कैमूर(भभुआ): जिले का प्रसिद्ध कन्नीराम धर्मशाला का अस्तित्व मिट रहा है. प्रबंधन समिति पर लूट-खसोट का आरोप लगा है. साथ ही धर्मशाला को कबाड़ खाना में तब्दील कर दिया गया है. यहां पर लोगों को कोई सुविधा नहीं मिलती है.
कन्नीराम धर्मशाला में अनियमितता के आरोप पर अधिकारियों की टीम जांच करने के लिए पहुंची. इस जांच टीम में अनुमंडल पदाधिकारी जनमेजय शुक्ला और एलआरडीसी एहसान अहमद सहित कई अन्य पदाधिकारी शामिल रहे. इन अधिकारियों ने मामले की जांच की और वरीय अधिकारी को रिपोर्ट सौंपने की बात कही.
पैसों का किया बंदर-बांट'
हालांकि नगरवासियों ने बताया कि यहां के प्रबंधन समिति गोपाल प्रसाद को भ्रष्टाचार के आरोप में हटा दिया गया था. लेकिन षडयंत्र करके उसने अपने बेटे दीपक कुमार को यहां का प्रबंधन समिति बनवा दिया. इसके साथ ही उसने अवैध तरीके से साइन कर फर्जी कमिटी का गठन किया और अपने ही रिश्तेदार को धर्मशाला की जमीन लीज पर दे दी. पैसे का बंदर-बांट किया.
बुकिंग में भी करता था धांधली
इसके अलावा लोगों ने बताया कि यहां पर शादी के लिए बुकिंग करने पर 7500 रुपये की रसीद काटती थी. लेकिन 30 से 35 हजार रुपये की वसूली की जाती थी. हालांकि धर्मशाला के प्रबंधन समिति ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया. उन्होंने कहा कि जिन्हें यहां पर दुकान लगाने की जगह नहीं मिल रही है, वे ही आरोप लगा रहे हैं. वहीं, दुकानदारों ने दुकान लगाने के लिए 3 लाख रुपये एडवांस मांगे जाने की बात कही.