कैमूर (भभुआ): जिला मुख्यालय भभुआ शहर के उर्दू प्राथमिक विद्यालय का आज तक अपना भवन नहीं बन सका है. 50 सालों से बिना भवन के ही बच्चे यहां पढ़ाई करने को विवश हैं. इस पर चैनपुर विधायक सह अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद जमा खान (Minister Jama Khan In Kaimur) ने कहा कि, जल्द ही इस मुद्दे पर विभाग से बात कर इसे चालू कराया जाएगा.
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स्कूल का भवन नहीं होने से उक्त विद्यालय 10 वर्षों से नगर पालिका मध्य विद्यालय भभुआ वार्ड-7 के प्रांगण में संचालित किया जा रहा है. शिक्षा विभाग के पत्र के अनुसार वैसे विद्यालय जो भूमिहीन और भवनहीन हैं, उन्हें संचालित हो रहे विद्यालय और पास के विद्यालय में मर्ज करने का निर्देश है. स्थानीय जनता और जनप्रतिनिधियों के द्वारा इसका विरोध किया गया. लोगों की मांग है कि, वर्षों से संचालित उर्दू विद्यालय का अस्तित्व बचा रहना चाहिए.
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मामले की जानकारी मिलने के बाद चैनपुर विधायक सह अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद जमा खान सोमवार को भभुआ वार्ड नंबर-7 के नगर पालिका मध्य विद्यालय पहुंचे. उन्होंने विद्यालय का निरीक्षण किया. वहीं पास में ही शिक्षा विभाग की भूमि को चिन्हित कराया गया, जहां उर्दू प्राथमिक विद्यालय का भवन बनाने की मांग की गई. सभी बिंदुओं का निरीक्षण करते हुए उन्होंने लोगों को भरोसा दिया कि, जल्द ही उर्दू विद्यालय को भूमि और भवन उपलब्ध कराई जाएगी. उर्दू विद्यालय के अस्तित्व को बचाने के लिए नगर परिषद के सभापति जैनेंद्र आर्य (City Council Chairman Jainendra Arya) समेत दर्जनों लोगों ने मंत्री से गुहार लगाई.
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"स्थानीय लोगों, जनप्रतिनिधियों और शिक्षकों के द्वारा जानकारी मिली है कि उर्दू प्राथमिक विद्यालय भभुआ करीब 50 वर्षों से संचालित है. लेकिन इसका संचालन निजी मकान में होता था. पिछले 10 वर्षों से उर्दू विद्यालय को नगर पालिका मध्य विद्यालय भभुआ 7 के प्रांगण में
संचालित किया जा रहा है. इस मामले पर मैं जल्द ही विभाग से बात करूंगा और स्कूल का जल्द ही भवन बनकर तैयार होगा."- जमा खान, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री, बिहार
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"छोटे छोटे बच्चे हैं. विद्यालय को मर्ज करने से बच्चों को सुबह स्कूल आना पड़ता है. हमें 5 कमरा चाहिए लेकिन 2 कमरे मिले हैं. शिक्षा विभाग से हर साल मांग की जाती है लेकिन आजतक कुछ नहीं हुआ. हम चाहते हैं कि जमीन और भवन स्कूल को मिले."- सुरेंद्र प्रसाद सिंह, प्रधानाध्यक,उर्दू विद्यालय
बता दें कि विद्यालय में पढ़ने वाले 90 फीसदी छात्र अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं. उक्त विद्यालय के 1 किलोमीटर की परिधि में कोई भी दूसरा उर्दू विद्यालय स्थित नहीं है, जिससे उर्दू भाषी छात्रों को परेशानी होती है. इसको लेकर जमा खान ने शिक्षा मंत्री विजय चौधरी से बात करने का आश्वासन दिया है.
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