से लेकर 450 रुपये प्रति क्विटंल तक का नुकसान उठाना पड़ रहा हैं.

देश भर में मशहूर है यहां का चावल
बता दें कि पंचायत का चावल देश में इतना मशहूर है कि अयोध्या राम रसोई में यहीं के चावल से प्रसाद बनाई जाएगी. लेकिन यहां के किसानों का दुर्भाग्य है कि इन्हें इतनी मेहनत करने के बाद भी उचित दाम तक नहीं मिल पा रहा है. किसान बिचौलियों को 1400-1450 रुपये प्रति क्विटंल धान बेचने को मजबूर हैं.

ये भी पढ़ें- दिल्ली अग्निकांड से सहरसा के इस गांव में कोहराम, 40-45 लोगों से नहीं हो पा रहा संपर्क

क्या है मामला?
वर्तमान पैक्स अध्यक्ष राम दुलार सिंह ने बताया कि 10 साल पैक्स अध्यक्ष की ओर से पहले पंचायत में 12 लाख का गबन किया गया था. जो सूद सहित अब 40 लाख हो गया है. उन्होंने कहा कि अभी तक पूर्व अध्यक्ष की ओर से डिफॉल्ट पैसों की भरपाई नहीं की गई है. इस कारण पिछले 10 सालों से धान की खरीदारी नहीं की जा रही है. किसान अपनी धान को बाजार में सस्ते दामों पर बेचने को मजबूर है. उन्होंने कहा कि इस साल सरकार एक नया नियम लाई है. इसके तहत मूल धन को जमा करने के बाद पैक्स की खरीदारी शुरु हो जाएगी.

kaimur
धान की फसल

किसानों की दलील
किसान हृदयानंद सिंह ने बताया कि यहां का चावल पूरे देश में मशहूर है. अयोध्या राम रसोई में यहीं के चावल से प्रसाद बनेगा. उन्होंने कहा कि वो हर साल पैक्स चुनाव में सिर्फ इसलिए मतदान करते हैं कि पंचायत में पैक्स चालू हो सके. उन्हें उम्मीद है कि इस बार पंचायत में पैक्स चालू हो जाएगा. वहीं, अमीरुद्दीन और सफी अहमद ने बताया कि पिछले 10 सालों से पैक्स धान की खरीदारी नहीं कर रहा है. उनका कहना है कि धान की खरीदारी के लिए सरकार ने भी कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं कर रही है. किसानों का कहना है कि उन्हें इस बात की संतुष्टि है कि घाटा तो हो रहा है लेकिन यहां के चावल की वजह से देश में गांव का नाम रौशन हो रहा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

दूसरे पंचायत से जोड़कर होगी धान की खरीदारी
जिला सहकारिता अधिकारी रामाश्रय राम ने बताया कि मोकरी पंचायत डिफॉल्टर पंचायत है. इसलिए यहां धान कि खरीदारी नहीं की जा रही है. लेकिन विभाग की ओर से किसानों को कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए इस पंचायत को दूसरे पंचायत से जोड़कर धान की खरीददारी की जाएगी, जिसके लिए किसानों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा. उन्होंने कहा कि पिछले साल भी ऐसा ही किया गया था. लेकिन किसी किसानों ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया. इस कारण धान की खरीदारी नहीं हो पाई थी. उन्होंने बताया कि सरकार धान के लिए 1815 और ए ग्रेड धान के लिए 1830 रुपये निर्धारित किया है.

कैमूरः देश भर में चावल के लिए मशहूर भभुआ प्रखंड का मोकरी पंचायत पिछले 10 सालों से बेहतरीन चावल उत्पादन करने के बाद घाटे में जा रहा है. दरअसल पंचायत में पैक्स पिछले 10 सालों से धान की खरीदारी नहीं कर रहा है. इससे हर साल किसानों को 350 रुपये से लेकर 450 रुपये प्रति क्विटंल तक का नुकसान उठाना पड़ रहा हैं.

देश भर में मशहूर है यहां का चावल
बता दें कि पंचायत का चावल देश में इतना मशहूर है कि अयोध्या राम रसोई में यहीं के चावल से प्रसाद बनाई जाएगी. लेकिन यहां के किसानों का दुर्भाग्य है कि इन्हें इतनी मेहनत करने के बाद भी उचित दाम तक नहीं मिल पा रहा है. किसान बिचौलियों को 1400-1450 रुपये प्रति क्विटंल धान बेचने को मजबूर हैं.

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क्या है मामला?
वर्तमान पैक्स अध्यक्ष राम दुलार सिंह ने बताया कि 10 साल पैक्स अध्यक्ष की ओर से पहले पंचायत में 12 लाख का गबन किया गया था. जो सूद सहित अब 40 लाख हो गया है. उन्होंने कहा कि अभी तक पूर्व अध्यक्ष की ओर से डिफॉल्ट पैसों की भरपाई नहीं की गई है. इस कारण पिछले 10 सालों से धान की खरीदारी नहीं की जा रही है. किसान अपनी धान को बाजार में सस्ते दामों पर बेचने को मजबूर है. उन्होंने कहा कि इस साल सरकार एक नया नियम लाई है. इसके तहत मूल धन को जमा करने के बाद पैक्स की खरीदारी शुरु हो जाएगी.

kaimur
धान की फसल

किसानों की दलील
किसान हृदयानंद सिंह ने बताया कि यहां का चावल पूरे देश में मशहूर है. अयोध्या राम रसोई में यहीं के चावल से प्रसाद बनेगा. उन्होंने कहा कि वो हर साल पैक्स चुनाव में सिर्फ इसलिए मतदान करते हैं कि पंचायत में पैक्स चालू हो सके. उन्हें उम्मीद है कि इस बार पंचायत में पैक्स चालू हो जाएगा. वहीं, अमीरुद्दीन और सफी अहमद ने बताया कि पिछले 10 सालों से पैक्स धान की खरीदारी नहीं कर रहा है. उनका कहना है कि धान की खरीदारी के लिए सरकार ने भी कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं कर रही है. किसानों का कहना है कि उन्हें इस बात की संतुष्टि है कि घाटा तो हो रहा है लेकिन यहां के चावल की वजह से देश में गांव का नाम रौशन हो रहा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

दूसरे पंचायत से जोड़कर होगी धान की खरीदारी
जिला सहकारिता अधिकारी रामाश्रय राम ने बताया कि मोकरी पंचायत डिफॉल्टर पंचायत है. इसलिए यहां धान कि खरीदारी नहीं की जा रही है. लेकिन विभाग की ओर से किसानों को कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए इस पंचायत को दूसरे पंचायत से जोड़कर धान की खरीददारी की जाएगी, जिसके लिए किसानों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा. उन्होंने कहा कि पिछले साल भी ऐसा ही किया गया था. लेकिन किसी किसानों ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया. इस कारण धान की खरीदारी नहीं हो पाई थी. उन्होंने बताया कि सरकार धान के लिए 1815 और ए ग्रेड धान के लिए 1830 रुपये निर्धारित किया है.

Intro:कैमूर। भभुआ प्रखंड के मोकरी पंचायत में पिछले 10 सालों से पैक्स नहीं खरीद रहा हैं धान जिससे प्रत्येक वर्ष किसानों को प्रति क्यूंटल 350- 450 रुपए का नुकसान उठाना पड़ता हैं। सरकार की लापरवाही का आलम यह हैं देशभर बेहतरीन चावल के लिए प्रशिद्ध इस पंचायत के किसानों की समस्या का समाधान सरकार 10 वर्षो में भी न कर सकी। इस पंचायत का चावल देश में इतना मशहूर हैं कि अयोध्या राम रसोई में प्रसाद इसी पंचायत के चावल से बनानें की घोषणा की गई हैं। लेकिन यहां के किसानों का दुर्भाग्य हैं कि इन्हें इनकी मेहनत का सही दाम तक नहीं मिल पाता हैं।


Body:आपकों बतादें कि 10 वर्ष पूर्व इस पंचायत के पैक्स को डिफॉल्टर घोषित किया गया था। तत्कालीन पैक्स अध्यक्ष के द्वारा 12 लाख की अनिमियतीतता की गई थी जो अब 40 लाख रुपये की हो गई हैं। वर्तमान पैक्स अध्यक्ष राम दुलार सिंह नें बताया कि पूर्व में इस पंचायत में 12 लाख का गबन किया गया था जो सुध सहित अब 40 लाख हो गया हैं। ऐसे में जबतक पिछले 10 सालों से पूर्व के अध्यक्ष द्वारा डिफ़ॉल्ट पैसों की भरपाई नहीं कि गई हैं इसलिए पंचायत से पिछले 10 वर्षों से धान की खरीददारी नहीं हो रहीं हैं। उन्होंने बताया की किसान अपने धान को सस्ते कीमत पर बाजार में बेचने को मजबूर होते हैं। लेकिन इस वर्ष सरकार द्वारा एक नियम लाई गई हैं कि मूल धन को जमा करने के बाद पैक्स में खरीददारी शुरू हो जाएगी। पैक्स चुनाव के बाद उनके द्वारा राशि जमाकर खरीददारी शुरू करवानें के दिशा में कदम उठाए जाएंगे। किसान हृदयानंद सिंह नें बताया कि यहां का चावल पूरे देश मे प्रशिद्ध हैं। अयोध्या राम रसोई में यहीं के चावल से प्रसाद बनेगा। यह खुशी की बात हैं। उन्होंने बताया कि हर बार पैक्स चुनाव में सिर्फ इसलिए मतदान करतें हैं ताकि उनके पंचायत में पैक्स चालू हो सकें। इस बार उन्हें उम्मीद हैं कि पंचायत में पैक्स चालू हो जाएगा। किसान अमीरुद्दीन और सफी अहमद नें बताया कि 10 सालों से पैक्स द्वारा धान की खरीददारी नहीं कि जा रहीं हैं वजह चाहें जो भी हो भुगतना किसानों को पड़ता हैं। सरकार द्वारा को वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं कि जाती हैं जिसका उन्हें कोई जानकारी हो। उन्होंने बताया कि इसी बात की संतुष्टि हैं कि घाटा तो हो रहा हैं लेकिन चावल की वजह से देश में गांव का नाम हो रहा हैं।अयोध्या में इसी गांव के चावल से प्रसाद बनेगा जिसका हमदोनों को गर्व हैं। उन्होंने बताया कि करीब 400 रुपये प्रति क्यूंटल घाटा होता हैं। सरकार द्वारा जो मूल्य तय होता हैं वो कभी नहीं मिलता हैं। इस वर्ष बिचौलियों को 1400-1450 रुपये प्रति क्यूंटल धान बेचने को मजबूर हैं । जिला सहकारिता पदाधिकारी रामाश्रय राम नें बताया कि मोकरी पंचायत डिफाल्टर पंचायत हैं। इसलिए धान कि खरीददारी नहीं होती हैं। लेकिन विभाग द्वारा किसानों को कोई परेशानी न हो इसके लिए इस पंचायत को दूसरें पंचायत से जोड़कर खरीददारी की जायेगी। जिसके लिए किसानों को रेजिस्ट्रेशन करना होगा। पिछले वर्ष भी किया गया था लेकिन किसी किसान द्वारा रेजिस्ट्रेशन नहीं करवाया गया था इसलिए धान की खरीददारी नहीं हो पाई थी। उन्होंने बताया कि सरकार दर धान के लिए 1815 और ए ग्रेड धान के लिए 1830 रुपये सरकार द्वारा निर्धारित किया गया हैं।


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