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कैमूर : अधौरा के जंगल में लगी भीषण आग, वन विभाग आग पर काबू पाने में जुटी

जिले के नक्सल प्रभावित अधौरा के जंगल में भीषण आग लग गई है. वहीं, भीषण आग से आग की वजह से जंगली जीवों का अस्तित्व खतरे में है. जंगल क्षेत्र के हर ओर से निकल धुआं निकल रहा है.

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Published : Apr 3, 2021, 2:12 AM IST

कैमूर: जिले में गर्मी बढ़ते ही आग ने भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. मैदानी भाग के अलावा अब जंगल क्षेत्र में भी आग का तांडव देखने को मिल रहा है. जिले के अधौरा के जंगल में इन दिनों अगलगी की घटनाओं ने भारी तबाही मचा रखी है. विगत एक सप्ताह से क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों के जंगलों में अगलगी की घटना लगातार घटित हो रही है. जिस कारण से वनों के अस्तित्व खतरे में पड़ गया है.

जंगल क्षेत्र निकल रहा धुआं
जंगल क्षेत्र निकल रहा धुआं

ये भी पढ़ें : कैमूर:आग बुझाने पहुंची गाड़ी हो गई खराब, खेत में धूं-धूं कर जलती रही खड़ी फसल

आग बुझाने का प्रयास जारी
आग पर काबू पाने का वन विभाग की ओर से लगातार प्रयास जारी है किंतु अगलगी की घटनाओं पर काबू पाने में विभाग पूरी तरह तरह विफल साबित हो रहा है. वनवासी सेवा केन्द्र के सदानंद राय ने बताया कि आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है. संभवतः महुआ चुनने वाले लोगों की वजह से आग लगी होगी. अधौरा रेंजर विजय शंकर चौबे ने बताया कि वन विभाग जंगलों में अगलगी की घटनाओं को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. ध्वनि विस्तारक यंत्र से क्षेत्र के विभिन्न गांवों में ग्रामीणों को चेतावनी दी गई थी कि महुआ चुनने के लिए महुआ के गिरे हुए पत्ते न जलाएं. किंतु अफसोस कि विभाग की चेतावनी को लोगों के द्वारा अनसुनी कर दिया जाता है.

जंगल क्षेत्र से निकल रहा धुआं
जंगल क्षेत्र से निकल रहा धुआं

ये भी पढ़ें : कैमूर: फूस से बने 11 घरों में लगी आग, लाखों की संपत्ति जलकर राख

लापरवाही से लग रही आग
अधौरा रेंजर विजय शंकर चौबे ने कहा कि आग पर काबू पाने के लिए विभाग की ओर से तीन टीमें लगातार प्रतिदिन सुबह से लेकर शाम तक आग बुझाने का प्रयास कर रही हैं. एक तरफ़ आग बुझाने के बाद दूसरी ओर आग लग जाती है. हर जगह पानी व दमकल जा नहीं सकता हैं. फिर भी विभाग अपनी ओर से प्रयास कर रही है. जंगल में लगातार आग से हो रहे नुकसान का जब तक ग्रामीणों को इसके नुकसान का एहसास नहीं होगा तब तक ग्रामीण जागरूक नहीं हो पाएंगे. अगलगी की घटना को रोकने के लिए सर्वप्रथम स्थानीय ग्रामीणों को जागरूक होना जरूरी है.

कैमूर: जिले में गर्मी बढ़ते ही आग ने भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. मैदानी भाग के अलावा अब जंगल क्षेत्र में भी आग का तांडव देखने को मिल रहा है. जिले के अधौरा के जंगल में इन दिनों अगलगी की घटनाओं ने भारी तबाही मचा रखी है. विगत एक सप्ताह से क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों के जंगलों में अगलगी की घटना लगातार घटित हो रही है. जिस कारण से वनों के अस्तित्व खतरे में पड़ गया है.

जंगल क्षेत्र निकल रहा धुआं
जंगल क्षेत्र निकल रहा धुआं

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आग बुझाने का प्रयास जारी
आग पर काबू पाने का वन विभाग की ओर से लगातार प्रयास जारी है किंतु अगलगी की घटनाओं पर काबू पाने में विभाग पूरी तरह तरह विफल साबित हो रहा है. वनवासी सेवा केन्द्र के सदानंद राय ने बताया कि आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है. संभवतः महुआ चुनने वाले लोगों की वजह से आग लगी होगी. अधौरा रेंजर विजय शंकर चौबे ने बताया कि वन विभाग जंगलों में अगलगी की घटनाओं को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. ध्वनि विस्तारक यंत्र से क्षेत्र के विभिन्न गांवों में ग्रामीणों को चेतावनी दी गई थी कि महुआ चुनने के लिए महुआ के गिरे हुए पत्ते न जलाएं. किंतु अफसोस कि विभाग की चेतावनी को लोगों के द्वारा अनसुनी कर दिया जाता है.

जंगल क्षेत्र से निकल रहा धुआं
जंगल क्षेत्र से निकल रहा धुआं

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लापरवाही से लग रही आग
अधौरा रेंजर विजय शंकर चौबे ने कहा कि आग पर काबू पाने के लिए विभाग की ओर से तीन टीमें लगातार प्रतिदिन सुबह से लेकर शाम तक आग बुझाने का प्रयास कर रही हैं. एक तरफ़ आग बुझाने के बाद दूसरी ओर आग लग जाती है. हर जगह पानी व दमकल जा नहीं सकता हैं. फिर भी विभाग अपनी ओर से प्रयास कर रही है. जंगल में लगातार आग से हो रहे नुकसान का जब तक ग्रामीणों को इसके नुकसान का एहसास नहीं होगा तब तक ग्रामीण जागरूक नहीं हो पाएंगे. अगलगी की घटना को रोकने के लिए सर्वप्रथम स्थानीय ग्रामीणों को जागरूक होना जरूरी है.

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