कैमूर: जिला मुख्यालय भभुआ से करीब 27 किलोमीटर दूर कैमूर पहाड़ी श्रृंखला पर स्थित तेलहार वॉटरफॉल प्रकृति की गोद में बसा हुआ है. चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरे इस वॉटरफॉल में यूपी, बिहार सहित प्रदेश के कई जिलों के पर्यटक घूमने आते हैं. वहीं, प्रकृति के इस अनमोल धरोहर पर सरकार का उदासीन रवैया भारी पड़ रहा है. आलम ये है कि सरकारी उपेक्षा के कारण यहां आने वाले पर्यटकों को बुनियादी सुविधा भी उपलब्ध नहीं हो पाती है. जिस कारण उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
![कैमूर](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/7983509_2.jpg)
बता दें कि तेलहार वॉटरफॉल बिहार सरकार में बीजेपी मंत्री बृज किशोर बिन्द के विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. बावजूद इसके यहां सुविधा के नाम पर न तो पीने का पानी और न ही मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध है. जिस कारण इस वॉटरफॉल में कोई दुर्घटना होने पर पर्यटकों को 15 किमी दूर जाकर प्रशासन को सूचना देना पड़ता है. वहीं, असंवेदनशीलता की हद यह है कि यहां सुरक्षा के दृष्टिकोण से सरकार ने एक सिपाही तक की तैनाती करना उचित नहीं समझा है.
पनबिजली परियोजना का अनुमान
तेलहार जलप्रपात में करीब 80 मीटर की गहराई है. पहाड़ से 80 मीटर नीचे पानी गिरते देखकर यहां आने वाले पर्यटक रोमांचित हो उठते हैं. सुविधाओं के नाम पर कुछ न होते हुए भी प्राकृतिक शांति और खूबसूरत नजारे पर्यटकों को अपनी ओर खींच ही लाते हैं. नेशनल हाइड्रो इलेक्ट्रिक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार इस वॉटरफॉल से 60 एमवी बिजली उत्पन्न की जा सकती है. हालांकि, सर्वे के बाद इस परियोजना पर आज तक कोई काम नहीं हुआ है.
![कैमूर](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/7983509_4.jpg)
पर्यटक स्थल पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव
तेलहार वॉटरफॉल अपनी खूबसूरती के लिए पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध है. मंत्री बृज किशोर बिन्द यहां के विधायक हैं. चुनाव को देखते हुए बीजेपी भले ही वर्चुअल रैली का आयोजन कर रही हो, लेकिन काफी अफसोस कि बात है कि यहां आज भी सही से मोबाइल नेटवर्क नहीं आता है. ऐसे में डिजिटल इंडिया और डिजिटल बिहार दोनों का दावा यहां पूरी तरह से फेल साबित हो रहा है. वहीं, इस भव्य जलप्रपात की अनदेखी के बाद विकास की तो बात बेईमानी हो जाती है.