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कैमूर: जर्जर हालत में पहुंचा जीआरपी का पुलिस बैरक, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा - डीडीयू रेलखंड

कैमूर के भभुआ रोड रेलवे स्टेशन परिसर में लाखों रुपए खर्च कर पुलिस बैरेक का निर्माण स्टेशन से आधे किलोमीटर की दूरी पर कराया गया था. लेकिन देख-रेख के अभाव में यह बैरक जर्जर हालत में पहुंच गया है.

जर्जर हालत में पहुंचा जीआरपी का बैरक
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Published : Oct 4, 2019, 11:32 PM IST

कैमूर: जिले के भभुआ रोड रेलवे स्टेशन परिसर में बना जीआरपी पुलिस बैरेक का हालत खस्ता है. आलम यह है कि बैरक किसी भी समय टूटकर गिर सकता है. बरसात में जर्जर बैरेक से लगातार पानी टपकता है, जिसके कारण बैरक में रखे कागजात भींग जाते हैं. वहीं, पुलिसकर्मियों को ड्यूटी के बाद भी रातभर जागकर समय काटना पड़ता है.

बता दें कि जीआरपी थाना मात्र एक कमरे से संचालित किया जा रहा है. उसी एक कमरे में थानाध्यक्ष का आवास, कार्यालय, मालखाना और हाजत की भी व्यवस्था की गई है. भवन के आभाव में जीआरपी के द्वारा गिरफ्तारी किए जाने के बाद आरोपी को सासाराम रेलवे स्टेशन के थाने में भेजा जाता है.

kaimur
जीआरपी बैरक दिखाते पुलिसकर्मी

'अधिकारी नहीं ले रहे सुध'
जीआरपी थानाध्यक्ष ने बताया कि लाखों रुपए खर्च कर पुलिस बैरेक भवन का निर्माण स्टेशन से आधे किलोमीटर की दूरी पर कराया गया था. लेकिन भवन निर्माण में संवेदक की तरफ से बैरक तक पहुंचने के लिए रास्ता तक नहीं बना है. नए बैरेक के चारों तरफ जलजमाव की समस्या है. थानाध्यक्ष के मुताबिक नए भवन के मरम्मत और रास्ते के लिए डीडीयू रेलखंड के आलाधिकारियों को सूचना दी गई है. लेकिन इसके बाद भी अधिकारी सुध नहीं ले रहे हैं.

बैरक के बारे में जानकारी देते जीआरपी जवान और थानाध्यक्ष

देख-रेख के अभाव में जर्जर हुआ बैरक
वहीं, जीआरपी थानाध्यक्ष ने विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर बैरक को नए भवन में शिफ्ट करने का आग्रह किया है. लेकिन कई बार सूचना देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. आपकों बता दें कि भभुआ रोड रेलवे स्टेशन स्थित जीआरपी थाने की पुलिस बल के ठहराव के लिए बैरेक का निर्माण किया गया था. लेकिन देख-रेख और मरम्मत नहीं होने के कारण इस बैरक की हालत खस्ता है.

कैमूर: जिले के भभुआ रोड रेलवे स्टेशन परिसर में बना जीआरपी पुलिस बैरेक का हालत खस्ता है. आलम यह है कि बैरक किसी भी समय टूटकर गिर सकता है. बरसात में जर्जर बैरेक से लगातार पानी टपकता है, जिसके कारण बैरक में रखे कागजात भींग जाते हैं. वहीं, पुलिसकर्मियों को ड्यूटी के बाद भी रातभर जागकर समय काटना पड़ता है.

बता दें कि जीआरपी थाना मात्र एक कमरे से संचालित किया जा रहा है. उसी एक कमरे में थानाध्यक्ष का आवास, कार्यालय, मालखाना और हाजत की भी व्यवस्था की गई है. भवन के आभाव में जीआरपी के द्वारा गिरफ्तारी किए जाने के बाद आरोपी को सासाराम रेलवे स्टेशन के थाने में भेजा जाता है.

kaimur
जीआरपी बैरक दिखाते पुलिसकर्मी

'अधिकारी नहीं ले रहे सुध'
जीआरपी थानाध्यक्ष ने बताया कि लाखों रुपए खर्च कर पुलिस बैरेक भवन का निर्माण स्टेशन से आधे किलोमीटर की दूरी पर कराया गया था. लेकिन भवन निर्माण में संवेदक की तरफ से बैरक तक पहुंचने के लिए रास्ता तक नहीं बना है. नए बैरेक के चारों तरफ जलजमाव की समस्या है. थानाध्यक्ष के मुताबिक नए भवन के मरम्मत और रास्ते के लिए डीडीयू रेलखंड के आलाधिकारियों को सूचना दी गई है. लेकिन इसके बाद भी अधिकारी सुध नहीं ले रहे हैं.

बैरक के बारे में जानकारी देते जीआरपी जवान और थानाध्यक्ष

देख-रेख के अभाव में जर्जर हुआ बैरक
वहीं, जीआरपी थानाध्यक्ष ने विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर बैरक को नए भवन में शिफ्ट करने का आग्रह किया है. लेकिन कई बार सूचना देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. आपकों बता दें कि भभुआ रोड रेलवे स्टेशन स्थित जीआरपी थाने की पुलिस बल के ठहराव के लिए बैरेक का निर्माण किया गया था. लेकिन देख-रेख और मरम्मत नहीं होने के कारण इस बैरक की हालत खस्ता है.

Intro:Body:जर्जर हो गया है जीआरपी का बैरक, काफी भी हो सकता हैं बड़ा हादसा

कैमूर।


डीडीयू-गया रेलखंड के भभुआ रोड रेलवे स्टेशन परिसर में बना जीआरपी पुलिस बैरेक किसी भी समय धराशायी होकर गिर सकता है। इससे जानमाल की क्षति से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।

बरसात में इस जर्जर जीआरपी बैरेक भवन से लगातार पानी टपकता हैं जिससे बेरक में रखे कई कागजात भी भीग जाते हैं और पुलिसकर्मियों को ड्यूटी के बाद रातजगा कर समय काटना पड़ रहा हैं।

जीआरपी थानाध्यक्ष ने रेल विभाग के संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर आग्रह किया है की जल्द ही बेरक को नए भवन में शिफ्ट किया जाये लेकिन कई बार सुचना देने के बाद भी कोई कार्रवाई नही हुई हैं।

आपकों बतादें की भभुआ रोड रेलवे स्टेशन स्थित जीआरपी थाने के पुलिस बल के ठहराव के लिए बौरेक का निर्माण किया गया। लेकिन मरमत नही होने से भवन जर्जर हो गया हैं।

लाखों रुपए खर्च कर पुलिस बैरेक भवन का निर्माण स्टेशन से आधे किलोमीटर की दूरी पर कराया गया हैं। लेकिन भवन निर्माण में संवेदक द्वारा अभी तक बैरक तक पहुँचने का कोई रास्ता नही बना हैं। यहां तक की नए बैरेक के चारों तरफ भी जलजमाव की समस्या हैं। थानाध्यक्ष ने बताया कि नए भवन की गुणवक्ता और रास्ते के लिए डीडीयू रेलखंड के कई आलाधिकारियों को सुचना दिया गया हैं लेकिन कोई कार्रवाई नही हो रही हैं।



आपकों बतादें कि जीआरपी थाने को मात्र एक कमरे में संचालित किया जा रहा है। उसी कमरे में थानाध्यक्ष का आवास, कार्यालय, मालखाना और हाजत की भी व्यवस्था है। भवन के आभाव में जीआरपी द्वारा यदि किसी की गिरफ़्तारी की जाती हैं तो उसे सासाराम रेलवे स्टेशन स्तिथ थाने में भेजा जाता हैं।Conclusion:
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