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लोकसभा चुनाव: सासाराम के संग्राम में मीरा कुमार पर पिता की 'विरासत' बचाने की चुनौती - Narendra Modi

सासाराम कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है जगजीवन राम और सासाराम एक-दूसरे के पर्याय रहे हैं. इस सीट पर जहां मीरा कुमार के सामने अपने पिता बाबू जगजीवन राम की विरासत बचाने की चुनौती है.

बीजेपी के छेदी पासवान और कांग्रेस की मीरा कुमार
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Published : May 17, 2019, 10:17 AM IST

सासाराम: शेर शाह सूरी का जन्मस्थान सासाराम इतिहास के साथ-साथ राजनीति के पन्नों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है. सासाराम संसदीय सीट सुरक्षित है. इस चुनाव में पिछले लोकसभा चुनाव की तरह मुख्य मुकाबला महागठबंधन प्रत्याशी कांग्रेस नेता मीरा कुमार और एनडीए की ओर से बीजेपी नेता छेदी पासवान के बीच है.

दलित वोटरों की संख्या अधिक
हालांकि यहां 13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. सासाराम सीट पर अंतिम और सातवें चरण में 19 मई को मतदान होना है. सासाराम में सवर्ण वर्ग में ब्राह्मण और राजपूत सबसे ज्यादा हैं, लेकिन मतदाताओं की सबसे बड़ी संख्या दलितों की है. दलितों में मीरा कुमार की जाति रविदास पहले नंबर पर और दूसरे नंबर पर छेदी पासवान की जाति पासवान है.

कौन जितेगा सासाराम का संग्राम? देखिए विशेष रिपोर्ट

यहां कितने वोटर
सासाराम में कुल मतदाताओं की संख्या 17 लाख 71 हजार 935 है. पुरुष वोटरों की संख्या 9 लाख 28 हजार 122, महिला मतदाताओं की संख्या 8 लाख 43 हजार 776 जबकि थर्ड जेंडर के 37 मतदाता हैं.

कितनी विधानसभा सीटें
सासाराम लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा सीटें मोहनिया, भभुआ, चौनपुर, चेनारी, सासाराम और करहगर आती हैं. इनमें तीन विधानसभा सीटें रोहतास जिले की, जबकि तीन कैमूर जिले की हैं.

कांग्रेस की परंपरागत सीट
सासाराम कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है जगजीवन राम और सासाराम एक-दूसरे के पर्याय रहे हैं. 1984 में जब कांग्रेस के विरोध में पूरे देश में हवा चल रही थी, तब भी यह सीट कांग्रेस के खाते में आई थी और जगजीवन राम यहां से आठवीं बार विजयी हुए थे. इसके बाद वर्ष 1989 में हुए आम चुनाव में यह सीट जनता दल के हाथ में चली गई, लेकिन 1996 में इस सीट पर भाजपा ने कब्जा जमा लिया.

तीसरी बार जीते छेदी
2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा के छेदी पासवान ने कांग्रेस की मीरा कुमार को पराजित कर तीसरी बार जीत दर्ज की थी. उस चुनाव में पासवान को जहां 3,66,087 मत मिले थे, वहीं मीरा कुमार को 3,02,760 मत मिले थे.

पिता की विरासत बचाने की चुनौती
इस सीट पर जहां मीरा कुमार के सामने अपने पिता बाबू जगजीवन राम की विरासत बचाने की चुनौती है तो वहीं भाजपा प्रत्याशी छेदी पासवान के सामने इस क्षेत्र से चौथी बार जीत दर्ज करने की चुनौती है.

मीरा को किसका-किसका साथ
मीरा कुमार को इस बार राष्ट्रीय जनता दल, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, रालोसपा सहित कई छोटे दलों का समर्थन है, जबकि भाजपा को जदयू का साथ है. पिछले चुनाव में आरएलएसपी एनडीए के साथ थी, लेकिन इस बार वह महागठबंधन के साथ है.

मुख्य मुकाबला
इस चुनाव में महागठबंधन की प्रत्याशी मीरा कुमार और एनडीए प्रत्याशी छेदी पासवान के बीच सीधा मुकाबला है, लेकिन पिछले चुनाव में चौथे स्थान पर रहे मनोज राम इस चुनाव में भी बहुजन समाज पार्टी से चुनाव मैदान में हैं, जो मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं"

बसपा सेंधमारी में जुटी
दलितों में रविदास मतदाता यहां सबसे अधिक करीब 19 प्रतिशत हैं. इस वर्ग पर मीरा कुमार की अच्छी पकड़ है. लेकिन मनोज इस वोटबैंक में सेंध लगाने के लिए प्रयासरत हैं. ऐसे में बसपा जो भी वोट लेगी, वह कांग्रेस के वोट को ही काटेगी.

सासाराम: शेर शाह सूरी का जन्मस्थान सासाराम इतिहास के साथ-साथ राजनीति के पन्नों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है. सासाराम संसदीय सीट सुरक्षित है. इस चुनाव में पिछले लोकसभा चुनाव की तरह मुख्य मुकाबला महागठबंधन प्रत्याशी कांग्रेस नेता मीरा कुमार और एनडीए की ओर से बीजेपी नेता छेदी पासवान के बीच है.

दलित वोटरों की संख्या अधिक
हालांकि यहां 13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. सासाराम सीट पर अंतिम और सातवें चरण में 19 मई को मतदान होना है. सासाराम में सवर्ण वर्ग में ब्राह्मण और राजपूत सबसे ज्यादा हैं, लेकिन मतदाताओं की सबसे बड़ी संख्या दलितों की है. दलितों में मीरा कुमार की जाति रविदास पहले नंबर पर और दूसरे नंबर पर छेदी पासवान की जाति पासवान है.

कौन जितेगा सासाराम का संग्राम? देखिए विशेष रिपोर्ट

यहां कितने वोटर
सासाराम में कुल मतदाताओं की संख्या 17 लाख 71 हजार 935 है. पुरुष वोटरों की संख्या 9 लाख 28 हजार 122, महिला मतदाताओं की संख्या 8 लाख 43 हजार 776 जबकि थर्ड जेंडर के 37 मतदाता हैं.

कितनी विधानसभा सीटें
सासाराम लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा सीटें मोहनिया, भभुआ, चौनपुर, चेनारी, सासाराम और करहगर आती हैं. इनमें तीन विधानसभा सीटें रोहतास जिले की, जबकि तीन कैमूर जिले की हैं.

कांग्रेस की परंपरागत सीट
सासाराम कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है जगजीवन राम और सासाराम एक-दूसरे के पर्याय रहे हैं. 1984 में जब कांग्रेस के विरोध में पूरे देश में हवा चल रही थी, तब भी यह सीट कांग्रेस के खाते में आई थी और जगजीवन राम यहां से आठवीं बार विजयी हुए थे. इसके बाद वर्ष 1989 में हुए आम चुनाव में यह सीट जनता दल के हाथ में चली गई, लेकिन 1996 में इस सीट पर भाजपा ने कब्जा जमा लिया.

तीसरी बार जीते छेदी
2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा के छेदी पासवान ने कांग्रेस की मीरा कुमार को पराजित कर तीसरी बार जीत दर्ज की थी. उस चुनाव में पासवान को जहां 3,66,087 मत मिले थे, वहीं मीरा कुमार को 3,02,760 मत मिले थे.

पिता की विरासत बचाने की चुनौती
इस सीट पर जहां मीरा कुमार के सामने अपने पिता बाबू जगजीवन राम की विरासत बचाने की चुनौती है तो वहीं भाजपा प्रत्याशी छेदी पासवान के सामने इस क्षेत्र से चौथी बार जीत दर्ज करने की चुनौती है.

मीरा को किसका-किसका साथ
मीरा कुमार को इस बार राष्ट्रीय जनता दल, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, रालोसपा सहित कई छोटे दलों का समर्थन है, जबकि भाजपा को जदयू का साथ है. पिछले चुनाव में आरएलएसपी एनडीए के साथ थी, लेकिन इस बार वह महागठबंधन के साथ है.

मुख्य मुकाबला
इस चुनाव में महागठबंधन की प्रत्याशी मीरा कुमार और एनडीए प्रत्याशी छेदी पासवान के बीच सीधा मुकाबला है, लेकिन पिछले चुनाव में चौथे स्थान पर रहे मनोज राम इस चुनाव में भी बहुजन समाज पार्टी से चुनाव मैदान में हैं, जो मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं"

बसपा सेंधमारी में जुटी
दलितों में रविदास मतदाता यहां सबसे अधिक करीब 19 प्रतिशत हैं. इस वर्ग पर मीरा कुमार की अच्छी पकड़ है. लेकिन मनोज इस वोटबैंक में सेंध लगाने के लिए प्रयासरत हैं. ऐसे में बसपा जो भी वोट लेगी, वह कांग्रेस के वोट को ही काटेगी.

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