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कैमूर: DM ने की किसानों से अपील- फसल की कटाई के लिए रीपर हार्वेस्टर का करें उपयोग

जिलाधिकारी ने किसानों से खेतों में फसल को न जलाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि इससे फसलों के उत्पादन में लाभदायक शुष्म जीव मर जाते है. जिसके चलते खेतों में जल धारण करने की क्षमता घट जाती है.

जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी
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Published : Nov 6, 2019, 11:56 PM IST

कैमूर: खेतों में फसलों के अवशेष जलाए जाने से लोगों के जीवन पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. साथ ही वातावरण प्रदूषित होने से विभिन्न प्रकार की दूषित गैसों से लोगों को नुकसान पहुंच रहा है. इसके लिए जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस की. जिसमें उन्होंने किसानों से फसलों को खेतों में ना जलाने की अपील की है.

DM ने की किसानों से अपील

बिना रीपर के नहीं होगा हार्वेस्टर का उपयोग

जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में गेहूं और धान की फसल की कटाई के लिए हार्वेस्टर का उपयोग बिना रीपर के नहीं किया जाएगा. बिना रीपर के हार्वेस्टर चलाने वाले हार्वेस्टर संचालकों पर कार्रवाई की जाएगी. हार्वेस्टर में रीपर संयंत्र लगवाने के लिए जिला स्तर पर कृषि विभाग की देखरेख में कीमत तय की जाएगी ताकि हार्वेस्टर संचालकों को अधिक कीमत ना देनी पड़े.

कानूनी कार्रवाई की जाएगी

जिलाधिकारी ने कहा कि खेतों में फसल के जलाए जाने पर रोक लगाने के लिए सभी पंचायतों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि कृषि विभाग से संबंधित किसान सलाहकार समन्वयक तकनीकी सलाहकारों को जागरूक करेंगे. इस अभियान में पंचायतों के जनप्रतिनिधियों की भी मदद ली जाएगी.

कैमूर: खेतों में फसलों के अवशेष जलाए जाने से लोगों के जीवन पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. साथ ही वातावरण प्रदूषित होने से विभिन्न प्रकार की दूषित गैसों से लोगों को नुकसान पहुंच रहा है. इसके लिए जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस की. जिसमें उन्होंने किसानों से फसलों को खेतों में ना जलाने की अपील की है.

DM ने की किसानों से अपील

बिना रीपर के नहीं होगा हार्वेस्टर का उपयोग

जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में गेहूं और धान की फसल की कटाई के लिए हार्वेस्टर का उपयोग बिना रीपर के नहीं किया जाएगा. बिना रीपर के हार्वेस्टर चलाने वाले हार्वेस्टर संचालकों पर कार्रवाई की जाएगी. हार्वेस्टर में रीपर संयंत्र लगवाने के लिए जिला स्तर पर कृषि विभाग की देखरेख में कीमत तय की जाएगी ताकि हार्वेस्टर संचालकों को अधिक कीमत ना देनी पड़े.

कानूनी कार्रवाई की जाएगी

जिलाधिकारी ने कहा कि खेतों में फसल के जलाए जाने पर रोक लगाने के लिए सभी पंचायतों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि कृषि विभाग से संबंधित किसान सलाहकार समन्वयक तकनीकी सलाहकारों को जागरूक करेंगे. इस अभियान में पंचायतों के जनप्रतिनिधियों की भी मदद ली जाएगी.

Intro:Body:कैमूर खेतों में फसलों के अवशेष जलाए जाने से होने वाले नुकसान के लोगों के जीवन पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है साथ ही वातावरण प्रदूषित होने से विभिन्न विभिन्न प्रकार की दूषित गैसों से जहां लोगों को हानि पहुंचा पहुंच रही वहीं अवशेष जलाने से खेतों की उर्वरा शक्ति नष्ट हो रही है फसल के अवशेष नहीं जलाने को ले बुधवार को जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से किसानों से अपील की फसलों के अवशेष खेतों में नहीं जलाएं।
पुष्कर फ्रिज के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि अब जिले में गेहूं व धान की फसल की कटाई के लिए हार्वेस्टर का उपयोग बिना रीपर के नहीं किया जाएगा बिना रीपर के हार्वेस्टर चलाने वाले हार्वेस्टर संचालकों के कार्रवाई की जाएगी उन्होंने प्रेस वार्ता में बताया यह हार्वेस्टर में रीपर संयंत्र लगवाने के लिए जिला स्तर पर कृषि विभाग की देखरेख में इसकी कीमत का निर्धारण भी किया जाएगा ताकि हार्वेस्टर संचालकों को अधिक कीमत नहीं देनी पड़े। जिलाधिकारी ने कहा कि खेतों में खड़ी फसल के अवशेष जलाने से मिट्टी में फसलों के उत्पादन में सहयोग करने वाले लाभदायक सुष्म जीव एवं किसान मित्र मर जाते हैं साथ ही खेतों में आग लगाने से माइक्रो राइजर के मर जाने से खेतों में जल धारण करने की क्षमता घट जाती है जिससे खेत जल्दी सूख जाते हैं साथ ही खेतों में आग लगाने से तरह-तरह की जहरीले गैस निकलती है इससे पर्यावरण प्रदूषण प्रभाव पड़ता है एवं पेड़ पौधों की पत्तियां मर जाती हैं साथी पेड़ सूख जाते हैं शूज पर जीव जंतुओं को सांस लेने में कठिनाई होती है मनुष्य को खुले वायु में सांस लेने की तरह तरह की बीमारियां भी होती हैं खेतों में आग लगाने से मिट्टी की ऊपरी परत आग से पक जाती है। जिससे उपज प्रभावित होती है साथी सभी तरह के लाभदायक मित्र पर जाते हैं उन्होंने कहा कि जिले में खेतों में फसल के अवशेष ही जलाए जाने को रोकने के लिए प्रखंड के सभी पंचायतों में ग्राम जन सहभागिता से जागरूकता अभियान चलाया जाएगा । किसानों को जागरूक करने के लिए कृषि विभाग से संबंधित किसान सलाहकार किसान समन्वयक तकनीकी सलाहकारों को को जागरूक किया जाएगा साथ ही जब पंचायतों के जनप्रतिनिधियों की भी जागरूकता अभियान में मदद ली जाएगी । जिलाधिकारी ने कहा कहां की खेतों में आग लगाने वाले किसानों की पहचान क्षेत्रीय कर्मी द्वारा की जाएगी जो किसान अपने खेतों में आग लगाते उन पर पुलिस द्वारा कानूनी कार्रवाई की जाएगी साथ में जेल भी जाना पड़ सकता है । Conclusion:
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