कैमूर : बिहार में कोरोना तेजी से फैल रहा है. आंकड़ा करीब 45 सौ के पास पहुंच चुका है. कोरोना तेजी से फैलने के पीछे दूसरे राज्यों से लाखों की संख्या में पहुंचे प्रवासी मजदूरी एक अहम कारण है. बावजूद इसके जिला प्रशासन की ओर से इस महामारी में भी बड़ी लापरवाही देखने को मिल रहा है.
आंगनबाड़ी केन्द्र में कर दिया गया क्वारंटाइन
तमिलनाडु के रेड जोन तिरुपुर से कुदरा प्रखंड अंतर्गत घटाव पंचायत के फकराबाद लौट प्रवासी मजदूरों को क्वारंटाइन सेंटर में न रखकर बल्कि उन्हें सोशल डिस्टेंस का पाठ पढ़ाकर गांव भेज दिया गया. रेड जोन से लौटे प्रवासियों के गांव वापस लौटने की सूचना के बाद जब प्रशासन और मुखिया से कोई मदद नहीं मिली, तो ग्रामीणों द्वारा वापस लौटे सभी छः प्रवासियों को गांव में किराये के भवन में चल रहे आंगनबाड़ी केन्द्र में क्वारंटाइन कर दिया गया.
ग्रामीणों को कोरोना का सता रहा है डर
ग्रामीण बताते है कि गांव के सभी लोगों ने चंदा इक्कठा कर सभी वापस लौटे प्रवासियों के लिए रहने, खाने सहित अन्य सुविधाओं का इंतजाम किया है, लेकिन आंगनबाड़ी में शौचालय न होने के कारण सभी प्रवासी खुले में शौच करते है. जिससे कोरोना का डर ग्रामीणों को सता रहा है. बावजूद इसके प्रशासन और स्थानीय जन प्रतिनिधि से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि सभी लोगों को प्रखण्ड मुख्यालय पहुंचाया गया था. लेकिन प्रशासन द्वारा थर्मल स्क्रीनिंग कर होम क्वारंटाइन के लिए बोल दिया गया. जबकि घर में क्वारंटाइन के लिए कही जगह नहीं मिला, तो आंगनबाड़ी केन्द्र में सभी को ठहरा दिया गया.