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गोल्ड मेडल जीतने के बाद भी नहीं मिला सम्मान, आर्थिक तंगी से जूझ रहीं दंगल बहनें

सरकार की तरफ से दोनों को कोई सुविधा नहीं दी गई. बड़ी बहन अनु गुप्ता ने 2016 से 2019 तक राज्य स्तर पर आयोजित दंगल प्रतियोगिता में 8 बार गोल्ड मेडल जीता है.

दंगल गर्ल अनु गुप्ता
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Published : Mar 8, 2019, 7:39 PM IST

कैमूर: जिले की अनु गुप्ता और प्रिया गुप्ता पूरे बिहार में दंगल बहनों के नाम से मशहूर है. कई बार राज्य स्तर पर गोल्ड मेडल जीतने वाली इन बहनों को आज तक कोई सरकारी मदद नहीं मिली है.

दोनों बहनों ने राष्ट्रीय स्तर पर बिहार का नाम रौशन किया है. लेकिन सरकार की तरफ से दोनों को कोई सुविधा नहीं दी गई. बड़ी बहन अनु गुप्ता ने 2016 से 2019 तक राज्य स्तर पर आयोजित दंगल प्रतियोगिता में 8 बार गोल्ड मेडल जीता है. यही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर भी सेमीफाइनल तक का सफर तय कर चूंकि हैं. वहीं, बड़ी बहन को देख छोटी बहन प्रिया गुप्ता ने भी दंगल में भाग लेना शुरू किया और जूनियर ऐज ग्रुप में राष्ट्रीय स्तर पर बिहार का प्रतिनिधित्व की है. लेकिन आज भी ये दोनों अपनी प्रतिभा को समेटे हुए अपने गांव में रहने को मजबूर हैं.

आर्थिक तंगी दूसरे राज्य में अभ्यास करने में रोड़ा
दरअसल, इस दंगल गर्ल की झोली में 8 गोल्ड मेडल है और महज 19 साल की उम्र में एक बार कोच बनने का गौरव प्राप्त हुआ है. लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से इनके सपने आज भी अधूरे हैं. परिवार में आर्थिक तंगी की वजह से दोनों अभ्यास के लिए दूसरे राज्य में नहीं जा सकती. हालांकि जिले में एकलव्य सेंटर है जहां लड़के दंगल की तैयारी करते हैं. लेकिन लड़कियों को वहां जाने का परमिशन नही हैं.

दंगल बहनों को नहीं मिली सरकार से मदद

साक्षी मालिक और दंगल फिल्म से प्रभावित हो शुरू किया दंगल
अनु ने बताया कि ओलंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक और दंगल फिल्म से काफी प्रभावित हैं. लेकिन फिल्म के दंगल में और असल जीवन के दंगल में बहुत फर्क हैं. आज उनके पास डाइट के लिए भी पैसे नहीं है और परिवार लाचार हैं. अनु ने बताया कि अयोध्या में रहकर वो दंगल की तैयारी करना चाहती हैं और देश के लिए ओलंपिक में मेडल जीत कर खुद का और देश का नाम रौशन करना चाहती हैं.

पूरा नहीं हुआ वादा

वहीं कुछ समय पहले केन्द्रीय राज्य मंत्री सह बक्सर सांसद अश्वनी चौबे ने अपने प्रतिनिधि को अनु के पास भेज था और वादा किया था कि उसे सम्मानित किया जाएगा. लेकिन ऐसा आज तक नहीं हो सका. इसी तरह रामगढ़ के भाजपा विधायक अशोक कुमार सिंह ने भी वादा किया था लेकिन आज तक विधायक जी और सांसद महोदय को अपने क्षेत्र की इस प्रतिभा पर नजर नहीं पड़ी.

कैमूर: जिले की अनु गुप्ता और प्रिया गुप्ता पूरे बिहार में दंगल बहनों के नाम से मशहूर है. कई बार राज्य स्तर पर गोल्ड मेडल जीतने वाली इन बहनों को आज तक कोई सरकारी मदद नहीं मिली है.

दोनों बहनों ने राष्ट्रीय स्तर पर बिहार का नाम रौशन किया है. लेकिन सरकार की तरफ से दोनों को कोई सुविधा नहीं दी गई. बड़ी बहन अनु गुप्ता ने 2016 से 2019 तक राज्य स्तर पर आयोजित दंगल प्रतियोगिता में 8 बार गोल्ड मेडल जीता है. यही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर भी सेमीफाइनल तक का सफर तय कर चूंकि हैं. वहीं, बड़ी बहन को देख छोटी बहन प्रिया गुप्ता ने भी दंगल में भाग लेना शुरू किया और जूनियर ऐज ग्रुप में राष्ट्रीय स्तर पर बिहार का प्रतिनिधित्व की है. लेकिन आज भी ये दोनों अपनी प्रतिभा को समेटे हुए अपने गांव में रहने को मजबूर हैं.

आर्थिक तंगी दूसरे राज्य में अभ्यास करने में रोड़ा
दरअसल, इस दंगल गर्ल की झोली में 8 गोल्ड मेडल है और महज 19 साल की उम्र में एक बार कोच बनने का गौरव प्राप्त हुआ है. लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से इनके सपने आज भी अधूरे हैं. परिवार में आर्थिक तंगी की वजह से दोनों अभ्यास के लिए दूसरे राज्य में नहीं जा सकती. हालांकि जिले में एकलव्य सेंटर है जहां लड़के दंगल की तैयारी करते हैं. लेकिन लड़कियों को वहां जाने का परमिशन नही हैं.

दंगल बहनों को नहीं मिली सरकार से मदद

साक्षी मालिक और दंगल फिल्म से प्रभावित हो शुरू किया दंगल
अनु ने बताया कि ओलंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक और दंगल फिल्म से काफी प्रभावित हैं. लेकिन फिल्म के दंगल में और असल जीवन के दंगल में बहुत फर्क हैं. आज उनके पास डाइट के लिए भी पैसे नहीं है और परिवार लाचार हैं. अनु ने बताया कि अयोध्या में रहकर वो दंगल की तैयारी करना चाहती हैं और देश के लिए ओलंपिक में मेडल जीत कर खुद का और देश का नाम रौशन करना चाहती हैं.

पूरा नहीं हुआ वादा

वहीं कुछ समय पहले केन्द्रीय राज्य मंत्री सह बक्सर सांसद अश्वनी चौबे ने अपने प्रतिनिधि को अनु के पास भेज था और वादा किया था कि उसे सम्मानित किया जाएगा. लेकिन ऐसा आज तक नहीं हो सका. इसी तरह रामगढ़ के भाजपा विधायक अशोक कुमार सिंह ने भी वादा किया था लेकिन आज तक विधायक जी और सांसद महोदय को अपने क्षेत्र की इस प्रतिभा पर नजर नहीं पड़ी.

Intro:कैमूर।
बिहार की दंगल बहनों को नही मिलता हैं कोई सरकारी सहायता लड़कों के साथ करती है पहलवानी। जिले के नुआंव प्रखंड की अनु गुप्ता और प्रिया गुप्ता बिहार की दंगल बहनों ने कई बार राज्य स्तर पर गोल्ड मैडल जीता और राज्य का प्रतिनिधित्व राष्ट्रीय स्तर पर किया लेकिन आज भी डाइट के लिए दर बदर भटकती हैं।


Body:जिले की दोनों दोनों बहनों में राष्ट्रीय स्तर पर बिहार का नाम रौशन किया लेकिन सरकार की तरफ से दोनों को कोई सुविधा आज तक नही दी जाती हैं। बड़ी बहन अनु गुप्ता ने तो 2016 से 2019 तक में राज्य स्तर पर आयोजित दंगल प्रतियोगिता में 8 बार गोल्ड मैडल जीता और राज्य का राष्ट्र स्तर पर किया। यही नही राष्ट्रीय स्तर पर भी सेमीफाइनल तक का सफर तय किया लेकिन दुर्भाग्य यह है कि आज भी ऐसे प्रतिभा की कद्र बिहार में नही हैं। बड़ी बहन को देख छोटी बहन प्रिया गुप्ता ने भी दंगल में भाग लेना शुरू किया और जूनियर ऐज ग्रुप में राष्ट्रीय स्तर पर बिहार का प्रतिनिधित्व कर चूंकि है लेकिन आज भी अपनी प्रतिभा को समेटे हुए अपने गांव में रहने को मजबूर हैं।


आर्थिक तंगी दूसरे राज्य में अभ्यास करने में रोड़ा।
जिले के इस दंगल गर्ल के झोली में 8 गोल्ड मेडल है और महज 19 साल की उम्र में एक बार कोच बनने का गौरव प्राप्त हैं। लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से सपने अधूरे हैं। देश के लिए मैडल न लाने का दिल मे दर्द दिमाग मे खुराक की चिंता फिर भी हौसला बुलन्द। दुर्गावति के आदर्श नुआंव निवासी माता विद्या देवी और पिता भगवान शाह भी बेटी की मदद नही कर पाते हैं। पिता मरीज तो मां गृहणी है। परिवार में कुल 10 सदस्य है और एक दुकान के सहारे चलता है सभी का जीवन। मां बाप ने भी हाथ जोड़ कर सरकार से प्राथना किया कि बेटी की सपनों को पूरा करने में सरकार मदद करें और बेटी देश के लिए मेडल लाए।


साक्षी मालिक और दंगल फ़िल्म से प्रभावित हो शुरू किया दंगल
अनु ने बताया कि ओलंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक और दंगल फ़िल्म से काफी प्रभावित हैं। लेकिन फ़िल्म के दंगल में और असल जीवन के दंगल में बहुत फर्क हैं। आज डाइट के लिए भी पैसे नही है और परिवार लाचार हैं।

अयोध्या में करना चाहती है तैयारी
अनु ने बताया कि अयोध्या में रहकर वो दंगल की तैयारी करना चाहती हैं और देश के लिए ओलंपिक में मेडल जीत कर खुद का और देश का नाम रौशन करना चाहती हैं।

जिले के एकलव्य सेन्टर में लड़कियों की नही है व्यवस्था
अनु ने बताया कि जिले में एकलव्य सेन्टर है जहाँ लड़के लोग दंगल की तैयारी करते है लेकिन उन्हें वहां जाने की परमिशन नही हैं। फिर में कुछ दिनों तक उन्होनें सेन्टर में लड़कों के साथ प्रैक्टिस की हैं। हाल ही में दंगल प्रतियोगिता में अनु ने बक्सर के लड़के से मुकाबला किया था और खेल बराबरी पर छुटा था।


केन्द्रीय राज्य मंत्री सह बक्सर सांसद अश्वनी चौबे ने अपने प्रतिनिधि को अनु के पास भेज था और वादा किया था कि उसे सम्मानित करेंगे लेकिन ऐसा आज तक नही हो सका। इसी तरह रामगढ़ के भाजपा विधायक अशोक कुमार सिंह ने भी वादा किया था लेकिन आज तक विधायक जी और सांसद महोदय को अपने क्षेत्र की इस प्रतिभा पर नजर नही पड़ी। जिसके वजह से दोनो दंगल बहने डाइट के लिए मसकत कर रही हैं।


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