कैमूर(भभुआ): बिहार के कैमूर जिले के मोहनिया स्थित पीएचईडी विभाग का कार्यालय सालों से जर्जर (PHED Department Office In Dilapidated Condition) स्थिति में है. आलम ये है कि यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. पीएचईडी विभाग के कार्यालय के दीवार और छज्जे इतने जर्जर हैं कि एक झटके में भवन गिर सकता है. इसमें पीएचईडी विभाग के कर्मियों की जान भी जा सकती है. यहां काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारी डर के साये में काम करते हैं.
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जर्जर हालत में पीएचईडी विभाग का भवन: मोहनियां स्थित पीएचईडी विभाग का कार्यालय इतना जर्जर है कि यहां काम करने वाले कर्मचारियों को यहां आने से भी डर लगता है. हालत इतनी जर्जर है कि कभी भी भवन गिर सकता है. यहां हमेशा बड़ा हादसा होने की सम्भवना बनी रहती है. हल्की बारिश होने के साथ ही मकान से पानी टपकने लगता है. अधिकारी हथेली पर जान रखकर कार्य करते हैं. कई बार विभाग के वरीय अधिकारी को इसके बारे में सूचना दी गयी लेकिन नये भवन का निर्माण तो दूर कार्यालय की मरमती भी नहीं की गई.
"कार्यालय आए हुए दो माह हुए हैं. कार्यालय का हाल देखकर डर लगता है कि कहीं भवन ना गिर जाए. जिससे बड़ी घटना न हो जाए. भवन का प्लास्टर भी टूट गया है, छज्जा भी कमजोर है. हल्की बारिश में पानी टपकता है. जिससे कार्य करने में काफी परेशानी होती है. ऐसे में विभाग को सूचना दिया गया है कि जल्द नए भवन का निर्माण कराया जाए, ताकि कर्मियों की जान सुरक्षित रहे."- अतुल अभिषेक, असिस्टेंट इंजीनियर, पीएचईडी विभाग
"इसी हालत में 6 वर्षों से कार्यालय में काम कर रहा हूं. कार्यालय में डर बना रहता है कि कब भवन गिर जाए कहा नहीं जा सकता. वरीय अधिकारी से कई बार गुहार लगाया गया पर कोई सुनवाई नहीं हुई है." -दीपक कुमार, कर्मचारी, पीएचईडी विभाग
कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा: अब सवाल है कि क्या पीएचईडी विभाग के वरीय अधिकारी बड़ी घटना के इंतजार में हैं? कर्मियों के गुहार के बाद भी आज तक भवन का मरमती नहीं हुआ, न ही नए भवन का निर्माण कराया गया है. दूसरे के घरों में शुध्द पानी देने वाले विभाग खुद जर्जर है. कर्मी भय के माहौल में कार्य करने को मजबूर हैं.
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