कैमूर: खेतों में फसलों के अवशेष जलाए जाने से लोगों के जीवन पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. साथ ही वातावरण प्रदूषित होने से विभिन्न प्रकार की दूषित गैसों से लोगों को नुकसान पहुंच रहा है. इसके लिए जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस की. जिसमें उन्होंने किसानों से फसलों को खेतों में ना जलाने की अपील की है.
बिना रीपर के नहीं होगा हार्वेस्टर का उपयोग
जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में गेहूं और धान की फसल की कटाई के लिए हार्वेस्टर का उपयोग बिना रीपर के नहीं किया जाएगा. बिना रीपर के हार्वेस्टर चलाने वाले हार्वेस्टर संचालकों पर कार्रवाई की जाएगी. हार्वेस्टर में रीपर संयंत्र लगवाने के लिए जिला स्तर पर कृषि विभाग की देखरेख में कीमत तय की जाएगी ताकि हार्वेस्टर संचालकों को अधिक कीमत ना देनी पड़े.
कानूनी कार्रवाई की जाएगी
जिलाधिकारी ने कहा कि खेतों में फसल के जलाए जाने पर रोक लगाने के लिए सभी पंचायतों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि कृषि विभाग से संबंधित किसान सलाहकार समन्वयक तकनीकी सलाहकारों को जागरूक करेंगे. इस अभियान में पंचायतों के जनप्रतिनिधियों की भी मदद ली जाएगी.