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कैमूर: अब मनचलों की खैर नहीं, छात्राएं ले रही 36 दिनों की मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग

बिहार सरकार की ओर से राज्य के समस्त कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की  की छात्राओं में आत्मविश्वास और मनोबल के साथ-साथ छेड़खानी पर किक और पंच से जवाब देने का गुण विकसित करने के उद्देश्य से छात्राओं को कराटे की ट्रेनिंग दी जा रही है.

कैमूर
अब मनचलों की खैर नहीं
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Published : Feb 5, 2020, 5:32 PM IST

कैमूर: बिहार सरकार राज्य के सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्राओं को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग की सुविधा मुहैया करा रही है. इसी क्रम में कुदरा स्तिथ कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्राओं को 36 दिनों की मार्शल आर्ट और कराटे की बाकायदा ट्रेनिंग दी जा रही है.

कैमूर
प्रशिक्षण देते ट्रेनर

दी जा रही है 36 दिनों की मार्शल आर्ट ट्रेनिंग
बता दें कि बिहार सरकार की ओर से राज्य के समस्त कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्राओं में आत्मविश्वास और मनोबल के साथ-साथ छेड़खानी पर किक और पंच से जवाब देने का गुण विकसित करने के उद्देश्य से छात्राओं को कराटे की ट्रेनिंग दी जा रही है. वहीं, इसी योजना के तहत जिले के कुदरा स्तिथ कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्राओं को 36 दिनों का मार्शल आर्ट और कराटे की ट्रेनिंग दी जा रही है.

पेश है रिपोर्ट

'छात्राएं ज्यादा सुरक्षित करेंगी महसूस'
ट्रेनर सुदामा कुमार ने बताया कि बिहार सरकार के दिशानिर्देश पर जिले के सभी कस्तूरबा गांधी विद्यालय की बच्चियों को 36 दिनों का मार्शल आर्ट और कराटे की ट्रेनिंग दी जा रही है. साथ ही कुदरा स्थित विद्यालय की वार्डन मिसनोरी खातून ने बताया कि यह प्रोग्राम स्टेट लेवल से संचालित किया जा रहा है. सभी ब्लॉक में स्तिथ कस्तूरबा विद्यालय की बच्चियों को 36 दिनों की ट्रेनिंग दी जा रही है. उन्होंने कहा कि यह अतिआवश्यक है. क्योंकि बच्चियों के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं अक्सर सुनने को मिलती हैं. ऐसे में सेल्फ डिफेंस की तकनीक से छात्राएं खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करेंगी.

कैमूर: बिहार सरकार राज्य के सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्राओं को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग की सुविधा मुहैया करा रही है. इसी क्रम में कुदरा स्तिथ कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्राओं को 36 दिनों की मार्शल आर्ट और कराटे की बाकायदा ट्रेनिंग दी जा रही है.

कैमूर
प्रशिक्षण देते ट्रेनर

दी जा रही है 36 दिनों की मार्शल आर्ट ट्रेनिंग
बता दें कि बिहार सरकार की ओर से राज्य के समस्त कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्राओं में आत्मविश्वास और मनोबल के साथ-साथ छेड़खानी पर किक और पंच से जवाब देने का गुण विकसित करने के उद्देश्य से छात्राओं को कराटे की ट्रेनिंग दी जा रही है. वहीं, इसी योजना के तहत जिले के कुदरा स्तिथ कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्राओं को 36 दिनों का मार्शल आर्ट और कराटे की ट्रेनिंग दी जा रही है.

पेश है रिपोर्ट

'छात्राएं ज्यादा सुरक्षित करेंगी महसूस'
ट्रेनर सुदामा कुमार ने बताया कि बिहार सरकार के दिशानिर्देश पर जिले के सभी कस्तूरबा गांधी विद्यालय की बच्चियों को 36 दिनों का मार्शल आर्ट और कराटे की ट्रेनिंग दी जा रही है. साथ ही कुदरा स्थित विद्यालय की वार्डन मिसनोरी खातून ने बताया कि यह प्रोग्राम स्टेट लेवल से संचालित किया जा रहा है. सभी ब्लॉक में स्तिथ कस्तूरबा विद्यालय की बच्चियों को 36 दिनों की ट्रेनिंग दी जा रही है. उन्होंने कहा कि यह अतिआवश्यक है. क्योंकि बच्चियों के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं अक्सर सुनने को मिलती हैं. ऐसे में सेल्फ डिफेंस की तकनीक से छात्राएं खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करेंगी.

Intro:कैमूर।

कस्तूरबा गांधी विद्यालय में पढ़ाई कर रहीं लड़कियों की अब छेड़ना पड़ सकता हैं भारी। अब मनचलों की खैर नहीं रहेगी छेड़खानी पर किक और पंच से मिल सकता हैं। कैमूर जिलें में इस विद्यालय की छात्राओं को कराटे और मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग बिहार सरकार द्वारा दी जा रहीं हैं।




Body:आपकों बतादें कि कुदरा स्तिथ कस्तूरबा गांधी की बच्चीयों को 36 दिनों का मार्शल आर्ट और कराटे की ट्रेनिंग बाकायदा ट्रेनर से कराई जा रहीं हैं। ताकि बच्चियों में आत्मविश्वास, मनोबल के साथ साथ छेड़खानी पर किक और पंच से जवाब देने का गुण विकसित किया जा सके।


ट्रेनर सुदामा कुमार ने बताया कि बिहार सरकार के दिशा निर्देश पर जिलें के सभी कस्तूरबा गांधी विद्यालय की बच्चियों को 36 दिनों का मार्शल आर्ट और कराटे की ट्रेनिंग दी जा रहीं हैं। उन्होंने बताया कि आज के परिवेश में बच्चियों को आत्म सुरक्षा के लिए यह सब सीखना बहुत जरूरी हैं। उन्होंने बताया कि 36 दिनों के ट्रेनिंग से बच्चीयों में आत्मबल, कॉन्फिडेंस और किक पंच का गुण विकसित होगा जिससे वो किसी मनचलों को जवाब दे सकती हैं।

क्लास 8 की छात्रा रुकसाना खातून और प्रिय कुमारी ने बताया कि ट्रेनिंग में किक पंच सहित सेल्फ डिफेंस के गुण को सिख रहीं हैं। यदि कोई उन्हें परेशानी करेगा तो अब वो किक और पंच से जवाब देने में सक्षम हैं।

वार्डन मिसनोरी खातून ने बताया कि यह प्रोग्राम स्टेट लेवल से संचालित किया जा रहा हैं। सभी ब्लॉक में स्तिथ कस्तूरबा की बच्चियों को 36 दिनों की ट्रेनिंग दी जा रहीं हैं। उन्होंने इसे अतिआवश्यक बताया कहा कि बच्चियां स्कूल आती जाती हैं ऐसे में सेल्फ डिफेंस के तकनीक से अब खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करेंगे।


Conclusion:
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