कैमूर (भभुआ): जिले में इरिगेशन सिस्टम (Farmers Benefit From Drip Irrigation System In Kaimur) से किसानों को खेती करने से काफी लाभ मिल रहा है. उद्यान विभाग द्वारा यह योजना चलाई जा रही है. विभाग द्वारा किसानों को ड्रिप इरिगेशन सिस्टम से खेती (Farming with drip irrigation system In Kaimur) करने के लिए जागरूक किया भी जा रहा है और जिले में कई जगहों पर इस सिस्टम के माध्यम से किसान खेती भी कर रहे हैं. ड्रिप इरिगेशन सिस्टम अपनाने के कारण किसानों को अच्छा खासा लाभ मिला है. इससे किसान काफी खुश हैं.
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किसानों को फायदा: आपको बता दें कि 2021 से 2022 में अभी तक जिले में 158 एकड़ खेत में यानी लगभग 50 किसान ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से खेती कर योजना का लाभ ले रहे हैं. वहीं भभुआ में किसान अंजनी सिंह के द्वारा ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से खेती की जा रही है. उद्यान विभाग के पदाधिकारी तबस्सुम परवीन, इंजीनियर अभिषेक श्रीवास्तव, प्रखंड उद्यान पदाधिकारी जयप्रकाश मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताए कि ड्रिप इरिगेशन खेती करने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करने की भी सुविधा है.
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किसान कर सकते हैं ऑनलाइन आवेदन: पीएमकेएसवाई साइट पर जाकर किसान खुद ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसके साथ ही इस योजना के अंतर्गत 90% विभाग द्वारा अनुदान दिया जाता है, जबकि 10% खुद किसान लगाकर ड्रिप इरिगेशन सिस्टम से खेती कर सकते हैं. ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से खेती करने से पानी और बिजली की बचत होती है. सब्जी की फसल या फलदार पौधा में गुणवत्ता भी रहती है जिससे किसान अच्छा खासा फसल भी उगा सकते हैं.
ड्रिप इरिगेशन सिस्टम: ड्रिप सिस्टम से सिंचाई करने पर खेतो मे मेढ एवं नालियां बनाने की आवश्यकता नहीं होती है. जिससे किसानों को श्रम के साथ-साथ पैसे की भी बचत होती है. खेतो मे पौधों को जड़ के पास पानी देने से खरपतवार पर नियंत्रण रहता है, जिससे खरपतवार की निकाई-गुराई पर होने वाले अतिरिक्त खर्च नहीं होता हैं. ड्रिप इरिगेशन सिस्टम सिंचाई की एक उन्नत तकनीक है जो पानी की बचत करता है. इस विधि में पानी बूंद बूंद करके पौधे या पेड़ों की जड़ों पर सीधा पहुंचाया जाता है. पौधे की जड़े धीरे धीरे पानी को सोखते रहते हैं. इस विधि में पानी के साथ ही उर्वरकों को भी सीधा पौधों के जड़ क्षेत्र में पहुंचाया जाता है जिसे फर्टिगेशन कहते हैं.
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