कैमूर: जिले के भभुआ रोड रेलवे स्टेशन परिसर में बना जीआरपी पुलिस बैरेक का हालत खस्ता है. आलम यह है कि बैरक किसी भी समय टूटकर गिर सकता है. बरसात में जर्जर बैरेक से लगातार पानी टपकता है, जिसके कारण बैरक में रखे कागजात भींग जाते हैं. वहीं, पुलिसकर्मियों को ड्यूटी के बाद भी रातभर जागकर समय काटना पड़ता है.
बता दें कि जीआरपी थाना मात्र एक कमरे से संचालित किया जा रहा है. उसी एक कमरे में थानाध्यक्ष का आवास, कार्यालय, मालखाना और हाजत की भी व्यवस्था की गई है. भवन के आभाव में जीआरपी के द्वारा गिरफ्तारी किए जाने के बाद आरोपी को सासाराम रेलवे स्टेशन के थाने में भेजा जाता है.
'अधिकारी नहीं ले रहे सुध'
जीआरपी थानाध्यक्ष ने बताया कि लाखों रुपए खर्च कर पुलिस बैरेक भवन का निर्माण स्टेशन से आधे किलोमीटर की दूरी पर कराया गया था. लेकिन भवन निर्माण में संवेदक की तरफ से बैरक तक पहुंचने के लिए रास्ता तक नहीं बना है. नए बैरेक के चारों तरफ जलजमाव की समस्या है. थानाध्यक्ष के मुताबिक नए भवन के मरम्मत और रास्ते के लिए डीडीयू रेलखंड के आलाधिकारियों को सूचना दी गई है. लेकिन इसके बाद भी अधिकारी सुध नहीं ले रहे हैं.
देख-रेख के अभाव में जर्जर हुआ बैरक
वहीं, जीआरपी थानाध्यक्ष ने विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर बैरक को नए भवन में शिफ्ट करने का आग्रह किया है. लेकिन कई बार सूचना देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. आपकों बता दें कि भभुआ रोड रेलवे स्टेशन स्थित जीआरपी थाने की पुलिस बल के ठहराव के लिए बैरेक का निर्माण किया गया था. लेकिन देख-रेख और मरम्मत नहीं होने के कारण इस बैरक की हालत खस्ता है.