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भभुआ सदर अस्पताल का जन औषधि केंद्र ETV भारत की पड़ताल में फेल

आज देशभर में जन औषधि दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जन औषधि के लाभार्थियों से सीधे जुड़े. मोदी सरकार लोगों को सस्ती दर पर दवा उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है. केंद्र सरकार देश के सभी जिलों में जन औषधि केंद्र खोलकर लोगों को प्रोत्साहित कर रही है. लेकिन क्या वहां पर जरूरी दवाएं हैं? इसकी पड़ताल कैमूर में ईटीवी भारत की टीम ने की.

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Published : Mar 7, 2021, 4:40 PM IST

कैमूर: जिले के भभुआ सदर अस्पताल में बना पीएम जन औषधि केंद्र सेवा देने में ईटीवी भारत की पड़ताल में फेल साबित हुआ है. 800 प्रकार की दवाओं में सिर्फ 168 तरह की दावाएं ही उपलब्ध हैं. इस जन औषधि केन्द्र पर अस्पताल का लिखा हुआ कोई भी दवा नहीं मिलता. यहां आने वाले मरीजों को काफी परेशानी होती है.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन में नौकरी गंवाई हिम्मत नहीं, गांव में ही 2 दोस्तों ने खोली बेकरी, हो रही हजारों की कमाई

डॉक्टरों पर गंभीर आरोप
औषधि केंद्र कर्मी का दावा है कि 400 प्रकार की दवा उपलब्ध हैं. यहां पर मरीजों ने बताया कि दवा लेने आए थे लेकिन तीन में से एक भी दवा नहीं मिली. शुगर की दवा भी जन औषधि केंद्र में उपलब्ध नहीं थी. वहीं, जन औषधि केंद्र के कर्मी ने डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल के डॉक्टर अधिकांश बाहरी दवा लिखते हैं. यहां 400 प्रकार की दवाएं मौजूद हैं और अभी आना बाकी है.

देखिए रिपोर्ट

जन औषधि केंद्र से औषधि नदारद
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जन औषधि केंद्र में सभी प्रकार की दवाओं का न होना विडंबना का विषय है. दूर दराज से आने वाले मरीज यहां इसलिए आते हैं कि सस्ते में दवा उपलब्ध हो सके. लेकिन, दवाओं के नहीं मिलने से सिर्फ मायूसी मिलती है. मरीजों को ऊंची कीमत पर दवाओं को खरीदना मजबूरी बन जाती है.

कैमूर: जिले के भभुआ सदर अस्पताल में बना पीएम जन औषधि केंद्र सेवा देने में ईटीवी भारत की पड़ताल में फेल साबित हुआ है. 800 प्रकार की दवाओं में सिर्फ 168 तरह की दावाएं ही उपलब्ध हैं. इस जन औषधि केन्द्र पर अस्पताल का लिखा हुआ कोई भी दवा नहीं मिलता. यहां आने वाले मरीजों को काफी परेशानी होती है.

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डॉक्टरों पर गंभीर आरोप
औषधि केंद्र कर्मी का दावा है कि 400 प्रकार की दवा उपलब्ध हैं. यहां पर मरीजों ने बताया कि दवा लेने आए थे लेकिन तीन में से एक भी दवा नहीं मिली. शुगर की दवा भी जन औषधि केंद्र में उपलब्ध नहीं थी. वहीं, जन औषधि केंद्र के कर्मी ने डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल के डॉक्टर अधिकांश बाहरी दवा लिखते हैं. यहां 400 प्रकार की दवाएं मौजूद हैं और अभी आना बाकी है.

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जन औषधि केंद्र से औषधि नदारद
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जन औषधि केंद्र में सभी प्रकार की दवाओं का न होना विडंबना का विषय है. दूर दराज से आने वाले मरीज यहां इसलिए आते हैं कि सस्ते में दवा उपलब्ध हो सके. लेकिन, दवाओं के नहीं मिलने से सिर्फ मायूसी मिलती है. मरीजों को ऊंची कीमत पर दवाओं को खरीदना मजबूरी बन जाती है.

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