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कैमूरः 'भगवान भरोसे' थी जिंदगी, मंदिर हुआ बंद तो रोजी-रोटी का संकट

कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्य में लॉकडाउन क्या हुआ, सैकड़ों लोगों की जिंदगियों पर गहरा प्रभाव पड़ा है. कैमूर के माता मुंडेश्वरी मंदिर पर सैकड़ों लोगों की जिंदगी निर्भर थी. पूजा-पाठ सामग्री बेचकर उनकी जिंदगी की गाड़ी चलती थी, लेकिन मंदिर बंद हो जाने के कारण उनके सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है.

माता मुंडेश्वरी मंदिर
माता मुंडेश्वरी मंदिर
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Published : May 15, 2021, 10:54 PM IST

कैमूर(भभुआ): बिहार में कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर लागू लॉकडाउन के कारण लोगों के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा है. लॉकडाउन प्रोटोकॉल के तहत माता मुंडेश्वरी मंदिर बंद कर दिया गया है, जिसकी वजह से पूजा-पाठ के सामान बेचने वाले दुकानदारों का जीना बेहाल हो गया है. इनमें से कुछ दुकानदारों ने मंदिर खोलने की मांग की, तो कुछ ने मुआवजे की.

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200 लोगों की जिंदगी प्रभावित
लॉकडाउन प्रोटोकॉल के तहत बिहार सरकार ने सूबे के सभी धार्मिक स्थलों को बंद करने की गाइडलाइन जारी किया था. जिसके बाद जिले के माता मुंडेश्वरी मंदिर को भी बंद कर दिया गया. बता दें कि करीब 200 की संख्या में लोग मंदिर से जुड़े कारोबार पर आश्रित हैं. उनकी रोजी-रोटी पूजा पाठ के सामान बेचकर चलती थी, लेकिन मंदिर बंद हो जाने के कारण उनकी स्थिति दयनीय हो गई है.

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प्रशासन से मुआवजे की मांग
पीड़ित दुकानदारों ने बताया कि पूरी तरह से उनकी जिंदगी माता मुंडेश्वरी मंदिर पर ही निर्भर थी. श्रद्धालु जब उनकी दुकानों से पूजा सामग्री खरीदते थे, उसी से उनका घर चलता था. ऐसे में अगर प्रशासन और सरकार को उनके लिए सोचना चाहिए.

कैमूर(भभुआ): बिहार में कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर लागू लॉकडाउन के कारण लोगों के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा है. लॉकडाउन प्रोटोकॉल के तहत माता मुंडेश्वरी मंदिर बंद कर दिया गया है, जिसकी वजह से पूजा-पाठ के सामान बेचने वाले दुकानदारों का जीना बेहाल हो गया है. इनमें से कुछ दुकानदारों ने मंदिर खोलने की मांग की, तो कुछ ने मुआवजे की.

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200 लोगों की जिंदगी प्रभावित
लॉकडाउन प्रोटोकॉल के तहत बिहार सरकार ने सूबे के सभी धार्मिक स्थलों को बंद करने की गाइडलाइन जारी किया था. जिसके बाद जिले के माता मुंडेश्वरी मंदिर को भी बंद कर दिया गया. बता दें कि करीब 200 की संख्या में लोग मंदिर से जुड़े कारोबार पर आश्रित हैं. उनकी रोजी-रोटी पूजा पाठ के सामान बेचकर चलती थी, लेकिन मंदिर बंद हो जाने के कारण उनकी स्थिति दयनीय हो गई है.

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प्रशासन से मुआवजे की मांग
पीड़ित दुकानदारों ने बताया कि पूरी तरह से उनकी जिंदगी माता मुंडेश्वरी मंदिर पर ही निर्भर थी. श्रद्धालु जब उनकी दुकानों से पूजा सामग्री खरीदते थे, उसी से उनका घर चलता था. ऐसे में अगर प्रशासन और सरकार को उनके लिए सोचना चाहिए.

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