गया: बोधगया में इंटरनेशनल बौद्ध महोत्सव में लोक गायिका मैथिली ठाकुर और बॉलीवुड गायक अभिजीत भट्टाचार्य ने समां बांधकर रख दिया. मैथिली ठाकुर की जादुई आवाज ने मौजूद हजारों लोगों को जहां मंत्रमुग्ध कर दिया. वहीं, बॉलीवुड गायक अभिजीत भट्टाचार्य ने सुपरहिट गीतों से सभी का दिल जीत लिया. अभिजीत भट्टाचार्य की आवाज ने दर्शकों को एकबारगी पुराने दौर के प्रसिद्ध गायकों की याद दिला दी.
मैथिली ठाकुर ने सभी का झुमाया: लोक गायिका मैथिली ठाकुर की मखमली आवाज से जहां हर कोई मंत्रमुग्ध रहा. मैथिली ठाकुर की प्रस्तुति ने बौद्ध महोत्सव को यादगार बनाया. इंटरनेशनल बौद्ध महोत्सव के अंतिम दिन दर्शक दीर्घा में उत्साह बना रहा. मोबाइल के टॉर्च की रोशनी जलाकर लोग कलाकारों की प्रस्तुति को सराहते और उत्साह बढ़ाते दिखे.
अभिजीत भट्टाचार्य ने गीतों से जीता सबका दिल: बॉलीवुड गायक अभिजीत भट्टाचार्य की प्रस्तुति इंटरनेशनल बौद्ध महोत्सव में मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे. वहीं, विदेशी कलाकारों ने भी अपनी मनमोहक प्रस्तुति दी. उनकी प्रस्तुति पर जमकर तालियां बजती रही. वहीं, विदेशी कलाकारों ने भी अपनी मनमोहक प्रस्तुति दी. इंटरनेशनल बौद्ध महोत्सव में भगवान बुद्ध से जुड़े कई कार्यक्रम प्रस्तुत हुए. इंटरनेशनल बौद्ध महोत्सव में भगवान बुद्ध से जुड़े कई कार्यक्रम प्रस्तुत हुए.
विदेशी कलाकारों ने भी दी प्रस्तुति: वहीं, विदेशी कलाकारों ने भी आकर्षक प्रस्तुति दी. विदेशी कलाकारों ने अपने देश की सांस्कृतिक विरासत से संबंधित प्रस्तुतियां भी दी. कई देश के कलाकारों ने इंटरनेशनल बौद्ध महोत्सव के दौरान अपने देश से जुड़ी संस्कृति का भी प्रदर्शन किया. इस तरह विभिन्न देशों की संस्कृति बोधगया में आयोजित बौद्ध महोत्सव के मंच से दिखी.
प्रेम कुमार ने कलाकारों को किया सम्मानित: तीन दिवसीय बौद्ध महोत्सव के समापन पर पर सहकारिता मंत्री डॉ प्रेम कुमार आदि मौजूद थे. डॉ प्रेम कुमार ने कलाकारों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया. मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि इंटरनेशनल बौद्ध महोत्सव का आयोजन भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है.
तीन दिवसीय बौद्ध इंटरनेशनल महोत्सव का समापन: इंटरनेशनल बौद्ध महोत्सव बोधगया में 31 जनवरी से शुरू हुआ था. तीन दिवसीय इस इंटरनेशनल बौद्ध महोत्सव में देश और विदेश के कलाकारों की प्रस्तुति ने तीनों दिन समां बांध कर रखा. वहीं, इस तरह के आयोजन के माध्यम से भारतीय संस्कृति जहां दर्शाई गई. वहीं, भगवान बुद्ध के संदेशों को इस मंच से पूरी दुनिया में पहुंचने का माध्यम बना.
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